शिव मंत्र मोक्ष की प्राप्ति और मृत्यु के भय भंजन के लिए एक प्रभावी मंत्र माना जाता है। शिव मंत्र में नकारात्मक विचारों को सकारात्मकता में बदलने की शक्ति है।
शिव मंत्र शिव तत्व का आह्वान करता है जिस से मार्ग में आनेवाले शत्रुओं को स्थिर करके उनका विनाश होता है। शिव मंत्र ' रक्षा कवच मंत्र ' भी कहा जाता है क्योंकि यह हमारी संकट , आशंका और शत्रुओं से रक्षा करता है। चतुर्दशी पर शिव मंत्र का जप बहुत ही प्रभावी और शुभ माना जाता है। शिव मंत्र का नियमित जप जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता और समृद्धि को आकर्षित करता है।
रुद्राक्ष माला
श्वेत पुष्प , काला तिल
शुभ नक्षत्र , शुभ तिथि , चन्द्रमावली , शिव वश
१,२५,००० बार
भगवान शिव, शिव मंत्र के देवता हैं। शिव का शाब्दिक अर्थ है "जो अनंत रूप से शुद्ध है" या "वह जो प्रकृति के तीन गुणों (सत्व, राजस और तामस) से प्रभावित नहीं है"। 'शिव 'शब्द का अर्थ है शुभता और पूर्णता। शिव सभी मंत्र के पीछे की शक्ति है। शिव 'अमरता' के स्वामी हैं। शिव वह है जिसने मृत्यु पर विजय प्राप्त की है। उनके नाम का अत्यधिक उच्चारण मन, शरीर और आत्मा का कायाकल्प करता है। शिव मंत्रों में अत्यधिक उपचार शक्तियां हैं। शिव मंत्रों में किसी की इच्छा को पूरा करने की शक्ति है। परम मुक्ति (मोक्ष ) की प्राप्ति के लिए भी शिव मंत्र का उपयोग किया जा सकता है।
शिव मंत्र मुख्य रूप से भय को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है; विशेषतः परिवर्तन का भय। रोग, दुख, भय आदि से रक्षा के लिए शिव मंत्र का जप किया जाता है। इस मंत्र के जप से सफलता और सिद्धि मिलती है। शिव मंत्र में किसी व्यक्ति की आंतरिक क्षमता और शक्ति को बढ़ाने की शक्ति है। शिव मंत्र द्वारा तनाव, अस्वीकृति ,विफलता,अवसाद और अन्य नकारात्मक शक्तियों से ग्रसित शरीर , मन और आत्मा की शुद्धि होती है , जिनका सामना हम अपने दैनिक जीवन में करते हैं। शिव मंत्र का जप तब करना है जब कोई व्यक्ति स्वयं को शारीरिक और मानसिक स्तर पर कमजोर और ऊर्जारहित प्रतीत करता है। शिव मंत्र जप एक ज्योतिषीय उपाय भी है जो जन्म कुंडली में स्थित मारक ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
यह शिव मंत्र मोक्ष की प्राप्ति और मृत्यु के भय को नष्ट करने के लिए सर्वश्रेष्ठ है। यह शिव मंत्र रोग, दुःख, भय आदि के उन्मूलन के लिए प्रभावी माना जाता है। इस मंत्र का पाठ करने से सफलता मिलती है और सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
ॐ नमः शिवाय ।
इसे रुद्र मंत्र के रूप में जाना जाता है। भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए रुद्र मंत्र का पाठ किया जाता है। यह किसी की इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रभावी माना जाता है।
ॐ नमो भगवते रूद्राय ।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात ।
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं । विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥
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