गुरु चांडाल योग: क्या आपके जीवन पर है इसका दुष्प्रभाव? उपाय जानें

ज्योतिषशास्त्र में कुछ नकारात्मक योग भी होते हैं तथा कुछ योग भी होते हैं, जो शुभ परिणाम लेकर आते हैं। गुरु चंडाल योग उन नकारात्मक योगों में से एक है। यदि किसी जातक की कुंडली में राहु तथा बृहस्पति एक साथ हो तो गुरु चांडाल योग बनता है। कुंडली में कही भी राहु बृहस्पति एक साथ हो तो हमेशा ये योग हानिकारक ही सिद्ध होता है। इसमें भी यदि ये योग लग्न में, पंचम भाव में या नवम भाव में हो तो इसके अधिक नकारात्मक परिणाम देखे जा सकते है।
गुरु चांडाल योग के प्रभाव
कुंडली में गुरु चांडाल योग बनने से जातक के जीवन पर इसका कई तरह से प्रभाव पड़ता है। आइये जानते हैं कि गुरु चांडाल योग का व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है:
अक्सर ऐसा देखा गया है कि कुंडली में जब गुरु-राहु एक साथ होते हैं तो उस व्यक्ति का चरित्र कमजोर हो जाता है।
इस योग का प्रभाव व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। व्यक्ति को पाचन से संबंधित, या लिवर से संबंधित समस्या हो सकती है।
गुरु-राहु के प्रभाव से कई बार व्यक्ति का धर्म भ्रष्ट हो जाता है तथा उसे अपयश का सामना करना पड़ता है।
यदि किसी महिला के कुंडली में गुरु चांडाल योग बनता है तो, उसका प्रभाव उसके वैवाहिक जीवन पर नकारात्मक रूप से पड़ता है।
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कौन-सी स्थिति में गुरु चांडाल योग का दुष्प्रभाव कम होता है
कुछ ऐसी परिस्थिति है जहाँ गुरु चांडाल योग होने के बाद भी उसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक नहीं पड़ता है। आईये जानें
- यदि किसी जातक की कुंडली में बृहस्पति उच्च राशि में उपस्थित हो तो गुरु चांडाल योग का बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है।
- यदि राहु तथा गुरू के साथ कोई और ग्रह भी कुंडली में उपस्थित हो तो भी गुरु चांडाल योग का प्रभाव इतना अधिक नहीं पड़ता है।।
- यदि बृहस्पति अस्त हो वक्री हो तो ऐसी स्थिति में भी गुरु चांडाल योग बहुत अधिक प्रभावशाली नहीं होता है।।
- यदि कुंडली में बृहस्पति केंद्र का स्वामी हो तथा त्रिकोण में राहु के साथ स्थित हो तो ऐसी स्थिति में भी इस योग का बहुत अधिक दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।।
गुरु चांडाल योग से बचने के उपाय
कुंडली में गुरु चांडाल योग के होने पर कुछ ऐसे उपाय है जिनको करने से गुरु चांडाल योग जातक की कुंडली से दूर हो सकता है। आईये जानते हैं
- सदैव अपने से बड़े व्यक्तियों का सम्मान करें।
- नियमित रूप से किसी मंदिर में जाते रहें, तथा पूजा अर्चना करते रहें।
- प्रतिदिन प्रातःकाल गायत्री मंत्र का हल्दी की माला से 108 बार जाप करें। गले में सोने या पीतल का टुकड़ा धारण करें।
- किसी सार्वजानिक स्थान पर या किसी पार्क में, मंदिर में तथा सड़कों पर पीपल का पौधा लगाएं।
- किसी भी नशीली पदार्थ, मांस-मछली कोई भी मांसाहारी भोजन का सेवन न करें।
- भगवान शिव की पूजा करें तथा ॐ नमः शिवाय का जाप करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध तथा जल अर्पित करें।
- बृहस्पति भगवान विष्णु से जुड़े हुए है अतः भगवान विष्णु के मंत्रों का जप करना ही शुभ सिद्ध होगा।
- राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए माँ दुर्गा सप्तशती के प्रथम अध्याय का पाठ करें। पाठ के साथ-साथ आप हवन भी कर सकते हैं।
- पीली वस्तु जैसे फल, वस्त्र इत्यादि का दान करें।
- छात्रों की मदद करें, उन्हें किताबें दान करें।
आईये जानते हैं कि आपकी चंद्र राशि के आधार पर गुरु चांडाल योग का आप पर क्या प्रभाव पड़ता है तथा उनके लिए कौन-से उपाय करने लाभकारी हो सकते हैं।
मेष राशि पर प्रभाव a
गुरु चांडाल योग इस राशि के जातक के मन में असंतोष की भावना उत्पन्न कर सकता है, जिससे जातक की बेचैनी बढ़ सकती है। राशि के प्रथम भाव में गुरु-राहु की उपस्थिति आपकी ऊर्जा में वृद्धि कर सकता है। किसी भी क्षेत्र में अधिक सोच-विचार करने से बचें अन्यथा इससे मन चिड़चिड़ा हो सकता है।
अधिक बैचनी और चिड़चिड़ापन शारीरिक कष्ट का भी कारण बन सकता है। अतः अपने मन को शांत कर कोई भी कार्य करें।
उपाय: धार्मिक कार्यों से जुड़े तथा घर में धार्मिक आयोजन करवाएं। इसके साथ ही जो लोग धर्म से जुड़े है उनकी अपनी क्षमता के अनुसार सहायता करें।
वृषभ राशि पर प्रभाव b
वृषभ राशि के जातक अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। इस राशि के बारहवें भाव में गुरु चांडाल योग बन रहा है जिसका अर्थ है कि आपको किसी भी प्रकार की नशे की चीजों से दूर रहना है, क्योंकि आपको इसकी आदत लग सकती है।
यदि आप डॉक्टर के चक्कर से बचना चाहते हैं तो अपने दिनचर्या पर ध्यान दें तथा पौष्टिक आहार का सेवन करें। किसी भी प्रकार के अनावश्यक खर्च से बचें तथा एक बजट बनाकर ही पैसे खर्च करें। जब तक आप अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते तब तक उसके विषय में प्रचारित न करें।
उपाय: अपने घर को साफ तथा शुद्ध रखने की कोशिश करें। स्वयं को भी स्वस्थ रखने की कोशिश करें तथा नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूँद डालकर उससे स्नान करें।
मिथुन राशि पर प्रभावc
मिथुन राशि के एकादश भाव में गुरु चांडाल योग बन रहा है। अपने दोस्तों या करीबी लोगों की बातों की जगह अपने अंतर्ज्ञान पर भरोसा करना आपके लिए अच्छा सिद्ध होगा। आने वाले कुछ समय तक आपको अपने स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता है।
किसी भी क्षेत्र में निवेश करते समय जल्दबाजी न करें अन्यथा आपको हानि का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय: चाँदी धारण करने से आपको सुरक्षा प्राप्त होगी। अपने बैग में पीली चीज जैसे हल्दी को रूमाल में बांधकर रखें।
कर्क राशि पर प्रभाव d
कर्क राशि के दशम भाव में गुरु चांडाल योग बन रहा है। कुंडली में दसवां भाव आपके कार्य और सामाजिक स्थिति को नियंत्रित करता है। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सीमा निर्धारित करने के ये एकदम सही समय है। ऐसी संभावना है कि आप पर काम का अतिरिक्त दबाव हो, जिसका असर आपके स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है।
अपने से बड़े लोगों के साथ किसी भी प्रकार के बहस से बचने की कोशिश करें। आपका आपके पिता के साथ कुछ मनमिटाव होने की संभावना होगी।
उपाय:माता-पिता की सेवा करें। अपने से बड़े लोगों का सम्मान करें। सफेद वस्त्र धारण करने की कोशिश करें।
सिंह राशि पर प्रभाव e
सिंह राशि के नवम भाव में गुरु चांडाल योग के लगने की संभावना है। इस राशि के लिए ये योग उतार-चढ़ाव की परिस्थिति लेकर आएगा। किसी भी प्रकार के बुरी संगत से बचने की कोशिश करें। यदि आप शेयर बाजार में अपने पैसे निवेश कर रहें है तो, उससे पूर्व अच्छे से विचार कर लें।
किसी भी चीज को लत में बदलने की कोशिश न करें अन्यथा हानि आपकी ही होगी। अपने संतान के साथ संवाद करें, उनसे उनके विचार जानने की कोशिश करें। ऐसा करने से उनके साथ आपके संबंध मजबूत होंगे। अपने परिवार के लोगों के साथ किसी भी प्रकार के विवाद खासकर संपत्ति से संबंधित विवाद से बचने की कोशिश करें।
उपाय: अपने घर, अध्ययन अपने कार्यालय में भगवान राम की फोटो या प्रतिमा स्थापित करें। हल्दी का टुकड़ा किसी कपड़े में बांधकर अपने पास रखें।
कन्या राशि पर प्रभाव f
कन्या राशि पर गुरु चांडाल योग का सबसे अधिक प्रभाव पड़ने वाला है। कन्या राशि में गुरु चांडाल योग अष्टम भाव में बनने वाला है। ऐसी स्थिति में आपको आने वाले छह माह तक अत्यंत सावधान रहने की आवश्यकता है।
ऐसी संभावना है कि आपकी सेहत भी खराब हो सकती है। आपको सांस की तथा पाचन से संबंधित समस्या हो सकती है। संपत्ति से जुड़े मामलों में सावधान रहने की कोशिश करें अन्यथा आपका आपके भाई-बहनों के साथ भी विवाद हो सकता है।
उपाय: भगवद गीता का पाठ करें। बुधवार तथा शनिवार के दिन अपना शौचालय स्वयं साफ करें।
तुला राशि पर प्रभाव g
तुला राशि में गुरु चांडाल योग सप्तम भाव बनने वाला है। इस योग अवधि में आप दूसरे लोगों के प्रति आकर्षित हो सकते हैं जिससे आपको किसी न किसी प्रकार का कुछ नुकसान होने की संभावना है। अपनी वाणी पर थोड़ा संयम रखने की आवश्यकता है। जल्दबाजी में कोई भी निर्णय लेने से बचें।
उपाय: प्रतिदिन नियमित रूप से ध्यान करें। अपने इष्ट देव के नाम का ध्यान करना आपके लिए अधिक लाभदायक होगा। चाँदी के पात्र में गंगाजल को भरकर गुरु चांडाल योग समाप्त होने तक रखें।
वृश्चिक राशि पर प्रभाव h
वृश्चिक राशि के जातक के छठे भाव में गुरु चांडाल योग बन रहा है। वृश्चिक राशि में गुरु चांडाल योग बहुत अधिक हानिकारक सिद्ध नहीं होगा किन्तु ऐसी संभावना है कि इस बीच में की गयी यात्राएं आपके लिए थोड़ी कष्टकारी सिद्ध हो सकती है।
आपके निवास स्थान में थोड़ा परिवर्तन हो सकता है। इस अवधि में आपको नकारात्मक चीजों से थोड़ा दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए।
उपाय: भगवान शिव की पूजा करें तथा शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाएं। गुरु चांडाल योग के खत्म होने तक सोने की अंगूठी या चेन धारण करें।
धनु राशि पर प्रभाव i
धनु राशि के पंचम भाव में गुरु चांडाल योग बन रहा है। पांचवां भाव मुख्य रूप से प्रेम तथा संतान का भाव होता है। अपने द्वारा किये जा रहे हैं कार्यो के प्रति ईमानदार रहने की कोशिश करें। किसी भी प्रकार की लापरवाही या बेमानी आपके लिए घातक सिद्ध हो सकती है।
पंचम भाव में योग लग रहा है इसलिए आपको अपने बच्चों को लेकर भी थोड़ा सावधान रहना चाहिए। फिर चाहे उनकी शिक्षा से जुड़े मुद्दे हो या किसी प्रकार का उनका कार्यक्रम हो। जो महिला गर्भवती है उनको अपने तथा अपने आने वाले बच्चे के स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहना चाहिए।
उपाय: पीले चंदन को अपने उपयोग में लाएं। पीले पत्ते वाली मूली भगवान शिव को अर्पित करें।
मकर राशि पर प्रभाव j
मकर राशि के चतुर्थ भाव में गुरू चांडाल बनने की संभावना है। चतुर्थ भाव माता तथा घरेलू कार्योका प्रतीक है। चतुर्थ भाव में गुरु चांडाल योग के बनने का अर्थ है कि आपको अपने माता-पिता दोनों के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की कोशिश करनी चाहिए।
इसके साथ ही आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति भी सतर्क रहने की कोशिश करनी चाहिए। गुरु चांडाल योग आपके जीवन के संतुलन को बिगाड़ nसकता है। अतः आवेग में आकर या जल्दबाजी में कोई भी निर्णय न लें।
उपाय: आपके आसपास के क्षेत्र में जो लोग साफ-सफाई करते हैं तथा जो लोग कचरा चुनते हैं, वैसे लोगों को उनके जरूरत की चीजें दान करें। ऐसा करने से गुरु चांडाल योग के नकारात्मक प्रभाव कम होंगे।
कुंभ राशि पर प्रभाव k
कुंभ राशि के तृतीय भाव में गुरु चांडाल योग बन रहा है। इस भाव में गुरु चांडाल योग बनने का अर्थ है कि आप बहुत आसानी से आक्रोशित हो सकते है। यदि किसी के साथ बात कर रहें है तो अपने शब्दों के चयन पर ध्यान दें। बिना सोचे- समझे कोई भी कार्य न करें। अपने पड़ोसियों से सावधान रहने की कोशिश करें क्योंकि वो भी आपके लिए समस्या का कारण बन सकते हैं।
उपाय: अपना प्रत्येक कार्य स्वयं करने की कोशिश करें। किसी कार्य के पूरा से पूर्व उसके विषय में तथा अपनी योजनाओं के विषय में कोई भी बात किसी के समक्ष प्रकट न करें।
मीन राशि पर प्रभाव l
मीन राशि में गुरु चांडाल योग द्वितीय भाव में बन रहा है। दूसरा भाव परिवार, रिश्तेदार तथा धन-संपत्ति का होता है। यदि इस समय आप अपनी भाषा पर ध्यान नहीं देंगे तो आपका चरित्र बिगड़ सकता है। आप जो भाषा बोलेंगे लोग उसी आधार पर आपका व्यक्तित्व निर्धारित करेंगे।
अतः आपको किसी के साथ भी संवाद सोच-समझकर करना चाहिए। ऐसी संभावना है कि किसी दुर्घटना में या किसी बीमारी या आपदा से आपके किसी संबंधी को हानि पहुँचें। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने खास तौर पर अपनी आँख तथा गले का।
उपाय: भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। उनकी पूजा-अर्चना करें तथा उनके मंदिर में जाकर भगवान को भोग लगाएं। किसी भी प्रकार का झूठ बोलने से बचे।
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