शनि वक्री 2023: जानें शनि के वक्री होने का आपकी राशि पर प्रभाव

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। वैसे तो शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है, किन्तु शनिदेव को न्याय और कर्मफलदाता भी कहा जाता है। ज्यादातर लोग शनि का नाम सुनते ही डर जाते हैं। शनि देव सदैव व्यक्ति के कर्मों का ही हिसाब करते हैं, यदि किसी व्यक्ति ने जीवन में अच्छे कर्म किये हो तो शनि देव उन्हें अच्छे परिणाम भी प्रदान करते हैं।
तिथि और समय
शनि देव अगर किसी जातक के कर्म से प्रसन्न हो जाएं तो उसके जीवन में सुख-समृद्धि, धन-दौलत की कोई कमी नहीं होती है। शनि करीब ढाई वर्षों तक एक राशि में रहते हैं उसके बाद एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करते हैं। इसके अलावा शनि अपनी चाल में भी समय के साथ बदलाव करते हैं।
इसी क्रम में शनिदेव जून में अपनी चाल में बदलाव करेंगे। इस वर्ष शनि 17 जून को कुंभ राशि में रहते हुए वक्री अवस्था में नजर आएंगे, इस कारण से केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होगा। इस योग से सभी राशियों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव आने की संभावना है। सभी 12 राशि के जातकों के जीवन में काफी बदलाव की संभावना है जैसे उनकी नौकरी, करियर, व्यापार और सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी की संभावना हैं।
शनि ग्रह अपनी ही राशि कुंभ में गोचर करेंगे तथा 17 जून 2023 को रात 10 बजकर 48 मिनट पर वक्री गति में प्रवेश करेंगे, जिसका प्रभाव प्रत्येक राशि में देखने को मिलेगा।
चलिए जानते है कि शनि के वक्री चाल का सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ता है
मेष राशि पर प्रभाव a
मेष राशि के जातकों के लिए शनि का वक्री होना बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगा। इस अवधि के दौरान मेष राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। व्यापार में लाभ प्राप्त होगा तथा मित्रों से भी मिलने की संभावना होगी।
बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े जातकों को लाभ के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। अपने से बड़े लोगों की सेवा करें, उनकी देखभाल करें इससे आपको लाभ प्राप्त होगा।
उपाय: शनिवार के दिन सूर्योदय के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें, पेड़ में जल अर्पित करें तथा तेल का दिया जलाएं। पीपल के पेड़ की पूजा करने से शनि देव प्रसन्न रहते हैं।
वृषभ राशि पर प्रभाव b
वृषभ राशि के जातकों को शनि देव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा। शनि देव की उपस्थिति आपको आर्थिक और राजनीतिक रूप से मजबूत बनाती है। इतने दिनों से आपके द्वारा किये गए परिश्रम का आपको लाभ प्राप्त होगा।
आपका जिद्दी स्वभाव आपको दृढ इच्छाशक्ति प्रदान करता है जिससे आप स्वयं में सर्वश्रेष्ठ की तलाश करेंगे। आपके माता-पिता किसी भी परिस्थिति में आज आपके साथ खड़े रहेंगे।
उपाय: शनि मंत्रों का जाप करें तथा शनि मंदिर में जाकर शनि चालीसा तथा आरती का पाठ करें।
मिथुन राशि पर प्रभावc
मिथुन राशि में शनि की उपस्थिति बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगी। जो व्यक्ति नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें नौकरी प्राप्त हो सकती है। इसके साथ ही पदोन्नति तथा वेतन वृद्धि की भी संभावना है।
मिथुन राशि में शनि की उपस्थिति आपको अत्यंत ऊर्जावान बनाती है किन्तु आपको उस ऊर्जा को सही दिशा में उपयोग करने की आवश्यकता होगी। यदि मिथुन राशि के जातक अपनी ऊर्जा का उपयोग सही दिशा में सही तरीके से करेंगे तो बहुत आगे तक जा सकते हैं।
उपाय: मंगलवार तथा शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें। शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
कर्क राशि पर प्रभाव d
कर्क राशि में शनि की उपस्थिति से आप बहुत कुछ सीखेंगे और अपने जीवन में बहुत अच्छा करेंगे। शनि की वक्री स्थिति आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगी। कर्क भावना का प्रतीक है और शनि संयम का ग्रह है। आपको अपनी रचनात्मक कार्यो में अपार सफलता प्राप्त होने की संभावना है।
उपाय: शनिवार के दिन काला तिल, काला छाता, सरसों का तेल, काली उड़द की दाल का दान करें।
सिंह राशि पर प्रभाव e
सिंह राशि में शनि की उपस्थिति आपको गंभीर तो बनाती है किन्तु इसके साथ ही मस्ती के अवसर भी प्रदान करती है। इस राशि में शनि की उपस्थिति आपको दृढ़ इच्छा शक्ति प्रदान करती है। अपने शत्रुओं से सावधान रहें और जल्दबाजी में कोई भी फैसला न लें।
आपके परिवार में खुशी का कोई समाचार आपको प्राप्त हो सकता है। आपका भाग्य आपके साथ है जिसकी वजह से आपकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
उपाय: लाल चंदन की माला को अभिमंत्रित कर के धारण करें, इससे शनि देव के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं।
कन्या राशि पर प्रभाव f
कन्या राशि पर शनि का प्रभाव बहुत अच्छा सिद्ध नहीं होगा। यदि आप अपनी प्रेम से भरी भावना किसी के समक्ष प्रस्तुत करने का सोच रहे हैं तो अभी उसके लिए सही समय नहीं है। छात्रों को सफलता प्राप्त करने के लिए और अधिक परिश्रम करना होगा। अपने स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा सतर्क रहें तथा वाहन चलाते समय भी सावधानी बरतने की कोशिश करें।
उपाय: शाम के समय बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
तुला राशि पर प्रभाव g
तुला राशि में शनि की उपस्थिति से जातक के जीवन में संतुलन बना रहता है तथा आपको शुभ परिणाम भी प्रदान करते हैं। आप जिस क्षेत्र से जुड़े होंगे उस क्षेत्र में आपको प्रोत्साहन मिलेगा। व्यापार से जुड़े लोगों को भी लाभ प्राप्त होगा। पुराने मित्रों से मिलने की संभावना हो सकती है।
उपाय: दो रोटी में तेल लगाकर उस रोटी को गाय को खिलायें।
वृश्चिक राशि पर प्रभाव h
वृश्चिक राशि जल का प्रतिनिधित्व करता है और ये राशि चक्र के सबसे भावुक राशियों में से एक है। वृश्चिक राशि में शनि का प्रकोप बहुत अच्छा सिद्ध नहीं होगा। यदि आप अपनी नौकरी छोड़ने के विषय में सोच भी रहें है तो इस समय नौकरी को न छोड़े।
शनि देव की बहुत अधिक कृपा आप पर नहीं होगी। आप जो भी कार्य करते हैं या करने वाले होते हैं, उन कार्यो के प्रति अत्यंत सतर्क रहें।
उपाय: काले चने का शनि देव को भोग लगायें। इसके बाद थोड़ा चना भैंस को भी खिलायें।
धनु राशि पर प्रभाव i
धनु राशि के जातकों के लिए रोजगार तथा व्यापार की स्थिति अच्छी रहेगी, किन्तु अभी जितनी मेहनत सब कर रहें हैं, उससे थोड़ा अधिक मेहनत करना होगा। आप स्वभाव से निडर और शुद्ध विचारधारा वाले व्यक्ति है, और यही कारण है कि आपके आसपास के लोग आप से प्रसन्न रहेंगे। शनि देव की कृपा से आप किसी धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं।
उपाय: शनि देव के दस नाम कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद व पिप्पलाद का जाप करें।
मकर राशि पर प्रभाव j
मकर राशि के जातकों को अपने कर्मों, अपने धार्मिक उद्देश्यों, तथा उनके जीवन में चल रहे संघर्षों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी। हालाँकि मकर राशि में शनि की उपस्थिति जातकों के लिए शुभ सिद्ध होगी।
इस अवधि में श्रद्धा तथा पूरे समर्पण से कोई भी कार्य करें, जिससे आप समृद्धि और सफलता की ऊंचाइयों को प्राप्त करेंगे।
उपाय: पीपल के पेड़ की पूजा करें तथा पेड़ के चारों और सात परिक्रमा लगायें।
कुंभ राशि पर प्रभाव k
कुंभ राशि में शश राज योग बन रहा है जो कुंभ राशि के लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। कुंभ राशि के जातकों को उनके परिश्रम का पूरा फल प्राप्त होगा। आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी जिसके कारण आप कोई भी कार्य करने में संभव होंगे।
आपके मिलनसार स्वभाव के कारण लोग स्वभाविक रूप से आपसे प्रभावित हो जाते हैं। आपको अपने अंतर्ज्ञान का प्रयोग करते हुए अपने उद्देश्य को पूरा करने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।
उपाय: जरूरतमंदों को उनके जरूरत के आधार पर वस्तुओं का दान करें।
मीन राशि पर प्रभाव l
मीन राशि में शनि की उपस्थिति आपको भावनात्मक बनाती है। मीन राशि पर शनि की कृपा बनी रहती है। आपका पारिवारिक जीवन सुखमय होगा तथा आपके आय में वृद्धि होगी। वैवाहिक जीवन सुखमय होगा।
यदि आप दृढ़ता और निडरता के साथ अपने लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश करते हैं तो आपको अच्छे परिणाम अवश्य प्राप्त होंगे।
उपाय: शनिवार के दिन शनि मंदिर में जरूरतमंदों को भोजन दान करें करवायें।
7 मुखी रुद्राक्ष धारण करना होगा शुभ
7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शनि के दुष्प्रभाव या फिर यूँ कहें कि शनि के कठोर प्रभाव को कम किया जा सकता है। शनि ग्रह हमारे जीवन में कर्म, धर्म, उच्चता और उन्नति के क्षेत्र को प्रभावित करता है। 7 मुखी रुद्राक्ष शनि ग्रह के प्रभाव को संतुलित करने और शनि के दोषों को कम करने में मदद करता है।
यह रुद्राक्ष शनि दोष और शनि के अशुभ प्रभावों को दूर करने में सहायता प्रदान कर सकता है। यह शनि के प्रभाव को शांत करके आत्मविश्वास, उच्चता और स्थायित्व को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही, यह रुद्राक्ष शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करके जातक को स्थायी समृद्धि और सुख की प्राप्ति में सहायता कर सकता है।
7 मुखी रुद्राक्ष धन, समृद्धि और भाग्य की देवी माँ लक्ष्मी का प्रतीक है। माता लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर सदा बनी रहेगी, ये आपके जीवन में सौभाग्य के साथ-साथ धन-संपत्ति अर्जित करने की क्षमता का आशीर्वाद भी आपको प्रदान करती है।
निम्न मंत्रों का ध्यान करने से भी हो सकते हैं शनि देव प्रसन्न
1. शनि ध्यान मंत्र
'नीलाम्बरः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थितस्त्रासकरः सशस्त्रः ।
चतुर्भुजो सूर्यसुतः प्रशान्तः सदास्तु मह्यं वरदोल्पगामी।।'
2. शनि गायत्री मंत्र
'ॐ कृष्णांगाय विद्महे रविपुत्राय धीमहि तन्नः सौरिः प्रचोदयात्।।'
3. शनि पुराणोक्त जप मंत्र
'ॐ सूर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्षः शिवप्रियः ।
मन्दचारः प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि।।'
4. वेद व्यास कृत शनि मंत्र
'नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम् ।
छायामार्त्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।'
5. तंत्रोक्त शनि मंत्र
'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः ।
ह्रीं शनये नमः । शं शनैश्चराय नमः।।'
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