ऐसे करें अपनी सभी मनोकामना की पूर्ति और सौभाग्य में वृद्धि - श्री विष्णु सहस्त्रनाम
यदि आप ईश्वर से जुड़ा हुआ महसूस करना चाहते है तो इसका सबसे अच्छे और प्रभावी तरीकों में से एक है, सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ श्लोक, स्तोत्र और मंत्रों का पाठ करना। देवताओं में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीन सबसे महत्वपूर्ण देवता हैं। ब्रह्मा जी सृष्टि के निर्माता, विष्णु जी सृष्टि के संचालक और महेश विध्वंसक के रूप में जाने जाते हैं।
हमारे निःशुल्क वैदिक ज्योतिष रिपोर्ट के साथ अपने व्यक्तित्व को जानने के साथ, अपने दोषों और अनुकूल व प्रतिकूल समय आदि का गहन विश्लेषण प्राप्त करें। देखें कि आपकी कुंडली आपके जीवन के प्रत्येक पक्ष के बारे में क्या कहती है।
भगवान विष्णु जो सृष्टि के संचालक हैं उनके पूजन का विशेष महत्त्व है। विष्णु सहस्रनाम एक प्राचीन स्रोत है तथा इसका शाब्दिक अर्थ "भगवान विष्णु के हजार नाम" से है। विष्णु भगवान को सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में जाना जाता है, इसलिए उनकी पूजा- उपासना से आपका जीवन का निर्वाह सहज एवं आसान हो जाता है।
भगवान विष्णु की अपूर्व महिमा है और इन महिमा के विषय में नामों के माध्यम से विस्तृत रूप से बताया गया है "विष्णु सहस्रनाम" में। भगवान विष्णु की उपासना के लिए ''विष्णु सहस्रनाम'' का पाठ सबसे ज्यादा फलदायी, सबसे अधिक शुभ माना जाता है।
इसका पाठ करने से श्रीहरि की कृपा से सारे काम आसानी से बनने लगते हैं और इसमें भगवान के सहस्त्र नामों का उल्लेख किया गया है और हर नाम एक मंत्र है। इसके अद्भुत श्लोक अगर आप पढ़ते हैं तो आप हर नक्षत्र को नियंत्रित कर सकते है।
बुध ग्रह की स्थिति और प्रभाव को ठीक करने के लिए विष्णु सहस्रनाम का पाठ बहुत ही अच्छा माना जाता है। आईये जानते है किन परिस्थियों में विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना अधिक लाभदायक होता है:
वैसे तो किसी भी परिस्थिति में या मन को शांत रखने के लिए भी इसका पाठ किया जा सकता है और रोज इसके पाठ से जीवन में आने वाली बाधाओं से भी बचा जा सकता है किन्तु कुंडली की स्थितियां और कुछ परिस्थितियों में इसके पाठ का लाभ अत्यंत प्रभावकारी होता है। वो परिस्थितियां निम्न है:
1. यदि आपकी कुंडली में बुध नीच राशि में बैठा हो या आपको मारक फल दे रहा हो अर्थात बुध के प्रभाव के कारण जिंदगी में मुश्किलें ज्यादा हो तो विष्णु सहस्रनाम का पाठ अवश्य करना चाहिए। आपका बुध ग्रह कहाँ स्थित है, यह जानने के लिए आप हमारे निःशुल्क कुंडली कॅल्क्युलेटर का उपयोग कर सकते हैं।
2. अगर कुंडली में बुध 1, 3, 5, 7, 9 या 12वें भाव में भ्रमण कर रहा हो तो, ऐसी स्थिति में बुध का प्रभाव अशुभ होता है। अतः ऐसी स्थिति में भी विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए।
3. अगर बुध के कारण आपको त्वचा की, कान, नाक या गले की समस्या होती है तो भी विष्णु सहस्रनाम का पाठ अच्छा माना जाता है।
4. यदि आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं चल रही हैं, बुद्धि संबंधी निर्णय में बाधा आ रही हो या शिक्षा में समस्या आ रही हो तो भी इसका पाठ आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
5. आपकी कुंडली में किसी भी ग्रह की अशुभ दशा चल रही हो या कोई नक्षत्र आपके जीवन में परेशानी ला रहा हो तो नियमित रूप से विष्णु सहस्रनाम का पाठ आपके जीवन की परेशानियों को दूर कर सकता है।
विष्णु सहस्रनाम का महत्त्व
भगवान विष्णु जीवन के संरक्षक हैं और सबके जीवन की रक्षा करते हैं। भगवान विष्णु की प्रार्थना करने के लिए कई पवित्र श्लोक हैं। उन सब पवित्र श्लोकों में से सबसे प्रभावी ''विष्णु सहस्रनाम'' है। ''विष्णु सहस्रनाम'' में भगवान विष्णु के एक हजार नामों का वर्णन है।
विष्णु सहस्त्रनाम, महाभारत महाकाव्य में भीष्म युधिष्ठिर संवाद के रूप में अनुशासन पर्व में निहित है। विष्णु सहस्रनाम हिंदू पौराणिक कथाओं में अत्यंत गहराई से समाहित है तथा अनुष्टुप छंद में इसके लगभग 149 श्लोक हैं।
तनाव मुक्त जीवन से मनुष्य का स्वास्थ्य अच्छा रहता है तथा विष्णु सहस्रनाम का पाठ आपके मन को शांति प्रदान करता है। व्यक्ति के जीवन में जब अत्यंत परेशानी चल रही हो और आपके द्वारा किये गए सभी उपाय जब विफल हो जाते हैं तब व्यक्ति ईश्वर की तरफ झुकाव महसूस करता है। लेकिन वास्तव में व्यक्ति को खुशी के समय भी ईश्वर का अनुसरण करना चाहिए।
आपको सच्ची श्रद्धा के साथ विष्णु सहस्रनाम का जप करना चाहिए, जो परम विश्वास के साथ भगवान की राह दिखाता है। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना या सिर्फ रोजाना सुनना, हमारी मानसिक शांति और स्थिरता को बनाए रखने में हमारी मदद करता है।
कैसे करें सहस्रनाम का पाठ
1. विष्णु सहस्रनाम का पाठ आपको रोज सुबह उठ कर करना चाहिए तथा पाठ के बाद जो भी आपके मन में कामना है या प्रार्थना है वो आपको कहनी चाहिए।
2. पीले रंग के वस्त्र धारण कर यदि आप पाठ करते है और पीली वस्तु का भोग लगाते है तो इसको शुभ माना जाता है।
3. गुरुवार की शाम को नमक का सेवन न करें या कोशिश करें सप्ताह में किसी एक दिन नमक का सेवन न करें।
4. जितने दिन भी विष्णु सहस्रनाम का पाठ करेंगे उस दौरान मांस-मछली, मदिरा, प्याज, लहसन इत्यादि का त्याग कर सात्विक भोजन ग्रहण करें।
5. यदि आप संस्कृत में पाठ नहीं कर पा रहें हैं तो आप हिन्दी में भी इसका जाप कर सकते हैं।
6. प्रत्येक बृहस्पतिवार के दिन पीला वस्त्र धारण कर भगवान विष्णु आराधना करने से, पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होंगे और आपके जीवन की समस्या दूर होगी।
7. यदि आपके वैवाहिक जीवन में कोई समस्या चल रही है तो लक्ष्मी-विष्णु की मूर्ति स्थापित करके उनकी पूजा करने से तथा विष्णु सहस्रनाम का जाप करने से आपके वैवाहिक जीवन की समस्या दूर होगी तथा आप एक सुखद वैवाहिक जीवन यापन करेंगे।
विष्णु सहस्रनाम जाप के लाभ
विष्णु सहस्रनाम का जाप करने से निम्न लाभ प्राप्त हो सकते हैं:
1. किसी विशेष अवसर या त्यौहार वाले दिन भगवान विष्णु को याद कर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें तो उसकी सभी मनोकामना पूरी हो जाएगी।
2. पाठ करने से आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है, सुख-संपदा बनी रहती है।
3. इसका पाठ करने से संतान पक्ष से सुख की प्राप्ति होगी तथा बृहस्पति से जुड़ी पीड़ा दूर होती है।
4. यदि आपके विवाह में विलंब हो रहा है तो इसका पाठ करना आपके लिए लाभकारी हो सकता है। यदि विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से वैवाहिक दाम्पत्य को संतान सुख की भी प्राप्ति होती है।
5. यदि आपके पारिवारिक जीवन में कोई समस्या आती है तो विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से सारी समस्या दूर हो जाएगी।
विष्णु सहस्रनाम का नियमित जाप करने से आप कई प्रकार की बिमारियों से दूर रहेंगे तथा आपको जीवन में सौभाग्य की प्राप्ति होगी। आपका मन शांत रहेगा, आर्थिक स्थिति में सुधार होगा तथा जीवन से भय, तनाव दूर होगा साथ ही जीवन में शांति आएगी।
इसके नियमित पाठ से आपके पारिवारिक झगड़ों भी कम होंगे और घर में एक शांतिपूर्ण माहौल बना रहेगा। इस मंत्र का प्रभाव आपके परिवार के बच्चों की सुरक्षा भी करता है।
यदि आप अपने घर में विष्णु सहस्रनाम का नियमित जाप करते हैं या सुनते हैं तो आपके परिवार के सभी सदस्यों के लिए यह एक सुरक्षा कवच के रूप में काम करेगा।
इस प्रकार विष्णु सहस्रनाम का जप आपके जीवन में अनंत लाभ और सकारात्मक प्रभाव लाएगा। इसका जाप आपको गरीबी, बीमारी, जन्म और मृत्यु के भय से मुक्त करता है।
आपको उच्च चेतना की प्राप्ति होगी और आपको ईश्वर को बेहतर तरीके से समझने और स्वयं के आत्मनिरीक्षण करने में भी मदद मिलेगी।
अतः आपको विष्णु सहस्रनाम के पाठ को अपने दिनचर्या में अवश्य शामिल करना चाहिए और जहाँ तक संभव हो अपने परिवार के लोगों को भी इस विषय की जानकारी दें।
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