केतु का कन्या राशि में गोचर: आपके जीवन पर क्या होगा इसका असर?

वैदिक ज्योतिष में केतु ग्रह को छाया ग्रह की संज्ञा दी जाती है। इसका अपना कोई भौतिक स्वरुप भी नहीं होता है किन्तु इसके गोचर का मानव जीवन पर अत्यंत प्रभाव पड़ता है। आमतौर पर केतु को शुभ ग्रह नहीं माना जाता है किन्तु यह मोक्ष, रहस्यवाद तथा मानसिक क्षमताओं का कारक भी माना जाता है। यदि किसी जातक की कुंडली में केतु शुभ स्थिति में उपस्थित हो तो उसका प्रभाव अत्यंत शुभ होता है किन्तु यदि अशुभ स्थिति में उपस्थित हो तो इसके परिणाम भी अच्छे नहीं होते हैं।
वर्ष 2023 में 30 अक्टूबर को 1 बजकर 32 मिनट पर केतु तुला राशि से गोचर करते हुए कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। केतु का कन्या राशि में गोचर प्रत्येक राशि पर अलग-अलग प्रभाव डालता है। आईये जानते हैं कि इस गोचर का कौन-सी राशि पर क्या प्रभाव पड़ता है।
आईये जानते हैं कि आपकी चंद्र राशि के आधार पर केतु का कन्या राशि में गोचर होने पर क्या प्रभाव पड़ता है तथा कौन-से उपाय करने लाभकारी हो सकते हैं।
राह- केतु गोचर के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमारा ब्लॉग पढ़ें।
मेष राशि पर प्रभाव a
मेष राशि के जातकों के लिए, केतु आपकी कुंडली के सप्तम भाव में स्थित होकर षष्टम भाव में गोचर करेगा। इस गोचर के कारण आपके वैवाहिक जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। आपके जीवनसाथी के व्यवहार में कुछ विभिन्नताएँ आ सकती हैं जो आपको चिंतित कर सकती हैं।
आपको अपने जीवनसाथी के साथ अपने संबंध को मजबूत बनाने की कोशिश करनी होगी ताकि आपका संबंध मजबूत बना रहें।
उपाय: केतु मंत्र 'ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः' का जाप करें। इससे केतु के कठोर परिणाम आपको प्राप्त नहीं होंगे।
वृषभ राशि पर प्रभाव b
केतु, वृषभ राशि के लिए षष्टम भाव से पंचम भाव में गोचर करेगा, जिससे आपके पारिवारिक जीवन तथा वैवाहिक जीवन में तनाव उत्पन्न हो सकती हैं। अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए आपको उनके साथ समय व्यतीत करना आवश्यक है।
अपने जीवनसाथी के साथ बात करें, उनके पक्ष को भी समझने की कोशिश करें। नौकरी की तलाश कर रहे जातक की तलाश पूरी होगी।
उपाय: भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की पूजा करें, इससे आपके जीवन की परेशानियां दूर होगी।
मिथुन राशि पर प्रभावc
मिथुन राशि के जातक के लिए केतु चतुर्थ भाव में गोचर करेगा। ये गोचर अवधि आपके लिए चुनौतीपूर्ण सिद्ध हो सकती है। केतु का प्रभाव आपके जीवन में कठिनाई ला सकता है। आपके प्रेम जीवन में परेशानी आ सकती है। रोजगार से जुड़े लोग किसी नए स्थान पर अपना ऑफिस खोल सकते हैं।
इस गोचर अवधि में आप अपने पारिवारिक जीवन से दूर रहेंगे किन्तु आपके कार्यक्षेत्र में आपको अत्यंत सफलता प्राप्त होगी।
उपाय: केतु के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए बृहस्पतिवार के दिन का व्रत रखें तथा पीला वस्त्र धारण करें।
कर्क राशि पर प्रभाव d
कर्क राशि जातकों के लिए केतु तृतीय भाव में गोचर करेगा। यह गोचर अवधि आपके लिए शुभ और भाग्यशाली सिद्ध होगा। लंबे समय से चल रहा आपका कार्य पूरा होगा, उसके परिणाम भी आपकी इच्छा अनुसार ही प्राप्त होंगे। आपके पारिवारिक संबंध मजबूत होंगे।
उपाय: घर से बाहर जाते समय चाँदी की कोई चीज अपने पास रखें। इससे आपकी रक्षा होगी।
सिंह राशि पर प्रभाव e
केतु का गोचर सिंह राशि के द्वितीय भाव में होगा। यह गोचर आपके लिए अधिक लाभकारी सिद्ध नहीं होगा। इस अवधि के दौरान आप वाणी पर संयम रखें अन्यथा आपके संबंधों पर इसका प्रभाव पड़ सकता है।
अपने जीवन में चल रहे संघर्ष का हल ढूंढने की कोशिश करें। अपने वैवाहिक जीवन को भी थोड़ा समय देने की कोशिश करें।
उपाय: केतु ग्रह से अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए आप जरूरतमंदों को केला, काला कंबल दान करें।
कन्या राशि पर प्रभाव f
केतु कन्या राशि के प्रथम भाव में गोचर करेगा। इस अवधि में आप अपनी सेहत का ध्यान रखें। बाहर का भोजन करने से बचें नहीं तो आपको पेट की समस्या हो सकती है। आपके संबंधों में उतार-चढ़ाव होने की संभावना है।
इस उतार-चढ़ाव के कारण आपको मानसिक शांति प्राप्त नहीं होगी, जिसके कारण आपके बाकी के कार्य प्रभावित हो सकते हैं। अतः आप अपने मन को शांत रखने की कोशिश करें।
उपाय: केतु की स्थिति मजबूत करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करें। श्री गणपति अथर्वशीर्ष स्रोत का पाठ करें।
तुला राशि पर प्रभाव g
तुला राशि के लिए केतु का गोचर उनके द्वादश भाव में हो रहा है। इस अवधि के दौरान आपके कुछ अतिरिक्त खर्च हो सकते हैं जो आपके जीवन में तनाव बढ़ा सकते हैं। इस गोचर अवधि में आपके विदेश जाने का योग बन सकता है। आँख बंद कर किसी पर भी भरोसा न करें तथा अपने शत्रुओं से सावधान रहने की कोशिश करें।
उपाय: अपने मन को शांत रखने के लिए अपने सिर पर चंदन का टीका लगाएं।
वृश्चिक राशि पर प्रभाव h
एकादश भाव में गोचर कर रहा केतु वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुभ सिद्ध होगा। आपकी कोई ऐसी इच्छा जो लंबे समय से आपके मन में दबी हुई थी उसके पूर्ण होने की संभावना है।
ये गोचर अवधि आपके आर्थिक स्थिति को भी प्रभावित करेगी। आपकी आर्थिक स्थिति में उतार-चढ़ाव आने की संभावना है। छात्रों को उनके लक्ष्य प्राप्त होंगे।
उपाय: ऐसा माना जाता है कि केतु कुत्तों में भी निवास करते हैं अतः अपने गली के कुत्तों को खाना खिलाएं।
धनु राशि पर प्रभाव i
धनु राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर दशम भाव में होगा। इस गोचर अवधि में आपके वैवाहिक जीवन में समस्या आ सकती है, आपका आपके जीवनसाथी के साथ किसी बात को लेकर बहस होने की संभावना है। आपके जीवन में आने वाली परेशानियों से आपको धैर्य के साथ लड़ना होगा।
उपाय: जरूरतमंदों की अपनी क्षमता अनुसार सहायता करें तथा उन्हें भोजन अवश्य करवाएं।
मकर राशि पर प्रभाव j
केतु मकर राशि के दशम भाव से नवम भाव में गोचर करेगा। ये गोचर अवधि आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगी। आपको इस अवधि के दौरान सकारात्मक दृष्टिकोण बनाकर रखना होगा तथा हमेशा आगे बढ़ते रहने का प्रयास करना होगा।
अपने विचारों को दृढ करें तथा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश करें। आपको सफलता अवश्य प्राप्त होगी।
उपाय: मंगलवार के दिन लाल वस्त्र धारण करें तथा बंदरों को गुड़ खिलाये।
कुंभ राशि पर प्रभाव k
कुंभ राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर अष्टम भाव में होगा। इस भाव में केतु का गोचर से आपको कुछ शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अतः आप अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए ही कोई कार्य करें।
अपने पारिवारिक संबंधों पर भी ध्यान दें, यदि आपके पारिवारिक जीवन में कोई समस्या चल रही है तो बहस करने की जगह उसे शांत मन से सुलझाने की कोशिश करें।
उपाय: शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाने से आपके जीवन में सकारात्मकता का संचार होगा।
मीन राशि पर प्रभाव l
मीन राशि में ये गोचर सप्तम भाव में होगा। इस गोचर का प्रभाव सबसे अधिक वैवाहिक जीवन पर होगा। जीवनसाथी के साथ किसी बात को लेकर विवाद होने की संभावना हो सकती है। इसके साथ ही व्यवसाय के क्षेत्र में भी कुछ हानि का सामना करना पड़ सकता है। अतः आपको सलाह दी जाती है कि जल्दबाजी में कोई भी निर्णय न लें।
उपाय: अपने जीवन में शांति बनाये रखने के लिए सोमवार के दिन 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करते हुए शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
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