श्री हनुमान चालीसा: हर समस्या का समाधान

हनुमान चालीसा का व्यक्ति के जीवन में बड़ा ही महत्व है। इस चालीसा को पढ़ने से व्यक्ति के मन में साहस, आत्मविश्वास और पराक्रम का संचार होता है। हनुमान चालीसा भगवान हनुमान की आराधना में गाया जाता है। हनुमानजी का प्रताप चारों युग में फैला हुआ है, ऐसा कोई स्थान नहीं होगा जहाँ हनुमानजी की जय-जयकार नहीं होती होगी।
हनुमानजी को संकट मोचन भी कहा गया है इसलिए हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी संकट तो दूर हो ही जाते हैं, साथ ही अन्य कई लाभ भी प्राप्त होते हैं। हनुमान चालीसा को महान संत कवि तुलसीदास ने लिखा है। इसमें कुल 40 छंद होते है जिसके कारण इसे चालीसा कहा जाता है।
हमें बचपन से ही ऐसा सिखाया गया है कि यदि हमारा मन अशांत लगे या किसी चीज से डर लगे तो हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन शांत हो जाता है और सभी डर भी दूर हो जाते हैं। सनातन धर्म में हनुमान चालीसा का बहुत महत्व है, हनुमान चालीसा के पाठ से शनि ग्रह और उससे सम्बंधित साढ़ेसाती का प्रभाव भी कम होता है। आमतौर पर हनुमान चालीसा को वैदिक सूक्त मान कर भगवान से अर्जी लगायी जाती है।
आईये जानते हैं कि हनुमान चालीसा की रचना क्यों, कैसे और किसने की?
हनुमानजी को संकटमोचन कहा गया है, ये पल भर में ही भक्तों के बड़े-बड़े संकट को हर लेते हैं। भगवान हनुमान भी भगवान शिव की तरह तुरंत प्रसन्न होने वाले हैं। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी का जन्म किसी विशेष मंगलवार के दिन हुआ था इसलिए हनुमानजी का मंगलवार के दिन पूजा विशेष महत्व रखता है। वैसे तो किसी भी दिन और किसी भी समय हनुमान चालीसा का पाठ करना अच्छा होता है, किन्तु मंगलवार व शनिवार के दिन इसका पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
तुलसीदास जी ने हनुमान जी की स्तुति में कई रचना की थी जिसमें हनुमान बाहुक, हनुमानाष्टक और हनुमान चालीसा प्रमुख है। भगवान को यदि किसी युग में आसानी से प्राप्त किया जा सकता है तो वह युग है कलयुग और इस कथन की पुष्टि रामचरितमानस का एक दोहा करता है,
'कलियुग केवल नाम अधारा,
सुमिर-सुमिर नर उतरहि पारा।'
कलियुग में केवल भगवान का नाम लेकर ही मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। हनुमान चालीसा की रचना के पीछे एक रोचक कथा है जो कि इस प्रकार है, तुलसीदास जी ने एक कारावास के अंदर व्यतीत कर रहे समय में हनुमान चालीसा को लिखा था और प्रतिदिन उस चालीसा का पाठ भी करते थे, जिसके परिणाम स्वरुप उन्हें बहुत जल्द कारावास से मुक्ति मिल गयी। तुलसीदास जी की सभी रचना अत्यंत उत्तम और प्रभावशाली है और यदि सच्ची श्रद्धा और सच्चे मन से उसका पाठ किया जाए तो ईश्वर भी अवश्य प्रसन्न होते हैं।
हनुमान चालीसा को यदि अच्छे से समझा जाये तो आपको ये पता लगेगा कि एक हनुमान जी ही इस कलयुग के जागृत देवता हैं, जो भक्तों के सभी तरह के कष्ट को दूर करते हैं। बजरंग बाण से शत्रुओं पर विजय प्राप्त किया जा सकता है।
हनुमान चालीसा के पाठ का लाभ
हनुमान चालीसा में हनुमान जी के जीवन का सार छुपा हुआ है। इसको पढ़ने के कई लाभ है जो कि इस प्रकार है
०१. हनुमान चालीसा को डर, भय, संकट या किसी परेशानी के समय पढ़ने से सारे कष्ट और विपत्ति दूर हो जाते हैं।
०२. यदि किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का संकट छाया हुआ है तो उस व्यक्ति को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। इसके पाठ करने से उसके जीवन में शांति आती है।
०३. यदि किसी व्यक्ति को बुरी शक्तियां परेशान करती है, तो हनुमान चालीसा का पाठ करने से वो सभी परेशानी दूर हो सकती है।
०४. यदि आपसे जाने अनजाने में कोई अपराध हो जाता है जिसके कारण आपका मन शांत नहीं रहता तो ऐसी स्थिति में हनुमान चालीसा का पाठ करें, उससे मन को शांति मिलती है।
०५. यदि आप किसी यात्रा पर जा रहें हैं तो सुरक्षित यात्रा के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें। पाठ करने से आपके मन से सभी प्रकार के भय दूर हो जाते हैं।
०६. यदि आपके जीवन में किसी प्रकार की समस्या है और वो दिन-प्रतिदिन विकट होती जा रही है और आप हर तरफ से फंसते जा रहे हैं तो हनुमान चालीसा का प्रतिदिन 108 बार पाठ करना लाभकारी होता है।
०७. चालीसा के पाठ से न केवल बिगड़ते हुए काम बनते हैं बल्कि भूत-प्रेत भी दूर भाग जाते हैं। किसी भी प्रकार का कोई जादू-टोना या कोई अदृश्य शक्ति आपको परेशान कर रही है तो हनुमान चालीसा के पाठ से ये सभी प्रकार की समस्या दूर हो जाएगी।
०८. यदि व्यक्ति के प्राण संकट में है तो उस समय भी यदि सच्चे मन से हनुमान चालीसा का पाठ किया जाये तो जीवन की रक्षा हो सकती है।
०९. कर्ज, कानूनी विवाद, डर-भय, शत्रु से परेशानी, चिंता-तनाव इत्यादि किसी भी प्रकार की समस्या से यदि आप गुजर रहें हैं तो हनुमान चालीसा का पाठ करना आपके लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।
१०. विद्यार्थी का मन यदि पढ़ाई में नहीं लग रहा है तो उसे भी हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे मन को शांति मिलती है और एकाग्रत भी बढ़ती है।
हनुमान चालीसा का पाठ विधि पूर्वक कैसे पूरा किया जाए
वैसे तो हनुमान चालीसा को संकट के समय या ऐसे भी कभी अगर सच्ची श्रद्धा के साथ पाठ किया जाये तो उसके परिणाम अवश्य मिलता है किन्तु फिर भी बेहतर परिणाम के लिए पूरे विधि-विधान से पाठ करना लाभकारी होगा। यदि विधि पूर्वक चालीसा पाठ की बात करें तो वो निम्न है।
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर के साफ़ वस्त्र धारण कर के, अपने मुख को पूर्व या दक्षिण दिशा में रख कर लाल आसान पर बैठ कर चालीसा का पाठ करें।
हनुमान जी की फोटो या प्रतिमा के सामने गाय के घी या तिल के तेल का दिया जलाये और एक लोटे में जल भर कर हनुमान जी के सामने रखें तथा तीन बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। गुड़ या बूंदी का भोग भगवान को लगाये। ये पूरी विधि लगातार ग्यारह मंगलवार तक करते रहने से भगवान हनुमान जी की कृपा अवश्य प्राप्त होगी।
निष्कर्ष #
हनुमान चालीसा का पाठ हमेशा स्नान के बाद साफ़ वस्त्र धारण करके करें। मांस-मदिरा से दूर रहें तथा सच्ची श्रद्धा और शांत मन से हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से चालीसा पाठ के अनेकोनेक लाभ प्राप्त होंगे।
इस प्रकार हनुमान चालीसा का सच्चे मन से पाठ करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और पाठ से कई लाभ भी प्राप्त होते हैं।
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