सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर 2022: आपकी राशि पर इसका प्रभाव और उपाय

गोपनीय और रहस्यमयी वृश्चिक राशि में सूर्य का गोचर 16 नवंबर 2022 के दिन शाम 6.58 बजे प्रारम्भ हुआ है। सूर्य की उपस्थिति लगभग एक महीने तक वृश्चिक राशि में रहेगी, और उस स्थिति में यह समय वास्तव में आकर्षण, जादू, गोपनीयता और प्रबल कामुकता का होगा।
ग्रह का एक राशि से दूसरी राशि में विचरण करना एक गतिशील प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया अराजकता और उथल-पुथल के साथ-साथ हर्ष और आनंद का समय भी हो सकता है। अभी हम बात कर रहे हैं सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर की। सूर्य ग्रह अग्नि का प्रतीक है, जबकि वृश्चिक राशि जल तत्व है और यह तो हम सभी जानते हैं कि आग और पानी एक दूसरे के ठीक विपरीत होते हैं, अब देखना यह है कि क्या वे एक-दूसरे के साथ अच्छे से गोचर कर सकते हैं? जवाब होगा निश्चित रूप से नहीं।
आपकी चंद्र राशि के आधार पर जानें कि इस गोचर का आप पर क्या प्रभाव पड़ेगा। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए हमारे निःशुल्क कुंडली कॅल्क्युलेटर का उपयोग करें।
इस गोचर का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह जानने के लिए अपनी राशि पढ़ें:
सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर का मेष राशि पर प्रभाव a
मेष राशि के सभी व्यक्ति, आपको यह जानकार खुशी होगी कि मेष कालपुरुष कुंडली की प्रमुख राशि है। आपके लिए सूर्य पंचम भाव का स्वामी होकर अष्टम भाव में गोचर कर रहा है। आपके लिए रहस्य को पता करने का इससे बेहतर समय और कुछ हो ही नहीं सकता, लेकिन रहस्य की बात से आप चिंतित न हो और इसको अपने तनाव का कारण न बनने दें। आप पहले से ही एक शांत और रहस्यमयी स्वभाव के व्यक्ति हैं, और यह गोचर आपको अपने भीतर छिपे हुए प्रतिभा को खोजने में आपकी मदद करेगा।
अष्टम भाव में सूर्य की उपस्थिति आपके शांत स्वभाव को प्रभावित कर सकता है और आप स्वभाव से थोड़े आक्रामक हो सकते हैं। अतः आपको यह सलाह दी जाती है कि आप किसी भी प्रकार की लड़ाई-झगड़ें से बचें, नहीं तो बात बिगड़ सकती है। भय और चिंता जैसी परेशानियों को दूर करने के लिए ध्यान करें। यह गोचर स्थिति ज्योतिष और गूढ़ विज्ञान के विषयों में गहराई से उतरने का सबसे उत्तम समय है। यह गोचर आपको आत्म अवलोकन की क्षमता भी प्रदान करता है। यह आपके लिए एक महत्वपूर्ण अवधि है, इसलिए आपका आत्म निरीक्षण और चिंतन आपके लिए पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होगा।
आप नियमित रूप से व्यायाम करें, और अपनी चोटों को नज़र अंदाज़ न करें।
उपाय: गायत्री मंत्र का कम से कम 21 बार जाप करें।
सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर का वृषभ राशि पर प्रभाव b
वृषभ राशि में सूर्य चतुर्थ भाव का स्वामी होकर सातवें भाव में भ्रमण कर रहा है। सूर्य की ये यात्रा आपके आलस्य को बढ़ाएगी।
इस गोचर के दौरान, आपके संबंध आपके जीवन के सबसे कमजोर पहलू होंगे। अगर आप शादीशुदा हैं या किसी संबंध से बंधे हैं तो अपने साथी पर अधिक हावी होने से बचें और यदि आप अकेले हैं तो किसी भी संबंध को बनाने में जल्दबाजी न करें। वैसे आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों क्षेत्रों में अपने संबंधों को सही करने का यह एक अच्छा मौका है। ऐसी स्थिति में आपको इस अवसर को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहिए।
अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें, उनके साथ एक स्वस्थ पौष्टिक आहार वाली ब्रंच डेट उनके फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छी योजना हो सकती है । यह आपके लिए प्रकृति के साथ कुछ समय अकेले में व्यतीत करने का एक अच्छा अवसर होगा। इस गोचर के प्रभाव को दूर करने के लिए सही और संयमित भोजन करना महत्वपूर्ण है।
उपाय: गाय को गुड़ खिलाएं। यदि नियमित रूप से ऐसा करना संभव न हो तो सप्ताह में एक बार रविवार के दिन आप ये विधि कर सकते हैं।
सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर का मिथुन राशि पर प्रभाव c
यह आपके कौशल को तेज करने का समय है, कारण आप एक तीव्र बुद्धि वाले हैं, और सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर आपको अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त मार्ग प्रदान करेगा। सूर्य तीसरे भाव का स्वामी है और आपके छठे भाव में विचरण कर रहा है। हम आपको बता दें कि अब आपका सबसे अच्छा समय आ गया है। इस अवधि में आपकी रचनात्मकता भी बहुत बढ़ेगी। आपको पदोन्नति और नौकरी के नए प्रस्ताव भी प्राप्त होंगे।
इस अवधि के दौरान आप एक अच्छे विचारक बनेंगे, लेकिन आपको जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचना चाहिए । यह आपके लिए तनावपूर्ण समय नहीं है, अतः अपनी ऊर्जा का पूरी तरह से उपयोग करें और अपनी पसंद की चीजों और अपनी रचनात्मक गुण को आगे बढ़ाएं। इस राशि के विद्यार्थी के लिए, यह गोचर बहुत अच्छा है। विद्यार्थी को अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के लिए सक्षम बनाएगा।
आप अपने लक्ष्यों को पूरा करने और आत्म-सुधार करने के लिए जागरूक रहेंगे। अपने भोजन में अधिक फाइबर का सेवन करें, ज्यादा से ज्यादा पानी पियें और नियमित रुप से व्यायाम करें।
उपाय: आप आदित्य हृदय स्तोत्र का प्रतिदिन जाप कर सकते हैं। यदि आपको नित्य जप कठिन लगता है तो हर रविवार को भी इसका पाठ कर सकते हैं।
सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर का कर्क राशि पर प्रभाव: d
कर्क राशि में सूर्य दूसरे भाव का स्वामी है और आपके पांचवें भाव में विचरण कर रहा है। इस गोचर के दौरान आप काफी तनाव, मानसिक भ्रम और चिंता का अनुभव कर सकते हैं। उस सारे तनाव और परेशानी से छुटकारा पाने में आपके परिवार वाले और बच्चों से मदद मिल सकती है। अगर आपके बच्चे आपको थोड़ा परेशान करते हैं तो उस बात को लेकर चिंतित न हो। आपके बच्चों को संभालने में आपके धैर्य की परीक्षा होगी और फुर्सत के समय अपने व्यवहार का पुनर्मूल्यांकन अवश्य करें। अपने बच्चों को अच्छा बनाने तथा उनको रचनात्मक रूप से अच्छा बनाने के लिए ये सही समय है। अपने बच्चों की परियोजना में मदद करके आप अपने दैनिक जीवन के कार्य से थोड़ा ब्रेक ले सकते हैं।
रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होने की वजह से आपके और आपके बच्चों के बीच तनाव कम होगा। मेहनत और पढ़ाई के लिए यह सबसे अच्छा समय है। इस अवधि के दौरान आप अपने विचार को लिख कर व्यक्त कर सकते हैं। आपके लिए सबसे जरुरी है स्वयं की क्षमता पर विश्वास रखना।
उपाय: तांबे के गिलास से प्रतिदिन पानी पीयें।
सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर का सिंह राशि पर प्रभाव: e
सभी सिंह राशि के व्यक्ति, सूर्य आपके चतुर्थ भाव में भ्रमण कर रहा है। आपका परिवार ही आपका संबल है, और यह गोचर आपके परिवार में परेशानी आने का संकेत देता है। अपने परिवार के सदस्यों के साथ अच्छे से पेश आएं। अपने परिवार पर बहुत अधिक कठोर होने से बचें, क्योंकि आपके इस स्वभाव का असर आपके संबंधों पर उल्टा असर सकता है और उसे बाधित भी कर सकता है। आपको परिवार के साथ और उनसे दूर रहकर बीतने वाले समय के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता है। हालाँकि हम आपको यह सलाह देते हैं कि इस गोचर के दौरान अपने परिवार के साथ समय बिताना आपके लिए सबसे अच्छा है, उसके साथ ही आपका स्वयं के साथ समय व्यतीत करना भी महत्वपूर्ण है।
अपने प्रियजनों और, सबसे महत्वपूर्ण बात, अपने वरिष्ठों और सहकर्मियों के साथ स्पष्ट बातचीत करें। किसी भी चीज के लिए अकेले निर्णय लेने से बचें। प्रत्येक निर्णय में अपने परिवार को शामिल करना और उनकी राय लेना महत्वपूर्ण है; इससे आप उचित निर्णय लेने में सक्षम होंगे। यदि आप कोई व्यवसाय शुरू करने या संपत्ति खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो उसके लिए ये सबसे अच्छा समय है।
उपाय: प्रतिदिन 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करें।
वृश्चिक राशि में सूर्य के गोचर का कन्या राशि पर प्रभाव: f
कन्या राशि के सभी व्यक्ति, यह वह समय है जब आप अपने खेल में सुधार कर सकते हैं और अपने लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत कर सकते हैं। कन्या राशि में सूर्य बारहवें भाव का स्वामी है और तीसरे भाव में भ्रमण कर रहा है। अपने विचारों को प्रस्तावित करना शुरू करें और उन सभी विचारों को विश्वास के साथ अपने कार्यक्षेत्र में लागू करें। यह गोचर आपको आपकी मेहनत के अनुसार फल देगा।
केवल एक बात का ध्यान रखें कि करियर में आगे बढ़ने के चक्कर में अपने परिवार को अनदेखा न करें। अपने परिवार के लिए समय निकालने का तथा उनपर निवेश करने का यह सबसे अच्छा समय है। मुख्य रूप से ये आपके परिवार को समय देने का सबसे अच्छा समय है। अपने परिवार के साथ यात्रा की योजना बनाएं और उन स्थानों का पता लगाएं जो आपके लिए नया है।
अपने स्वास्थ्य के लिए दिनचर्या में थोड़ा बदलाव करें। लिफ्ट को छोड़ें और सीढ़ियां की मदद से ऊपर-नीचे की यात्रा करें; किसी गाड़ी से चलने के बजाय दुकान तक पैदल चल कर जाएँ, और अपने दोपहर के भोजन के बाद थोड़ी देर टहलें। इन छोटे लेकिन प्रभावी तरीकों के माध्यम से अधिकतम लाभों का आनंद लें।
उपाय: कार्तिक महात्म्य स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करें।
तुला राशि पर सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर का प्रभाव: g
तुला राशि में सूर्य एकादश भाव का स्वामी है और द्वितीय भाव में भ्रमण कर रहा है। सूर्य एक उग्र ग्रह है और यह आपके संघर्ष और बहस का कारण बन सकता है। लोगों के साथ किसी भी तरह की बहस में पड़ने से बचें, खासकर कार्यक्षेत्र से संबंधित कार्य में बहस करने से बचें। अपने सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ संपर्क को बढ़ाने के लिए भी यह एक अच्छा समय है।
आपको आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, अतः अपनी खर्च की एक योजना बनाए उसी के अनुसार खर्च करें। यदि इसके बाद भी आपको आर्थिक नुकसान होता है, तो परेशान न हों। लेकिन आगे से सजग रहें और अपनी खर्च करने की खराब आदतों का त्याग करने की कोशिश करें।
जरूरत पड़ने पर आप किसी पेशेवर की मदद भी ले सकते हैं। वैसे तो ये आपके लिए एक कठिन अवधि प्रतीत हो सकती है, लेकिन आपको अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आपकी इच्छाशक्ति और बजट कौशल को मजबूत करने की आवश्यकता है।
उपाय: रोज सुबह सूर्य को जल चढ़ाएं। सूर्य की पूजा करने से इस गोचर के अशुभ प्रभाव कम होंगे और आपकी सहनशक्ति में वृद्धि होगी।
वृश्चिक राशि में सूर्य के गोचर का वृश्चिक राशि पर प्रभाव: h
यह गोचर आपके लिए रचनात्मकता और प्रतिनिधित्व का सही मिश्रण है। इस राशि के लिए सूर्य दशम भाव का स्वामी है और आपकी कुंडली के प्रथम भाव में विचरण कर रहा है। इस दौरान आपकी सोई हुई प्रतिभाएं जगेंगी। यह आपके लिए सबसे अच्छा समय है, अतः सभी चीजों और कार्यों को सुचारु रूप से चलाने का कार्यभार संभालें।
यदि आप इस समय स्वयं पर मेहनत करना शुरू कर देंगे तो आप नई ऊंचाईयों को छू पाएंगे। आत्म अवलोकन करें और पता करें कि कौन सी योग्यता आपके भीतर छिपी हुई है। क्या आप योग कक्षा में शामिल होने या संगीत सीखने की योजना बना रहे थे? या आपकी कोई अधूरी पेंटिंग अधूरी ही रह गयी है? यदि ऐसा है, तो अब समय आ गया है कि आप जो कुछ भी योजना बना रहे हैं या आपका कोई अधूरा कार्य जो छूट गया है उसे दोबारा शुरु करें।
आप जानते हैं कि आपके पास वो प्रतिभा है जिसकी वजह से आप उत्साह के साथ सभी कार्यभार को संभाल सकते हैं। इस समय का सदुपयोग करें और किसी भी प्रकार की अनावश्यक लड़ाई-झगड़ों से दूर रहें। आप ऊर्जावान महसूस कर रहे हैं, इसलिए जो कुछ भी तनाव की बातें है उसे अनदेखा करें और सही चीज पर ध्यान केंद्रित करें।
उपाय: सूर्य मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से आपकी इच्छाशक्ति में और वृद्धि होगी और आप अपने जीवन में बड़े बदलाव लाने में सक्षम होंगे।
सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर का धनु राशि पर प्रभाव: i
आपके लिए सूर्य नवम भाव का स्वामी है और आपके बारहवें भाव में गोचर कर रहा है। अतः यह आपकी यात्रा करने का समय है। आपको विदेश यात्रा के भी मौके मिल सकते हैं। यदि आप थोड़ा अलग-थलग महसूस कर रहे हैं तो चिंता न करें; इसके बजाय, ऐसे लोगों के साथ समय व्यतीत करें जो सकारात्मक और खुशमिजाज हों।
यदि आप शराब या अन्य प्रकार के नशे का सेवन करते हैं तो इसका सेवन कम कर दें। लोगों से किसी भी प्रकार के झगड़े में पड़ने से बचें। यदि आप स्वयं को अस्थिर स्थिति में पाते हैं, तो आवेगी न बनें। यदि किसी स्थिति से आप बच नहीं पा रहे हैं, तो बस उसका सामना करें और शांत तरीके से उसका हल निकालने का प्रयास करें। चाहे आप पढ़ाई कर रहे हों या नौकरी कर रहे हों, अपने स्वास्थ्य का हर संभव तरीके से ध्यान रखें।
सूर्य का वृश्चिक राशि में बारहवें भाव में गोचर आपके लिए एक अद्भुत समय हो सकता है, लेकिन इसके परिणाम इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप अपने समय का उपयोग कैसे करते हैं।
उपाय: विष्णु सहस्रनाम का नियमित पाठ करें। विष्णु सहस्रनाम का प्रतिदिन पाठ करने से आपका दिमाग शांत होगा, आपका ध्यान कार्यों पर केंद्रित रहेगा और आपको सभी बाधाओं से छुटकारा पाने में भी मदद मिलेगी ।
सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर का मकर राशि पर प्रभाव: j
सूर्य अष्टम भाव का स्वामी है और एकादश भाव में तीव्र गति से गोचर कर रहा है। अब समय आ गया है कि आप अपने अवरोधों को छोड़ दें। अपने संबंधी लोगों से मिलें, क्योंकि यही वह समय है जब आप वास्तव में उन्हें जान पाएंगे और जीवन भर के लिए एक अच्छा संबंध विकसित करेंगे।.
यदि आपको अत्यधिक समर्थन या आश्चर्यजनक लाभ मिले तो अधिक उत्साहित न हों; अपने लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत करते रहें क्योंकि यह गोचर आपके लिए अच्छे परिणाम देने का सामर्थ्य रखता है।
अपने जीवनसाथी के साथ अच्छा समय व्यतीत करें। लोगों के साथ अच्छा संबंध आपके लिए लाभदायक हो सकती है, लेकिन अपने स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन पर ध्यान देना न भूलें।
उपाय: अपने दिन की शुरुआत कुछ मीठा खाकर करें। यह आपको सक्रिय और सकारात्मक बनाए रखने में आपकी मदद करेगा।
सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर का कुंभ राशि पर प्रभाव: k
यह आपके लिए आनंदमय समय है, क्योंकि सूर्य सप्तम भाव का स्वामी है और इस राशि के दशम भाव में गोचर कर रहा है। अब, यह वास्तव में सूर्य के उपस्थिति का स्थान है। आपका जीवन घरेलू सुख और पेशेवर लाभ का सही संतुलन होगा। आप स्वस्थ, अधिक ऊर्जावान और उत्साही महसूस करेंगे।
सूर्य के वृश्चिक राशि में आपके दशम भाव में गोचर करने से आपकी सहजता और स्वयं के लिए आत्मीयता में वृद्धि होगी। एक मजबूत और महत्वाकांक्षी व्यक्ति के रूप में लोगों पर आपकी एक अलग छाप पड़ेगी। इस गोचर में आपके साथ सभी अच्छी चीजें ही होगी।
आप सतर्क रहें और अपने नियमित अनुशासन का सच्चे मन से पालन करें। लेकिन आपको अपने साथ बहुत सख्त होने की जरूरत नहीं है।जैसे की हर रोज घर का पौष्टिक खाना खाते हैं तो एक दिन के लिए आप बाहर का भोजन जैसे फ्राइज़ और बर्गर खा सकते हैं।
उपाय: प्रतिदिन तुलसी के पौधे के पास एक दीया जलाएं।
सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर का मीन राशि पर प्रभाव: l
मीन राशि, छठे भाव का स्वामी सूर्य नवम भाव में भ्रमण कर रहा है। यह वह समय है जब आपकी भावनाएं वास्तव में तीव्र गति पर होगी। इन तीव्र भावनाओं को नियंत्रित करना आसान नहीं होगा। अतः जब आपका मन विचलित हो तो अपने आसपास के लोगों के साथ और अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ थोड़ा सावधान रहें। यदि आपका लोगों के साथ किसी प्रकार का बहस हो भी रहा हो, तो भी अपनी भावनाओं पर थोड़ा नियंत्रण रखें। यहां, आपको प्रतिक्रिया और जिम्मेदारी के बीच के अंतर को समझना चाहिए। अपने आवेग को संतुलित रखने के लिए ध्यान करें, अधिक फल खाएं और पर्याप्त पानी पिएं। खान-पान और सही जीवन जीने के कारण आपको स्पष्ट रूप से सोचने में मदद मिलेगी, जो इस गोचर के दौरान आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
अपने विचार साझा करें, लेकिन केवल उन लोगों के साथ जिन पर आप वास्तव में भरोसा करते हैं। यदि आप अपनी भावनाओं को लिखकर प्रकट करते हैं तो ये आपके लिए और भी अधिक बेहतर है। इस अवधि के दौरान अपने पिता का ध्यान रखें, अपने गुरु की बात सुनें, यदि आप एक छात्र हैं तो उच्च अध्ययन का विकल्प चुनें, और आपकी पढ़ाई के लिए दूर देशों की यात्रा आपके पक्ष में होगी।
उपाय: प्रत्येक रविवार को भगवान विष्णु की पूजा करें और मंदिर जाकर भगवान विष्णु का दर्शन करें।
निष्कर्ष #
यदि आप इस गोचर के परिणामों में निष्क्रियता की छाया पाते हैं तो निराश न हों। हमारा मतलब नकारात्मक विचारों को व्यक्त करना नहीं है, लेकिन उससे सचेत हुआ जा सकता है। गोचर न केवल आपको शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभावित करता है बल्कि गहरा आध्यात्मिक परिवर्तन लाने की क्षमता भी रखता है।
जब आप सूर्य का विश्लेषण करते हैं , तो यह न भूलें कि सूर्य शक्ति, स्थिति और प्रभुत्व के अलावा, यह आपके 'आत्मा' का भी प्रतीक है। हम बस इतना ही कह सकते हैं कि गोचर आपके लिए सबसे अच्छा शिक्षक है। उन्हें नीरस अवधि के रूप में मानने के बजाय, उन्हें गहन परिवर्तन की अवधि के रूप में लें।
यदि आपको मौका मिले, तो घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करें और सूर्य के वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान आदित्य मंत्र, 'ॐ पर्जन्य नमः' का जाप अवश्य करें।
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