क्या आप जानते हैं कि आपकी कुंडली के ग्रह कैसे आपके विवाह व जीवनसाथी को प्रभावित करते हैं ?

कुंडली में सप्तम भाव विवाह का भाव होता है। यह भाव कुंडली का वह स्थान है जो आपका आपके जीवनसाथी के साथ आपके संबंध को निर्धारित करता है। कुंडली में कुल बारह भाव होते हैं किन्तु धन तथा करियर वाले भाव के बाद एक यही भाव है जो आपको सबसे अधिक परेशान कर सकता है।
प्रेम, विश्वास तथा किसी भी संबंध को बनाये रखने की इच्छा, ये तीन ऐसी चीजें है जो आपका आपके जीवनसाथी के साथ संबंध निर्धारित कर सकता है। सप्तम भाव आपके कर्म से भी संबंधित होता है।
इस भाव में उपस्थित प्रत्येक ग्रह विशिष्ट प्रभाव प्रकट करता है तथा आपका जीवनसाथी कैसा हो इस बात को भी निर्धारित करता है।
सप्तम भाव में प्रत्येक ग्रह के प्रभाव से आपको कैसा जीवनसाथी प्राप्त होगा, आइये जानते हैं:
आपके सप्तम भाव में स्थित ग्रह व अपने भावी जीवनसाथी के बारे में जानने के लिए, हमारे निःशुल्क कुंडली कैलकुलेटर का उपयोग करें।
सप्तम भाव में सूर्य:
सूर्य एक गर्म ग्रह है तथा ये प्रकाश और प्रभुत्व का प्रतिनिधित्व करता है। यदि सूर्य आपके सप्तम भाव में उपस्थित है तो आपको एक ऐसा जीवनसाथी प्राप्त होगा जो वास्तव में बुद्धिमान तथा तेज हो।
विवाह वाले भाव में सूर्य की उपस्थिति आपको एक ऐसे जीवनसाथी का आशीर्वाद देती है जो सदैव आपकी रक्षा करेगा किन्तु इसे प्राप्त करने में आपको कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
आपका जीवनसाथी स्वभाव से आत्मविश्वासी तथा भावुक होगा किन्तु थोड़ा अहंकारी भी हो सकता है । उनका यही अहंकार आपके विवाह में अड़चन पैदा कर सकता है।
सप्तम भाव में चन्द्रमा:
आपकी कुंडली के सप्तम भाव में चन्द्रमा की उपस्थिति आपको ऐसे जीवनसाथी का आशीर्वाद देता है जो स्वभाव से भावनात्मक होगा। चन्द्रमा को उसके चक्रों के कारण जाना जाता है जिसमें सबसे प्रमुख है पूर्णिमा तथा अमावस्या। इन चक्रों के समानांतर आपके सप्तम भाव में उपस्थित चंद्रमा इस बात की ओर भी इशारा करता है कि आपके जीवनसाथी की मनोदशा क्षणिक होगी अर्थात जब वो खुश होंगे तो अत्यंत खुश होंगे तथा जब वो क्रोध में होंगे तो उनके क्रोध को काबू में करना थोड़ा कठिन होगा।
चन्द्रमा मन का प्रतीक होता है और यही कारण है कि सप्तम भाव में चन्द्रमा की उपस्थिति से आपका जीवनसाथी आपकी भावनाओं को समझने में सक्षम होगा।
जब भी कभी आप अधिक उदास या परेशान रहेंगे तो आपके जीवनसाथी आपकी मनोदशा को समझने की कोशिश करेंगे। आपका जीवनसाथी आपके सामान उम्र का या आपसे छोटा हो सकता है।
सप्तम भाव में मंगल:
सप्तम भाव में मंगल की उपस्थिति से आपको एक आत्मविश्वासी जीवनसाथी प्राप्त होगा। वह जीवन के प्रति भावुक होगा तथा उसमें कामुकता की चाह भी होगी। मंगल ग्रह को अंगारक ग्रह भी कहा जाता है जिसका अर्थ है गरम चिंगारी या गरम कोयला।
अब मंगल की आपकी कुंडली के सप्तम भाव में उपस्थिति आपको एक ऐसे जीवनसाथी का आशीर्वाद देती है जो स्वभाव से गर्म मिजाज का तो होगा किन्तु कठिन समय आने पर सदैव आपके साथ खड़ा रहेगा, आपकी भावना को समझने की पूरी कोशिश करेगा।
कई बार आपके जीवनसाथी जीवन के कुछ निर्णय जल्दबाजी में लेंगे जिसके कारण आपको कुछ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
सप्तम भाव में बुध:
सप्तम भाव में बुध की उपस्थिति आपको एक ऐसा जीवनसाथी प्रदान करेगा जो आकर्षक, मजाकिया तथा समझदार होगा। आप अपने जीवनसाथी के साथ बातचीत कर उसके वार्तालाप कौशल पर तुरंत मोहित हो जायेंगे।
एलेनोर रूज़वेल्ट ने कहा है कि , "महिला एक टी बैग की तरह है - आप यह नहीं बता सकते कि वह कितनी मजबूत है जब तक आप उसे गर्म पानी में नहीं डालते"।
लेकिन यहाँ ये पंक्तियाँ सप्तम भाव में पुरुषों के लिए भी सही सिद्ध होती है। विवाह के भाव में बुध की उपस्थिति होने से आपके जीवनसाथी में बच्चें वाला गुण होने के बाद भी वो कठिन परिस्थिति के आने पर उतनी ही मजबूती से उस कठिन परिस्थिति का भी सामना करेंगे ।
आपका आपके जीवनसाथी के साथ एक सामान्य जीवनसाथी के संबंध के अलावा एक मित्र का संबंध भी होगा। इसमें कोई संदेह नहीं कि आपका जीवनसाथी एक प्रतिभाशाली वक्ता होने के साथ-साथ अत्यधिक अनुकूलनीय व्यक्ति भी होगा। आपके अनुभवों के प्रति संवेदनशील, आपका जीवनसाथी, दूसरी ओर, अत्यधिक आलोचनात्मक और अनिर्णायक हो सकता है।
सप्तम भाव में बृहस्पति:
सप्तम भाव में बृहस्पति की उपस्थिति आपको एक ऐसे जीवनसाथी का आशीर्वाद देती है जो शक्तिशाली, सकारात्मक विचारों वाला व्यक्ति होगा। यह ग्रह विस्तार और भाग्य को दर्शाता है, इसलिए, आपका साथी आपके लिए भाग्यशाली साबित हो सकता है!
आपका जीवनसाथी आकर्षक, समझदार तथा नए विचारों के प्रति समर्पित होगा। स्वभाव से ईमानदार तथा चंचलता का एक आदर्श होगा, किसी भी कठिन परिस्थिति से बाहर कैसे आए इस बात की भी उन्हें अच्छी जानकारी होगी।
आपको एक पढ़ा-लिखा समझदार जीवनसाथी प्राप्त होगा। इस बात की भी प्रबल संभावना है कि आपके साथी का शैक्षणिक कौशल उल्लेखनीय हो सकता है।
कुल मिलाकर ऐसा कहा जा सकता है कि आपका जीवनसाथी बहुत ही अच्छा और समझदार होगा जो हर परिस्थिति में आपके साथ खड़ा होगा। लेकिन, दूसरी ओर, आपका जीवनसाथी ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्च कर सकता है या अति-आत्मविश्वासी हो सकता है।
सप्तम भाव में शुक्र:
शुक्र को सुंदरता का प्रतीक माना गया है। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र की स्थिति शुभ होती है, उनका व्यक्तित्व आकर्षित होता है। ऐसे में सप्तम भाव में शुक्र की उपस्थिति आपको एक आकर्षक जीवनसाथी का आशीर्वाद प्रदान करेगी। आपको एक आदर्श जीवनसाथी प्राप्त होगा जो प्रेम, कलात्मक प्रतिभा तथा यौन आकर्षण से परिपूर्ण होगा।
यदि नकारात्मक पक्ष की बात करें तो यह ग्रह आपको एक ऐसे जीवनसाथी का आशीर्वाद प्रदान करेगा को अतिभोगी हो सकता है तथा जो भौतिक वस्तुओं के प्रति आकर्षित हो सकता है। अपने वैवाहिक जीवन में आप प्रसन्न तो रहेंगे ही साथ ही सुरक्षित भी महसूस करेंगे।
आपका जीवनसाथी आनंदमय जीवन देने के अलावा आपको सुरक्षा भी प्रदान करेगा। भविष्य में कभी आपके वैवाहिक जीवन में यदि कोई मनमिटाव हो तो आपके जीवनसाथी समझदारी से उस मनमिटाव को दूर करेंगे।
सप्तम भाव में शनि:
शनि को एक क्रूर तथा डरावना ग्रह माना जाता है। सप्तम भाव में शनि की उपस्थिति भी इसी डर का प्रतिनिधित्व करती है अर्थात इस भाव में शनि की उपस्थिति होने से असफल विवाह की प्रबल संभावना होती है किन्तु ऐसा आवश्यक नहीं है कि सभी विवाह असफल ही हो।
क्रूर होने के साथ-साथ शनि कर्म के देवता भी माने जाते हैं ऐसे में आपके अच्छे कर्म भी आपको एक अच्छे जीवनसाथी का आशीर्वाद प्रदान कर सकता है। शनि की उपस्थिति एक शिक्षक की भाति होती है यह आपको अपने जीवन में बहुत कुछ सीखने के अवसर भी प्रदान करता है।
आपकी कुंडली में शनि की स्थिति आपके कर्मो को संतुलित करते हैं। शनि की उपस्थिति आपके विवाहित जीवन में आने वाली परेशानी से निकालने के लिए आपको सहनशक्ति प्रदान करेंगे। कई बार शनि की उपस्थिति ही आपके वैवाहिक जीवन को मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
सप्तम भाव में राहु:
सप्तम भाव में राहु की उपस्थिति आपको एक ऐसे जीवनसाथी का आशीर्वाद देगी जो साहसी हो तथा कठिन परिस्थिति में भी निर्णय लेने का कौशल रखते हो। सप्तम भाव में राहु की उपस्थिति से ऐसी भी संभावना होती है कि आपका जीवनसाथी थोड़ा चालाक या स्वार्थी भी हो सकता है। उसका मनमौजी होना आपके विवाह के लिए एक समस्या का कारण बन सकता है।
सप्तम भाव में राहु की उपस्थिति से आपका विवाह देरी से हो सकता है या फिर विवाह के बाद विचार न मिलने पर तलाक की भी संभावना हो सकती है।
सप्तम भाव में राहु की उपस्थिति से आपका विवाह देरी से हो सकता है या फिर विवाह के बाद विचार न मिलने पर तलाक की भी संभावना हो सकती है।
सप्तम भाव में केतु:
सप्तम भाव में केतु की उपस्थिति आपको एक ऐसे जीवनसाथी का आशीर्वाद प्रदान करेगा जो आध्यात्मिक प्रवृति का होगा। आपका जीवनसाथी भावनात्मक स्थिरता तथा तीव्र मानसिकता का भी प्रतिनिधित्व करेगा। सप्तम भाव में केतु की उपस्थिति आपको एक ऐसे जीवनसाथी का आशीर्वाद देता है जो प्रत्येक स्थिति में चाहे वो खुशी की स्थिति हो या दुख की, आपके साथ खड़े रहेंगे।
आपके जीवनसाथी को भौतिक सुख का कोई लोभ नहीं होगा। धन-संपत्ति तथा सामाजिक प्रतिष्ठा इस सब की मोहमाया से आपके जीवनसाथी हमेशा दूर रहेंगे। आपके जीवनसाथी में भी स्पष्टता और जीवन की दिशा की समझ की कमी हो सकती है। ऐसी परिस्थिति में आपका योगदान उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
आपके जीवनसाथी की फिजूलखर्ची की आदत आपके वैवाहिक जीवन में मनमिटाव का कारण बन सकती है। ऐसी परिस्थिति में आपका योगदान ही आपके विवाह को बचाने में सहायक सिद्ध होगा।
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निष्कर्ष #
इस प्रकार सप्तम भाव में ग्रहों की उपस्थिति इस बात का पता लगाने में सहायक सिद्ध होती है कि आप उन ग्रहों की किन ऊर्जाओं को आकर्षित करेंगे। आपकी कुंडली के सप्तम भाव में स्थित ग्रह न केवल आपके द्वारा आकर्षित किये जाने वाले जीवनसाथी को प्रभावित करेंगे बल्कि आपके द्वारा उत्सर्जित ऊर्जा को भी काफी प्रभावित करते हैं।
सप्तम भाव में ग्रहों की स्थिति देखें, क्योंकि ग्रहों तथा भावों की ऊर्जाओं का मिश्रण व्यक्तिगत रूप से आपको बताएगा कि आप किस प्रकार के जीवनसाथी को आकर्षित कर सकते हैं।
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