राहु-केतु गोचर 2023: नए संभावनाओं का आरंभ
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राहु और केतु दो महत्वपूर्ण ग्रहों में माने जाते हैं। आपकी कुंडली में इन दोनों की उपस्थिति तथा गोचर के कारण कई उतार-चढ़ाव देखे जा सकते हैं। आज इस ब्लॉग में हम राहु तथा केतु के एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करने से उस राशि के जातकों पर उसका क्या प्रभाव पड़ेगा, ये जानेंगे।
सबसे पहले बात करते हैं राहु के मीन राशि में गोचर के विषय में
वर्ष 2023 में राहु का मीन राशि में गोचर 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 32 मिनट पर होने वाला है। इस समय अवधि में राहु मीन राशि में प्रवेश करेंगे। राहु का ये गोचर प्रत्येक राशि में लगभग अठारह महीने तक चलता है। इस गोचर का प्रभाव जातकों को उनकी जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति, दशा, महादशा तथा अंतर्दशा के आधार पर अलग-अलग प्राप्त होता है।
राहु के मीन राशि में गोचर का प्रभाव उन लोगों पर सबसे अधिक होगा जो वर्तमान समय में राहु की दशा या अन्तर्दशा से गुजर रहे होंगे।
मीन राशि में राहु के गोचर का सकारात्मक प्रभाव
राशि चक्र के माध्यम से राहु की गोचर यात्रा आपके जीवन में हो रहे उतार-चढ़ाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। राहु के इस गोचर का आपके जीवन में क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, आइये जानते हैं:
- राहु के मीन राशि में प्रवेश करते ही आपके जीवन में कुछ सकारात्मक बदलाव आयेंगे, जैसे आपकी रचनात्मक तथा काल्पनिक शक्ति में बढ़ोतरी होगी।
- राहु के मीन राशि में गोचर के दौरान, मीन राशि के स्वामी बृहस्पति के गुणों को राहु ग्रहण कर लेते हैं, जिसका प्रभाव आपके जीवन में कई सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा। आपके भीतर एक नयी ऊर्जा का संचार होगा, आपके मन में किसी भी परिस्थिति का सामना करने का आत्मविश्वास बढ़ेगा।
- इस गोचर अवधि के दौरान आपके जीवन की गहरी वास्तविकता से आपका सामना होगा। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का एक दृढ़संकल्प आपके मन में विकसित होगा।
- मीन राशि में राहु की उपस्थिति आपके जीवन में चुनौतियाँ तो पैदा करेगी किन्तु उससे लड़ने की क्षमता भी आपको प्रदान करेगी।
- कर्म संबंधी सीख प्रदान करने के लिए भी राहु जाना जाता है। अतः आप अपने जीवन में जितने अच्छे कार्य करेंगे, आपको उतने ही अच्छे परिणाम भी प्राप्त होंगे।
- कला तथा रचनात्मक क्षेत्र में आपकी रूचि आपको सफलता के मार्ग पर लेकर जा सकती है। आपकी जिस कार्य में रूचि हो आप वही कार्य करें।
- राहु के मीन राशि में गोचर से आपके जीवन में अचानक कई परिवर्तन हो सकते हैं, विशेष रूप से आपके भावनात्मक क्षेत्र में कई परिवर्तन हो सकते हैं। अपने पारिवारिक संबंधों के लिए समय निकाले। अपने जीवनसाथी के साथ समय व्यतीत करें। परिवार के लोगों के साथ बातचीत करें, उनके प्रति आपकी जो भी जिम्मेदारियां है, उन्हें पूरा करें। यदि आप ऐसा करने में सफल हो जायेंगे तो इसका शुभ प्रभाव सीधा आपके व्यक्तिगत जीवन में भी देखने को मिलेगा। यदि आपके परिवार के सदस्य आप से खुश रहेंगे तो आपको भी मानसिक शांति प्राप्त होगी।
मीन राशि में राहु के गोचर का नकारात्मक प्रभाव:
- जिन जातकों के जीवन में कई तरह की परेशानियां चल रही है और किसी भी प्रकार से उसका समाधान नहीं मिल रहा है तो ऐसी परिस्थिति जातकों की धार्मिक श्रद्धा थोड़ी कम हो सकती है।
- मीन राशि के संवेदनशील व्यक्ति के जीवन में ये गोचर उलझन उत्पन्न कर सकता है, जिसके कारण उन व्यक्तियों को अपने ही संबंधों तथा कार्यो के प्रति संदेह की भावना पैदा होने की संभावना बन सकती है।
- इस गोचर के दौरान जातक कई बार वैसी चीजों में विश्वास कर सकते हैं, जिसका वास्तविक जीवन से कोई संबंध संभव नहीं है। ऐसी परिस्थिति उनके जीवन में परेशानी का कारण बन सकती है।
उपाय
उपाय
- राहु के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए 'ॐ रां राहवे नमः' मंत्र का प्रतिदिन जाप करें।
- शनिवार को राहु मंत्र 'ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:' का 108 बार जाप करें।
- अपने घर के आसपास आ रहें पक्षियों को प्रतिदिन बाजरे का दाना खिलाएं।
- एक नारियल को ग्यारह साबुत बादाम के साथ एक काले वस्त्र में बांधकर किसी बहती नदी में प्रवाहित करें।
- अपने घर के नैऋत्य कोण में पीले रंग के फूल अवश्य लगाएं।
- इस अवधि के दौरान मांस-मदिरा तथा किसी प्रकार के नशीली पदार्थ से दूर रहें।
- 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल, ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।' मंत्र का जाप प्रतिदिन सुबह पूजा के समय करें।
ध्यान रहें आप जो भी विधि या उपाय कर रहें हैं, उसे पूरी श्रद्धा और नियम के साथ करें। किसी भी प्रकार की गलती न करें।
केतु का कन्या राशि में गोचर
वर्ष 2023 में कई ग्रहों के गोचर हुए और कुछ होने अभी बाकि है। उनमें से ही एक गोचर के विषय में आज हम बात करने वाले है और वो गोचर हो केतु का कन्या राशि में गोचर। केतु के कन्या राशि में गोचर करने से सभी व्यक्तियों पर इसके अलग-अलग प्रभाव पड़ेंगे। ये प्रभावों की भिन्नता उनकी कुंडली के कारण होगी।
केतु 30 अक्टूबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर तुला राशि से निकलकर बुध की राशि कन्या राशि में प्रवेश करेंगे।
कन्या राशि के जातकों के लिए केतु प्रथम भाव में गोचर करेंगे। इस गोचर के प्रभाव के कारण आपके व्यवहार में कुछ परिवर्तन आने की संभावना है।
केतु का कन्या राशि में गोचर का सकारात्मक प्रभाव
ये गोचर आपके लिए लाभकारी तथा भाग्यशाली सिद्ध हो सकता है। इस गोचर के प्रभाव से आपके संबंधों में भी सुधार होगा। परिवार के लोग आप से खुश रहेंगे।
- वैवाहिक जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव तथा थोड़े मन-मिटाव हो सकते हैं किन्तु अपने जीवनसाथी के साथ थोड़ा समय व्यतीत करके आप सभी परेशानियों को दूर कर सकते हैं।
- आपकी आर्थिक समस्या का समाधान होगा। व्यापार से जुड़े लोगों को लाभ होने की संभावना है तथा नौकरी ढूंढ रहें लोगों को नौकरी प्राप्त होगी। इस गोचर अवधि में आपके जीवन में आर्थिक स्थिरता आएगी।
- जो लोग लगातार परिश्रम कर रहें हैं तथा एक अच्छे अवसर की खोज में हैं, जिससे वो स्वयं को सिद्ध कर सके तो ऐसे लोगों की प्रतीक्षा इस गोचर अवधि में समाप्त होगी क्योंकि उन सभी मेहनती लोगों को उनके मेहनत का परिणाम इस गोचर अवधि में प्राप्त होगा।
- धार्मिक यात्राओं पर जा सकते हैं। ईश्वर के प्रति आपकी आस्था बढ़ेगी।
केतु का कन्या राशि में गोचर का नकारात्मक प्रभाव
- आपको अपनी वाणी पर थोड़ा नियंत्रण रहना होगा, नहीं तो आप अपनी वाणी के कारण कई लोगों को दुखी कर सकते हैं। इसका नकारात्मक परिणाम आपके व्यक्तिगत जीवन पर भी देखने को मिल सकता है।
- आपको अपने स्वास्थ्य का अत्यंत ध्यान रखना होगा। बाहर का भोजन, जंक फ़ूड इस अब चीजों आपको दूर रहना होगा। भोजन में परहेज यदि आप नहीं करेंगे तो इसका प्रभाव आपके व्यक्तिगत जीवन में मानसिक तनाव के रूप में सामने आ सकता है। अतः इस गोचर अवधि में अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखें।
- यदि आप अपने ऑफिस के किसी विवादी मामलों में पड़ने की कोशिश करेंगे तो इसका बुरा प्रभाव आपके जीवन पर भी पड़ सकता है। आपको मानसिक दबाव महसूस होगा तथा आपकी नौकरी पर भी खतरा हो सकता है। आपके ऑफिस में आपकी पूरी छवि भी खराब हो सकती है।
- यदि आपके कोई शत्रु है तो इस गोचर अवधि में आपको उनसे सावधान रहने की आवश्यकता है। आँख बंद करके किसी पर भी भरोसा न करें अन्यथा आप किसी बड़े षड़यंत्र के शिकार हो सकते हैं।
- यदि आपको स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी परेशानी महसूस हो रही है तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। किसी भी स्वास्थ्य संबंधित छोटी परेशानी को भी अनदेखा करने की कोशिश न करें अन्यथा वो बड़ी बीमारी का कारण बन सकती है।
उपाय
उपाय
- यदि केतु का ये गोचर आपके जीवन में नकारात्मक प्रभाव लेकर आया है तो आप शनिवार के दिन का व्रत करें।
- प्रतिदिन केतु की शांति के लिए 'ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:' मंत्र 18 बार का जाप करें।
- शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाना भी आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
- गोचर के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए कंबल, छाता, लोहा, उड़द दाल, गर्म कपड़े आदि का दान करें।
- भगवान गणेश जी की पूजा करें। उन्हें मोदक भोग में चढ़ायें।
- अपने आस-पास के कुत्तों को दूध और रोटी खिलाएं या किसी कुत्ते को आप अपने घर पर पाल भी सकते हैं।
- यदि आप इस गोचर अवधि में आर्थिक प्रगति चाहते हैं तो अपने बटुए में चांदी की बनी कोई ठोस वस्तु रखें।
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