कन्या राशि में सूर्य गोचर 2023: आपके जीवन के लिए नया आरंभ!
सभी ग्रहों में सूर्य सबसे शक्तिशाली ग्रहों में से एक है। इसके साथ ही सूर्य को एक पूजनीय ग्रह का भी दर्जा दिया गया है। सूर्य आत्मा, जीवन तथा ऊर्जा का अत्यंत महत्वपूर्ण स्रोत होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य को आत्मा, जीवनशक्ति, शक्ति, अधिकार तथा व्यक्ति के व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य हमारे आंतरिक ऊर्जा तथा आत्मविश्वास का प्रतीक होता है।
सूर्य की कृपा के कारण व्यक्ति आत्मविश्वासी, दृढ़संकल्प लेने वाला व्यक्ति बनता है। यदि आपकी कुंडली में सूर्य शुभ स्थिति में उपस्थित है तो सूर्य को अच्छी शारीरिक ऊर्जा तथा मजबूत स्वास्थ्य प्रदान करने वाला व्यक्ति माना जाता है। वही अगर सूर्य की स्थिति शुभ न हो तो व्यक्ति को जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
राशियों में सिंह राशि पर सूर्य शासन करते हैं तथा मेष राशि में उच्च माने जाते हैं। इसके अलावा सूर्य, कालपुरुष कुंडली में पंचम भाव के स्वामी होते हैं। कुंडली का पांचवां भाव बुद्धि, संतान सुख, मानसिक शांति का प्रतिनिधित्व करता है।
सूर्य प्रत्येक राशि में कुल एक महीने तक गोचर करते हैं और उसके बाद अगली राशि के लिए प्रस्थान करते हैं। ऐसी ही स्थिति में सूर्य अब सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करने वाले हैं। सूर्य के इस गोचर का सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा।
सूर्य का कन्या राशि में गोचर की तिथि तथा समय
सूर्य का कन्या राशि में गोचर तब प्रारंभ होगा जब 17 सितम्बर 2023 को प्रातःकाल 7 बजकर 13 मिनट पर सूर्य सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। कन्या राशि को पृथ्वी तत्व तथा स्त्री तत्व का राशि माना गया है। कन्या राशि को संघर्ष, निर्णय तथा उपचार की राशि भी माना गया है।
ऐसे में सूर्य का कन्या राशि में गोचर इन क्षेत्रों में प्रकाश की किरण बनकर आएगा। सूर्य का कन्या राशि में गोचर जातकों के जीवन की परेशानियों को समाप्त करने में सहायक सिद्ध होगा।
आईये जानते हैं कि आपकी चंद्र राशि के आधार पर सूर्य का कन्या राशि में गोचर होने पर क्या प्रभाव पड़ता है तथा कौन-से उपाय करने लाभकारी हो सकते हैं।
मेष राशि पर प्रभाव a
मेष राशि के लिए पंचम भाव के स्वामी सूर्य कन्या राशि के षष्टम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। मेष राशि के षष्टम भाव में सूर्य के इस गोचर से प्रतियोगिता की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए लाभ का समय हो सकता है। जो नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें नौकरी प्राप्त होने की संभावना है।
सूर्य का कन्या राशि में गोचर करने का नकारात्मक प्रभाव जातक के वैवाहिक जीवन पर पड़ सकता है। इसके साथ ही मेष राशि के जातकों को अपने स्वास्थ्य के प्रति भी थोड़ा सचेत रहने की आवश्यकता है।
आपको हड्डियों से जुड़ी या आँखों से जुड़ी किसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। सही समय पर ईलाज नहीं करवाने से आपको किसी बड़ी समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
उपाय: यदि आप अपने स्वास्थ्य को अच्छा बनाये रखना चाहते हैं तो प्रतिदिन नियमित रूप से अदरक तथा गुड़ खाएं। करियर में वृद्धि के लिए सूर्य देव की पूजा करें।
वृषभ राशि पर प्रभाव b
वृषभ राशि के लिए सूर्य चतुर्थ भाव का स्वामी ग्रह होकर कन्या राशि के पंचम भाव में गोचर करेंगे। कुंडली का पंचम भाव शिक्षा, प्रेम, संबंध का प्रतिनिधित्व करता है। वृषभ राशि के लिए ये गोचर अत्यंत शुभ संकेत लेकर आया है। इस अवधि में जातक स्वयं को समाज से जोड़ने में उनकी समस्याओं को समझने में सक्षम होंगे।
इस स्वभाव के कारण समाज के लोग भी आपसे प्रसन्न रहेंगे और आपका ये स्वभाव आपको एक सफल राजनेता बनने में भी सहायक सिद्ध होगा।
यदि इस गोचर के नकारात्मक परिणाम प्रदान करने में पक्ष में बात करें तो ऐसी कोई बड़ी समस्या का सामना आपको नहीं करना पड़ेगा। किन्तु आपको अपने संबंधों को विशेष रूप से वैसे संबंध जो आपके लिए महत्वपूर्ण है उसके लिए समय निकालने की कोशिश करें। समय न देने के कारण आपके संबंध खोखले हो सकते हैं।
आपको अपने बच्चों के माध्यम से सुखद समाचार प्राप्त होने की संभावना होगी।
उपाय: जरूरतमंद लोगों की अपनी क्षमता अनुसार सहायता करें। गरीब बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में सहायता करना आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
मिथुन राशि पर प्रभावc
मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य तृतीय भाव का स्वामी है तथा सूर्य का कन्या राशि में गोचर के दौरान मिथुन राशि के चतुर्थ भाव में प्रवेश होगा। मिथुन राशि के जातकों लिए चतुर्थ भाव में कन्या राशि का गोचर बहुत अधिक लाभकारी सिद्ध नहीं होगा।
आप कुछ घरेलू परेशानियों से घिरे हुए हो सकते हैं। आपकी माँ के साथ आपकी किसी बात को लेकर बहस हो सकती है। यदि आप अपने कार्यो में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको उसके लिए कठिन परिश्रम करना होगा। मिथुन राशि के जातक यदि लेखक बनना चाहते है या किसी प्रिंट मिडिया से जुड़ना चाहते हैं तो ये समय उनके उचित हो सकता है।
उपाय: अपने घर में शांति बनाये रखने के लिए भगवान विष्णु के नाम की पूजा करवाएं।
कर्क राशि पर प्रभाव d
कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य द्वितीय भाव का स्वामी है तथा कन्या राशि के तृतीय भाव में गोचर करेगा। सूर्य के कन्या राशि में गोचर के दौरान कर्क राशि के जातकों में आत्मविश्वास की वृद्धि होगी तथा संचार की कुशलता प्राप्त होगी। इस अवधि में जातक के परामर्शदाता बनने, सलाहकार बनने तथा प्रिंट मीडिया में रिपोर्टर बनने की संभावना होगी।
इस अवधि में आपको अपने पिता, गुरु तथा शिक्षकों की सेवा करनी चाहिए। इससे आपको उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा तथा आप अपने जीवन में सफल होंगे।
उपाय: प्रतिदिन प्रातःकाल सूर्य देव को अर्ध्य अर्पित करें। इससे आपके मन को शांति मिलेगी तथा आप अपने जीवन में सफल होंगे।
सिंह राशि पर प्रभाव e
सिंह राशि के लिए सूर्य अपने ही लग्न भाव के स्वामी होंगे तथा इस गोचर के दौरान दूसरे भाव में प्रवेश करेंगे। कुंडली का द्वितीय भाव भाषण, परिवार तथा बचत का भाव होता है। इस गोचर के दौरान आपको अपने परिवार का ध्यान रखना चाहिए, उनके साथ समय व्यतीत करना चाहिए तथा उनका मूल्य समझने की कोशिश करनी चाहिए।
इस गोचर के दौरान सिंह राशि के जातक को सरकारी नौकरी प्राप्त हो सकती है। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी तथा आपका परिवार भी आपसे प्रसन्न होगा। छात्रों के लिए भी ये अवधि शुभ होगा।
उपाय: रविवार के दिन आपको सूर्य देव के नाम का व्रत करना चाहिए तथा उन्हें जल अर्पित करना चाहिए।
कन्या राशि पर प्रभाव f
कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य बारहवें भाव का स्वामी हैं तथा कन्या राशि में गोचर के दौरान आपके लग्न को प्रभावित करेगा। कन्या राशि में सूर्य का यह गोचर जातकों को आत्मविश्वास से भरा हुआ तथा आकर्षक बनने में सहायक सिद्ध होगा।
कन्या राशि के जातकों के लिए ये अवधि थोड़ी चुनौती से भरी हो सकती है किन्तु आपकी बुद्धिमानी तथा आत्मविश्वास से आप सभी चुनौती से लड़ सकते हैं।
उपाय: प्रतिदिन प्रातःकाल गायत्री मंत्र का जाप करें। इससे आपके मन को शांति प्राप्त होगी तथा आप सही दिशा में सोच पायेंगे।
तुला राशि पर प्रभाव g
तुला राशि के लिए सूर्य ग्यारहवें भाव का स्वामी है तथा कन्या राशि में गोचर के दौरान यह द्वादश भाव में चला जायेगा। कुंडली का बारहवां भाव में कन्या राशि का गोचर तुला राशि के जातकों के लिए मिलाजुला परिणाम लेकर आएगा।
इस अवधि में आपके जीवन में कई परेशानी आ सकती है जिसका सामना आपको बहुत ही सोच-समझकर करना होगा। आपके खर्च भी बढ़ सकते हैं। यदि आप आर्थिक संकट से बचना चाहते हैं तो आपको खर्च का बजट बनाकर चलना चाहिए। कानूनी मामलों से आपको थोड़ा सतर्क रहना चाहिए।
उपाय: आपको प्रतिदिन आदित्य हृदय स्रोत का पाठ करना चाहिए। इससे आपके जीवन की सभी परेशानियां समाप्त हो जाएगी।
वृश्चिक राशि पर प्रभाव h
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए सूर्य दशम भाव का स्वामी है तथा कन्या राशि में ग्यारहवें भाव में गोचर करेगा। कन्या में सूर्य का यह गोचर वृश्चिक राशि के जातकों के जीवन में उन्नति के अवसर लेकर आएगा। रोजगार से जुड़े लोगों की वेतनवृद्धि होगी तथा छात्रों को सफलता प्राप्त होगी।
सरकारी संस्थान से जुड़े लोगों को लाभ प्राप्त होगा। व्यवसाय में वृद्धि होगी तथा आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। संतान सुख की प्राप्ति होगी तथा वैवाहिक जीवन भी सुखमय होगा।
उपाय: रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करें। इससे आपके जीवन में सकारात्मकता का संचार होगा।
धनु राशि पर प्रभाव i
सूर्य नवम भाव के स्वामी होकर कन्या राशि में गोचर के दौरान दशम भाव में प्रवेश करेगा। सरकारी नौकरी तथा व्यापार से जुड़े लोगों के लिए ये अवधि शुभ होगी। सूर्य का ये गोचर उन लोगों के अत्यंत शुभ होगा जो कंपनी बदलने के विषय में सोच रहें हैं।
यदि आप अपने नौकरी के क्षेत्र में किसी प्रकार की परेशानी का सामना कर रहे हैं तो आपको अपने पिता से इस विषय में बात करना चाहिए। आपके पिता आपको सही सलाह देंगे।
उपाय: रविवार के दिन सूर्य देव को फूल, रोली, अक्षत अर्पित कर उनकी पूजा करें।
मकर राशि पर प्रभाव j
मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य अष्टम भाव का स्वामी होकर नवम भाव में गोचर करेगा। इस गोचर अवधि के दौरान आपके भाग्य में वृद्धि होगी तथा विज्ञान के क्षेत्र से जुड़े लोगों की तरक्की होगी।
इस अवधि के दौरान आप अपने परिवार के साथ या छोटे भाई-बहनों के साथ तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं। अपने माता-पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। इस गोचर के दौरान आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
उपाय: अपने परिवार का सम्मान करें तथा घर से निकलने से पूर्व अपने बड़ों का आशीर्वाद अवश्य लें।
कुंभ राशि पर प्रभाव k
कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य सप्तम भाव का स्वामी होगा तथा अष्टम भाव में गोचर करेगा। सप्तम भाव में गोचर करने के कारण यह आपको अप्रत्याशित घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप किसी यात्रा पर जा रहे हैं तो आपको थोड़ा सतर्क रहना चाहिए।
जिनका विवाह हो चुका है उनके वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानी आ सकती है। अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें। यदि आप अपने जीवन से सभी परेशानियों को दूर करना चाहते हैं तो आपको आत्मविश्वास के साथ सभी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। जब आप किसी परिस्थिति का सामना करेंगे तभी आप उनसे निकलने का रास्ता निकाल पायेंगे। आत्मविश्वास तथा दृढ़संकल्प के साथ अपना कार्य करें इससे आपको सफलता अवश्य प्राप्त होगी।
उपाय: अपने घर के पास के किसी मंदिर में जाकर वहां के लोगों में जरूरत की चीजों का दान करें।
मीन राशि पर प्रभाव l
सूर्य मीन राशि के षष्टम भाव का स्वामी होगा तथा सप्तम भाव में गोचर करेगा। यह गोचर विवाहित जातकों के लिए अनुकूल सिद्ध नहीं होगा। ऐसी स्थिति में अपने जीवनसाथी के साथ बहस करने की जगह उनको समय दें तभी आप अपने संबंधों को सुधार पायेंगे।
आपके ऊपर अचानक से कई जिम्मेदारियां आ जायेगी जिसके कारण आपको परेशानी भी हो सकती है किन्तु अपने को शांत रखकर आप सभी परेशानी से बाहर आ सकते हैं।
उपाय: रविवार के दिन सूर्य देव को जल अर्पित करें तथा उस समय 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करें।
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