मकर राशि के जातकों के लिए सितम्बर का महीना करियर के लिहाज़ से उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा। महीने की शुरुआत में कार्यस्थल पर छोटी-छोटी चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं। सहकर्मियों या वरिष्ठों से मतभेद की स्थिति भी बन सकती है, इसलिए अपने व्यवहार और वाणी में संयम बनाए रखना आवश्यक होगा। यदि आप धैर्य से काम करेंगे, तो समस्याएँ खुद ही सुलझ जाएँगी। नौकरी में कार्यभार अधिक रहेगा, लेकिन मेहनत के अनुरूप सफलता भी मिलेगी। 15 सितम्बर के बाद स्थितियाँ सुधरने लगेंगी। इस दौरान आपको पदोन्नति या बेहतर अवसर मिलने के संकेत हैं। व्यापारियों के लिए यह महीना अवसरों से भरा रहेगा। शुरुआत में ही कुछ नए संपर्क जुड़ सकते हैं, जिनसे आपके काम को बढ़ावा मिलेगा। महीने के पूर्वार्ध में व्यापार की प्रगति होगी, लेकिन उत्तरार्ध में थोड़ी सावधानी बरतनी होगी। साझेदारी में काम करने वालों को भी सावधान रहना चाहिए, क्योंकि गलतफहमियाँ विवाद को जन्म दे सकती हैं। कुल मिलाकर, यह महीना आपकी मेहनत की परीक्षा लेगा, लेकिन धैर्य और संतुलन के साथ आगे बढ़ने पर सफलता मिलेगी।
आर्थिक दृष्टिकोण से सितम्बर मकर राशि के लिए उतार-चढ़ाव लेकर आएगा। राहु के दूसरे भाव में होने से आप धन संचित तो कर पाएंगे, लेकिन परिवार में आर्थिक मामलों को लेकर तनाव बढ़ सकता है। शनि तीसरे भाव में रहकर आपके प्रयासों से धन अर्जित करवाएंगे और यात्राओं से भी लाभ होगा। विदेशी स्रोतों से भी आय के योग बनेंगे। हालांकि, महीने की शुरुआत में सूर्य, बुध और केतु का अष्टम भाव में होना अचानक धन हानि का संकेत देता है, इसलिए किसी बड़े निवेश से बचें। 13 सितम्बर से मंगल दशम भाव में आएंगे, जिससे अचल संपत्ति या प्रॉपर्टी से जुड़े सौदे संभव होंगे। वहीं, 15 से बुध और 17 से सूर्य के नवम भाव में प्रवेश करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इस दौरान आपकी मेहनत और भाग्य का संतुलन आपको अच्छे परिणाम देगा। 15 से शुक्र अष्टम भाव में रहेंगे, जिससे छुपे हुए खर्च सामने आ सकते हैं। शेयर बाजार या सट्टेबाज़ी में निवेश करते समय अत्यधिक सावधानी ज़रूरी है। यदि आप योजनाबद्ध ढंग से खर्च और बचत करेंगे, तो आर्थिक स्थिति स्थिर बनी रहेगी।
स्वास्थ्य के मामले में यह महीना मकर राशि वालों के लिए सावधानी मांगने वाला रहेगा। शनि तीसरे भाव में और राहु दूसरे भाव में रहने से मौसमी रोगों और खानपान से जुड़ी समस्याएँ बढ़ सकती हैं। खासकर भोजन की अनियमितता से फूड प्वाइज़निंग, एसिडिटी या पाचन तंत्र की गड़बड़ी हो सकती है। अष्टम भाव में केतु, सूर्य और बुध की युति स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। कान, गला या कंधों से जुड़ी दिक्कतें भी परेशान कर सकती हैं। 13 सितम्बर से मंगल के दशम भाव में आने से ऊर्जा में सुधार होगा और पहले की समस्याओं में कमी आएगी। लेकिन 15 से शुक्र के अष्टम भाव में आ जाने से आलस्य और खानपान में लापरवाही से परेशानी बढ़ सकती है। इस महीने हल्का और सुपाच्य भोजन करें। व्यायाम, योग और प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल करें। यदि पहले से कोई पुरानी बीमारी है, तो उसे नज़रअंदाज न करें और समय पर चिकित्सक की सलाह लें।
प्रेम और पारिवारिक जीवन के लिहाज़ से यह महीना सामान्य से थोड़ा बेहतर रहेगा। अविवाहित जातकों के लिए प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी और विवाह तक बात पहुंच सकती है। प्रेमी युगल एक-दूसरे के प्रति ईमानदार रहेंगे और रिश्ते को गंभीरता से आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। विवाहित जातकों के लिए भी समय अच्छा रहेगा, खासकर महीने का पूर्वार्ध। जीवनसाथी के साथ प्रेम और सामंजस्य बढ़ेगा। हालांकि, उत्तरार्ध में जब शुक्र अष्टम भाव में जाएंगे, तब ससुराल पक्ष से कुछ तनाव या कहासुनी की स्थिति बन सकती है। पारिवारिक जीवन की दृष्टि से शुरुआत में सामंजस्य बना रहेगा और माता-पिता का सहयोग मिलेगा। संपत्ति या घर से जुड़ा कोई सौदा लाभदायक हो सकता है। लेकिन 13 सितम्बर से मंगल दशम भाव में आकर पारिवारिक जीवन में हलचल ला सकते हैं। भाई-बहनों से छोटे-मोटे मतभेद हो सकते हैं, जिन्हें धैर्य और बातचीत से सुलझाना ज़रूरी होगा। बृहस्पति का प्रभाव सकारात्मक रहेगा और परिवार में आने वाली समस्याएँ धीरे-धीरे सुलझेंगी। कुल मिलाकर, धैर्य और संयम से आप पारिवारिक रिश्तों को संतुलित बनाए रख पाएंगे।