राशि चक्र में पंचम राशि है सिंह राशि, जिसके स्वामी सूर्य है। सिंह राशि के स्वभाव में नेतृत्व का गुण जन्म से ही होता है। इस राशि के व्यक्ति निडर,साहसी और दृढ़-निश्चयी होते हैं।
इस वर्ष सप्तम भाव में शनि के प्रभाव से आपको आपके कार्य तथा व्यवसाय में सफलता प्राप्ति होगी किंतु प्रगति की गति इस वर्ष शनि के प्रभाव से कुछ धीमी रह सकती है। यदि आप किसी के साथ साझेदारी में कार्य कर रहे हैं तो इस वर्ष आपको मनवांछित लाभ प्राप्त होगा। अपने से वरिष्ठ लोगों के साथ साझेदारी करना आपके लिए इस वर्ष लाभदायक रहेगा। अप्रैल महीने के बाद बृहस्पति का गोचर दशम भाव में होने से आपको वरिष्ठ लोगों या बड़े अधिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा। जो लोग नौकरी के क्षेत्र से जुड़े है उनकी पदोन्नति हो सकती है। भूमि से संबंधित कार्य करने वाले व्यक्तियों को इस वर्ष लाभ प्राप्त होगा।
वर्षा के आरंभ में अपने कार्यों में अधिक व्यस्त होने के कारण आप अपने परिजनों को अधिक समय नहीं दे पाएंगे। आपका आपके परिवार में परस्पर सहयोग रहेगा तथा भावनात्मक प्रेम में वृद्धि होगी। ससुराल पक्ष के लोगों से आपको कुछ तनाव भरे समाचार प्राप्त हो सकते है। पंचम भाव में बृहस्पति की दृष्टि के प्रभाव से नव विवाहित व्यक्तियों को संतान की प्राप्ति होगी तथा अप्रैल महीने के बाद उच्च शिक्षण संस्थान में प्रवेश मिल सकता है। इस वर्ष आपको राहु से सतर्क रहना होगा। राहु आपके अष्टम भाव में गोचर करेगा, इसलिए बार-बार छोटी-छोटी दुर्घटनाएं हो सकती है तथा परिवार के साथ विवाद भी हो सकता है।
अप्रैल महीने तक नवम भाव में बृहस्पति का गोचर तथा उनकी पंचम भाव पर दृष्टि होने से आप शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। बृहस्पति ग्रह के गोचर के बाद अष्टम भाव में राहु की उपस्थिति से अचानक ही आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है, आपको स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्या हो सकती है। अतः समय-समय पर अपनी स्वास्थ्य संबंधित जांच करवाते रहें।
इस वर्ष अप्रैल महीने के बाद चतुर्थ भाव में बृहस्पति एवं शनि के संयुक्त दृष्टि के प्रभाव से आपको जमीन संबंधित लाभ प्राप्त हो सकता है। किंतु राहु ग्रह का गोचर अष्टम भाव में होने से शेयर बाजार आदि में निवेश के लिए यह वर्ष आपके अनुकूल नहीं है। राहु तथा केतु की उपस्थिति आपके पैतृक संपत्ति पर विवाद का कारण उत्पन्न कर सकती है।
पंचम भाव में बृहस्पति की दृष्टि के प्रभाव से यह वर्ष आपकी शिक्षा के लिए अनुकूल सिद्ध होगा। अप्रैल महीने के बाद षष्टम भाव में गुरु की दृष्टि के प्रभाव के कारण प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को सफलता मिलेगी। इस वर्ष बृहस्पति के प्रभाव से आपकी शिक्षा की यात्रा थोड़ी लंबी होगी तथा इस दौरान आपके अच्छे मित्र बनेंगे।
इस वर्ष आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना तथा प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य देना आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगा।