सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर: जानिए इसके आपके राशि पर क्या प्रभाव होगा

ग्रहों के देवता सूर्य प्रत्येक माह अपना राशि परिवर्तन करते हैं। किसी भी राशि में सूर्य महीने तक गोचर कर अगली राशि में प्रवेश करते हैं, इसी क्रम में इस माह सूर्य 17 नवंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 08 मिनट पर राशि चक्र की अष्टम राशि, वृश्चिक राशि में प्रवेश करने जा रहें हैं। बाकी राशियों में सूर्य के गोचर के प्रभाव की भांति इस राशि में भी सूर्य के गोचर करने का प्रभाव अन्य सभी राशियों पर पड़ेगा।
वृश्चिक राशि जल तत्व की राशि है तथा इसके स्वामी मंगल ग्रह हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार वृश्चिक राशि अन्य सभी राशियों से अधिक संवेदनशील राशि है तथा मानव शरीर में तामसिक ऊर्जा को नियंत्रित करती है। सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर अनिश्चित परिणाम प्रदान करेगी, इस अवधि के दौरान जातक को सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों तरह के परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
सूर्य के इस गोचर का आपकी चंद्र राशि के आधार पर आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है तथा इसके अशुभ प्रभाव से बचने के क्या उपाय हो सकते है, इस ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं।
मेष राशि पर प्रभाव a
मेष राशि के लिए सूर्य प्रेम, शिक्षा, संतान के भाव पंचम भाव के स्वामी हैं तथा सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर अष्टम भाव में होगा। मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य का अष्टम भाव में गोचर करना अत्यंत अनुकूल सिद्ध नहीं होगा। आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा, आपको पेट से संबंधित समस्या हो सकती है तथा हड्डियों में भी परेशानी होने की संभावना है।
आपके प्रेम जीवन में कई उतार-चढाव आएंगे, आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप अपने जीवनसाथी से कोई बात छिपाते हैं तो उसके परिणाम स्वरुप आप दोनों की लड़ाई हो सकती है। छात्रों को भी कुछ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
ज्योतिष विद्या, तथा धार्मिक क्षेत्र में आपकी रूचि बढ़ेगी। अष्टम भाव से सूर्य आपके द्वितीय भाव पर भी दृष्टि डाल रहे हैं, जो आपके आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए अनुकूल सिद्ध होगी।
उपाय: यदि आप अपने जीवन से परेशानियों को दूर करना चाहते हैं, तो आपको हनुमान जी को लाल रंग का कोई भोग चढ़ाना चाहिए।
वृषभ राशि पर प्रभाव b
वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य चतुर्थ भाव का स्वामी होकर सप्तम भाव में गोचर करेंगे। इस गोचर अवधि में जातक का वैवाहिक जीवन को प्रभावित करने वाला है क्योंकि वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य एक क्रूर ग्रह हैं और सप्तम भाव में इनकी उपस्थिति वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रही है।
अतः आपको सलाह दी जाती है कि अनावश्यक विवाद में न पड़ें और आपसी विवादों को जल्द से जल्द स्वयं सुलझाने की कोशिश करें।
व्यापार से जुड़े लोगों के लिए ये गोचर लाभकारी सिद्ध होने वाला है। जो लोग सरकारी नौकरी की तलाश कर रहें उनकी तलाश पूरी होने की संभावना है। संतुलित भोजन करें तो आपका स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहेगा।
उपाय: यदि आप अपने जीवन में इसी प्रकार सुख-शांति बनाये रखना चाहते हैं और वैवाहिक जीवन को भी मजबूत बनाना चाहते हैं तो प्रतिदिन गायत्री मंत्र का पाठ करें।
मिथुन राशि पर प्रभावc
मिथुन राशि के लिए सूर्य तृतीय भाव के स्वामी होकर षष्टम भाव में गोचर करेंगे। इस गोचर के परिणाम मिले-जुले प्राप्त होंगे। छात्रों के लिए ये गोचर लाभकारी सिद्ध होगा, उनकी नौकरी से जुडी या अन्य कोई भी प्रतियोगिता जिसकी वो तैयारी कर रहें हैं उसमें सफलता प्राप्त होगी।
पारिवारिक संबंध थोड़ा उलझा हुआ हो सकता है, आपका आपके भाई-बहन से किसी बात को लेकर बहस होने की संभावना है।
उपाय: अपने मन को शांति रखने के लिए आप जरूरतमंदों की सहायता करें। उन्हें उनकी आवश्यकता के अनुसार चीजें दिलाकर उनकी सहायता करें।
कर्क राशि पर प्रभाव d
कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य द्वितीय भाव के स्वामी होकर पंचम भाव में गोचर करेंगे। पंचम भाव आपके पूर्व पुण्य का भाव होता है, जिसका प्रभाव इस गोचर में प्राप्त होगा। पारिवारिक संबंध मजबूत होंगे, वैवाहिक जीवन सुखमय होगा। वैवाहिक जातक जो संतान प्राप्ति की कामना कर रहें हैं, उन्हें संतान की प्राप्ति भी होगी।
जो लोग व्यापार से जुड़े हुए हैं उन्हें थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता है। बिना विचार किये उन्हें किसी भी प्रकार का निर्णय जल्दबाजी में लेने से बचना होगा।
उपाय: अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने तथा जीवन को सकारात्मक बनाये रखने के लिए आदित्य हृदय स्रोत का पाठ करें।
सिंह राशि पर प्रभाव e
सिंह राशि वाले जातकों के लिए सूर्य प्रथम भाव का स्वामी होकर चतुर्थ भाव में गोचर करेगा। इस गोचर अवधि में आपको अपनी माता की सेहत का ध्यान रखना होगा। इसके अलावा आपको अपने परिवार के साथ थोड़ा समय व्यतीत करने की सलाह दी जाती है अन्यथा आपके बीच मतभेद उत्पन्न हो सकता है।
यदि आप किसी क्षेत्र में पैसे निवेश करना चाहते हैं या किसी चीज की खरीदारी करने की योजना बना रहे हैं तो ये समय आपके लिए उचित सिद्ध होगा। किसी भी परिस्थिति में अपने मन को शांत रखने की कोशिश करें तभी आप कोई भी कार्य अच्छे से कर पाएंगे।
उपाय: प्रतिदिन प्रातःकाल उठकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें।
कन्या राशि पर प्रभाव f
कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य देव द्वादश भाव के स्वामी हैं तथा तृतीय भाव में गोचर करेंगे। सूर्य का तृतीय भाव में गोचर आपके लिए अनुकूल सिद्ध होगा। आप में आत्मविश्वास की वृद्धि होगी तथा आपकी लेखन क्षमता में भी वृद्धि होगी। जो लोग मीडिया या सरकारी बैंक से जुड़े हैं, उनके लिए ये अवधि अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी।
इस अवधि में आपको अपने मित्रों से सावधान रहने की आवश्यकता है, अन्यथा वो आपको नुकसान पहुँचा सकते हैं। आप अपने भाई-बहनों से मिलने के लिए विदेश यात्रा कर सकते हैं। आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता है, थोड़ी सी लापरवाही आपके लिए मुश्किल पैदा कर सकता है।
उपाय: अपने जीवन में सुख-शांति बनाये रखने के लिए प्रतिदिन भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं तथा सूर्य मंत्र का जाप करें।
तुला राशि पर प्रभाव g
तुला राशि के लिए सूर्य एकादश भाव के स्वामी होकर, द्वितीय भाव में गोचर करेंगे। इस अवधि में आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी तथा अतीत में किये गए निवेश से आपको लाभ प्राप्त होगा। धन संचय के पर्याप्त अवसर आपको प्राप्त होंगे। इसके साथ ही आपका परिवार आपके साथ हर परिस्थिति में खड़ा रहेगा।
आपका वैवाहिक जीवन भी सुखमय होगा।
उपाय: प्रतिदिन गुड़ का सेवन करें इससे आपका जीवन सरल बना रहेगा।
वृश्चिक राशि पर प्रभाव h
वृश्चिक राशि के लिए सूर्य दशम भाव में स्वामी होंगे तथा प्रथम भाव में गोचर करेंगे। वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सूर्य मित्र ग्रह है, ऐसी स्थिति में सूर्य का यह गोचर आपके जीवन में कई शुभ अवसर लेकर आएगा। ये अवसर आपके भविष्य को सुखद बनाने में भी सहायक होंगे।
स्वास्थ्य की दृष्टि से भी वृश्चिक राशि अत्यंत शुभ सिद्ध होने वाला है। आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा किन्तु इसको बनाये रखने के लिए आप प्रतिदिन योग करें।
उपाय: यदि आप कहीं बाहर जा रहे हैं तो अपने साथ लाल कपड़े का टुकड़ा रखें। एक लाल कपड़े का टुकड़ा अपने तकिये के नीचे भी रखें। इससे आपके जीवन की परेशानियां आपसे दूर रहेगी।
धनु राशि पर प्रभाव i
धनु राशि के लिए सूर्य नवम भाव के स्वामी होंगे तथा द्वादश भाव में गोचर करेंगे। ये अवधि आपके लिए अधिक अनुकूल तो सिद्ध नहीं होगी किन्तु आपको निराश होने की आवश्यकता नहीं है। अपने स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा सतर्क रहकर आप आने वाली समस्या को टाल सकते हैं।
रोजगार के लिए आपको अपने घर से दूर जाना पड़ सकता है। इन यात्राओं से आपकी आर्थिक स्थिति तो अच्छी होगी किन्तु परिवार से आपकी दूरी थोड़ी बढ़ जाएगी।
आध्यात्मिक क्षेत्र की ओर आपका झुकाव होगा। तीर्थ यात्रा पर जाने की संभावना है।
उपाय: अपने से बड़ों का सदैव सम्मान करें तथा कही भी बाहर जाने से पूर्व उनका आशीर्वाद अवश्य लें।
मकर राशि पर प्रभाव j
मकर राशि में सूर्य अष्टम भाव के स्वामी होंगे तथा एकादश भाव में गोचर करेंगे। यह गोचर अवधि आपके करियर तथा व्यवसाय दोनों के लिए शुभ सिद्ध होगा। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, अचानक धन लाभ होने की संभावना है।
वृश्चिक राशि में सूर्य के गोचर का प्रतिकूल प्रभाव आपके प्रेम जीवन पर देखा जा सकता है। आपके प्रेम जीवन में थोड़ा बहुत मतभेद होने की संभावना है। गर्भवती महिलाओं को इस अवधि में थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता है।
उपाय: यदि आप अपने जीवन में सूर्य देव जी कृपा बनाये रखना चाहते हैं तो आप गाय को गुड़ के साथ रोटी खिलाए। ऐसा करने से सूर्य देव आप पर प्रसन्न होंगे।
कुंभ राशि पर प्रभाव k
कुंभ राशि में सूर्य सप्तम भाव के स्वामी होंगे तथा दशम भाव में गोचर करेंगे। दशम भाव में सूर्य की उपस्थिति आपके लिए शुभ सिद्ध होगी। आपके करियर में प्रगति होगी तथा आप अपने कार्यक्षेत्र में नयी ऊर्जा का अनुभव करेंगे।
यदि लोग आपके कार्य की आलोचना करते हैं तो उस आलोचना को सकारात्मक तरीके से लें। अनावश्यक रूप से अहंकार करना आपके लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
ये गोचर अवधि आपके लिए शुभ सिद्ध होगा किन्तु आपको अपने गुस्से तथा वाणी पर थोड़ा नियंत्रण रखना होगा।
उपाय: प्रतिदिन प्रातःकाल उठकर 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
मीन राशि पर प्रभाव l
मीन राशि के जातकों के लिए सूर्य षष्टम भाव के स्वामी होंगे तथा नवम भाव में गोचर करेंगे। ये गोचर मीन राशि के जातकों के लिए शुभ सिद्ध होने वाला है। आपको अपने पिता तथा अपने गुरु का पूरा सहयोग प्राप्त होगा, फिर चाहे आपका कार्य किसी भी क्षेत्र का क्यों न हो।
आप आत्मविश्वास से भरा हुआ महसूस करेंगे। किसी के साथ भी लड़ाई या बहस में न पड़े।
उपाय: रविवार के दिन किसी मंदिर में जाकर भगवान की पूजा करें, भोग चढ़ाएं। उस भोग को मंदिर के लोगों में बाँट दें।
Share article:
और देखें
सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण 2023: क्या यह भारत में दिखाई देगा?
दीपावली
धनतेरस की पूजा और खरीदारी का शुभ मुहूर्त , जानें
विष्णु सहस्त्रनाम
ऐसे करें अपनी सभी मनोकामना की पूर्ति और सौभाग्य में वृद्धि - श्री विष्णु सहस्त्रनाम
श्रावण
क्या आप जानते हैं श्रावण के सोमवार की विशेषता और व्रत करने का महत्व ?
वैदिक ज्योतिष
जानिए, क्या है केमद्रुम योग? इसके प्रभाव और शांति उपाय
24 घंटे के अंदर पाएं अपना विस्तृत जन्म-कुंडली फल उपाय सहित
आनेवाला वर्ष आपके लिए कैसा होगा जानें वर्षफल रिपोर्ट से
वैदिक ऋषि के प्रधान अनुभवी ज्योतिषी से जानें अपने प्रश्नों के उत्तर
विशेष लेख
नागपंचमी
वैदिक ज्योतिष
गणेश चतुर्थी