शनि जयंती के अवसर पर शनि देव को प्रसन्न करने के प्रभावी उपाय

मनुष्य को उसके कर्मों के आधार पर फल देने वाले देवता हैं शनि देव। शनि देव को लेकर फैलाई गयी भ्रांतियां तो बहुत है लेकिन मानव की प्रवृति ही यही है कि जो कठोर बातें बोले या सीधी भाषा में बात करें तो हम उसे कठोर, निर्दय या गलत सिद्ध कर देते हैं। शनि देव भी न तो कठोर है, और न ही कोई मनुष्य की कठोर परीक्षा लेते हैं। शनि देव तो मानव जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाले ग्रहों में से एक हैं।
ज्येष्ठ माह के अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है। इस दिन सूर्य देव तथा देवी छाया के पुत्र शनि देव का जन्म हुआ है। शनि देव को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है तथा यही कारण है कि विधिपूर्वक उनकी उपासना करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के रोग, दोष तथा बाधाओं से मुक्ति प्राप्त हो जाती है।
शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैय्या तथा शनि की महादशा से मुक्ति मिल सकती है। इसके साथ ही व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार शुभ फल की प्राप्ति होती है।
तिथि तथा शुभ मुहूर्त
इस वर्ष ज्येष्ठ माह की कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि 18 मई को रात 09:42 से शुरू होगी तथा इसका समापन 19 मई को रात 09:22 पर होगा। उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए, शनि जयंती 19 मई 2023 शुक्रवार को मनाया जाएगा।
इस विशेष दिन पर शोभन योग का निर्माण हो रहा है, जिसे शुभ कार्यो के लिए बहुत ही शुभ माना गया है। शोभन योग शाम 06:17 मिनट तक रहेगा।
पूजा विधि
शनि जयंती के दिन शनिदेव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन प्रातःकाल उठकर स्नान करके साफ वस्त्र धारण कर पूजा के लिए तैयार हो जाए। शनि देव की मूर्ति या छवि स्थापित करें। फिर राइ तेल, फूल-माला तथा प्रसाद उनके चरणों में अर्पित करें। धूप-दीप दिखाए तथा राइ तेल का दीपक जलाकर शनि चालीसा का पाठ करें।
शनि जयंती के दिन व्रत करने से शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शनि जयंती के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान करने से तथा गरीब को भोजन कराने से शुभ फल की प्राप्ति होगी। शनि देव का नाम सुनते ही ज्यादातर व्यक्ति डर जाते हैं किन्तु शनि देव केवल व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही फल प्रदान करते हैं। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या भी मनुष्य के कर्मों के आधार पर उनके फल ही होते हैं।
इन मंत्रों के जाप से होते हैं शनि देव प्रसन्न
निम्न मंत्रों के जाप से शनि देव प्रसन्न होंगे तथा जीवन के सभी संकट दूर होंगे। शनि जयंती वाले दिन संध्या के समय पश्चिम दिशा की ओर मुख करके दीपक जलाएं तथा 'ॐ शं अभयहस्ताय नमः' का कम से कम 11 माला का जाप करें।
इसके अलावा 'ॐ शं शनैश्चराय नमः', 'ॐ नीलजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजं छायामार्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम' इत्यादि मंत्र का जाप करें। इन मंत्रों के जाप से शनिदेव प्रसन्न होंगे।
इन मंत्रों के जाप से होते हैं शनि देव प्रसन्न
शनि जयंती के पावन अवसर पर शनिदेव की किन राशियों पर विशेष कृपा रहेगी तथा कौन सी राशि के जातकों पर शनि ढैय्या तथा साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव कम देखा जा सकता है। आइये जानते हैं
कर्क राशि d
कर्क राशि के जातकों पर शनि देव की असीम कृपा होती है। जब शनि देव बृहस्पति ग्रह के द्वितीय, पंचम, नवम तथा द्वादश भाव में स्थित होंगे तब कर्क राशि के जातक कला, लेखन, सरकारी नौकरी जैसे क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं तथा इन्हें धन-समृद्धि, सम्मान भी प्राप्त होगा। शनि देव इस राशि के जातकों को ढैय्या के हानिकारक प्रभाव से भी इनकी रक्षा करते हैं।
इस राशि के जातक के परिश्रम और लगन के कारण शनि देव इन्हें शुभ परिणाम भी प्रदान करते हैं। जिसके कारण शनि देव की ढैय्या का प्रभाव इनके लिए अधिक हानिकारक सिद्ध नहीं होता है।
उपाय: इस राशि के जातकों को शनिवार के दिन शनि देव की प्रतिमा पर तेल अर्पित करना चाहिए तथा काली वस्तु का दान करना चाहिए।
वृश्चिक राशि h
वैसे तो वृश्चिक राशि जल तत्व की राशि है और शनि का इस राशि के जातकों पर बहुत अधिक हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है किन्तु फिर भी सतर्क रहना आवश्यक है। शनि देव किसी भी परिस्थिति में गलत करने वाले को माफ नहीं करते हैं।
अतः वृश्चिक राशि के जातकों को भी थोड़ा सतर्क रहना चाहिए। वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव देखा जा सकता है। यदि वृश्चिक राशि के जातक ढैय्या का प्रभाव कम करना चाहते हैं तो उनको अच्छे कर्म कर शनि देव को प्रसन्न करना होगा।
उपाय: वृश्चिक राशि के जातक ढैय्या के प्रभाव को कम करने के लिए शनि देव पूजा करें तथा उनके मंत्र 'ऊं प्राँ प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः' का जाप करें।
मकर राशि j
मकर राशि के स्वामी स्वयं शनि देव हैं, अतः इस राशि के जातकों पर भगवान शनि की विशेष कृपा प्राप्त है। मकर राशि के जातकों पर शनि देव की साढ़े साती का प्रभाव बहुत कम पड़ता है। मकर राशि के जातक शारीरिक रूप से मजबूत तथा नेतृत्व की क्षमता रखते हैं। इस राशि के जातकों के कार्यस्थल, व्यवसाय या राजनीती के क्षेत्र में शनि देव की विशेष कृपा रहेगी।
उपाय: मकर राशि के व्यक्ति साढ़े साती के प्रभाव को कम करने के लिए शनि देव की पूजा कर सकते हैं। जरूरतमंदों की मदद करने जैसे अच्छे कार्य करके भी शनि देव को प्रसन्न किया जा सकता है।
कुंभ राशिk
इस राशि के स्वामी शनि देव है अतः यही कारण है कि इस राशि के जातकों पर शनि देव अपनी कृपा बनाये रखते हैं। कुंभ राशि के जातकों पर भगवान शनि की विशेष कृपा बनी रहती है, किन्तु शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जातक को अच्छे कर्म भी करने पड़ेंगे। कुंभ राशि के जातकों के द्वारा किये गए अच्छे कर्म के कारण इनपर साढ़ेसाती के प्रभाव कम रहता है।
यदि कुंभ राशि के जातक सही दिशा में कार्य करें तथा कड़ी मेहनत करते रहें तो इनको शनि देव का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता हैं।
उपाय: कुंभ राशि के जातक को शनि देव के समक्ष संध्याकाल के समय में तेल का दीपक जलाना चाहिए।
मीन राशि l
मीन राशि के लिए शनि देव लाभ तथा व्यय दोनों के कारक होते है। इस राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का प्रभाव देखा जा सकता है। ऐसी स्थिति में जातक को अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए तथा कोई भी गलत कार्य नहीं करना चाहिए। यदि जातक सच्चे मन से अपना कर्तव्य करता जायेगा तो शनि देव उनसे प्रसन्न रहेंगे और तब साढ़ेसाती का असर भी उन पर कम होगा।
उपाय: प्रातःकाल उठकर शनि देव की पूजा करें तथा शनि मंत्र का जाप करें। इससे आपके जीवन के संकट दूर होंगे।
भगवान हनुमान की पूजा से प्रसन्न होते हैं शनिदेव
जितनी श्रद्धा से आप भगवान हनुमान की पूजा करेंगे शनि देव आपसे उतने अधिक प्रसन्न होंगे। ऐसे में सवाल ये भी है कि आखिर क्यों हनुमान जी की पूजा से शनि देव प्रसन्न होते हैं? आइये जानते हैं इसके कारण:
एक पौराणिक कथा के अनुसार जब हनुमान जी माता सीता की तलाश करते हुए लंका पहुँचें तो उनकी नजर शनि देव पर पड़ी, तो भगवान हनुमान ने शनि देव से पूछा कि आप यहाँ कैसे, तब शनि देव ने उन्हें बताया रावण ने उन्हें अपने बल पर यहाँ कैद करके रखा हुआ है।
शनि देव की बात सुनकर भगवान हनुमान ने शनिदेव को उस कैद से मुक्ति दिलायी। इसके बाद शनिदेव प्रसन्न होकर हनुमान जी को वरदान मांगने को कहा तब हनुमान जी ने कहा कि जो भी मेरे भक्त होंगे उसपर आप अपनी (शनि देव) की विशेष कृपा बनाये रखेंगे। तभी शनिदेव ने हनुमान जी को वचन दिया कि उनके भक्तों पर सदैव अपनी कृपा बनाये रखेंगे।
तब से जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा से तथा पूरे विधि-विधान से भगवान हनुमान की पूजा करता है, शनि देव की उनपर विशेष कृपा होती है।
शनि देव की कृपा प्राप्त करने करने के लिए प्रमुख यन्त्र
शनि जयंती के शुभ अवसर पर पूजा-पाठ के अलावा यदि आप विशिष्ट यंत्र घर में स्थापित करते हैं तो इसके भी अनेक लाभ आपको प्राप्त होंगे। आपके जीवन की परेशानियां दूर होगी तथा सकारात्मकता का संचार होगा।
1. हनुमान यंत्र
जैसा कि हम पहले ही बता चुके है कि शनिदेव की हनुमान भगवान के भक्तों पर विशेष कृपा होती है तो आप हनुमान यंत्र की पूजा करके भी शनिदेव को प्रसन्न कर सकते हैं। हनुमान यंत्र की स्थापना से आपके सभी रोग तथा कष्ट दूर होंगे। हनुमान यंत्र को किसी अच्छी जगह से ज्योतिष के परामर्श के अनुसार ही खरीदें। इसकी सिद्धि किसी पंडित जी से विशेष पूजा के माध्यम से करवा लें।
उसके बाद यंत्र की पूजा करें तथा 'हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्' मंत्र का 5000 बार जाप करें। इस यंत्र की पूरी विधिपूर्वक स्थापना से आपके समस्त संकट दूर होंगे तथा आपके घर में सकारात्मकता का संचार होगा।
2. शनि यंत्र
ज्योतिष शास्त्र में यंत्रों के पूजा की बहुत मान्यता है तथा इसको धारण करने के भी कई लाभ है। उन्ही यंत्रों में से एक यंत्र है 'शनि यंत्र' इसे घर में स्थापित कर इस यंत्र की नियमित पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जातक को जीवन में शुभ परिणाम प्राप्त होने लगते हैं।
'ऊँ शं शनैश्चराय नम:' मंत्र का प्रतिदिन 11 बार जाप करें। ध्यान रखें एक बार यदि आप शनि यंत्र की स्थापना कर लेते हैं तो इसकी नियमित पूजा करना आवश्यक होता है, नहीं तो इसके अशुभ परिणाम भी प्राप्त हो सकते हैं। शनि यंत्र की स्थापना शनि जयंती के दिन करना विशेष लाभकारी होता है।
शनि जयंती पर निम्न वस्तुओं का दान करना शुभ होगा
शनि जयंती वाले दिन शनि देव की पूजा संपन्न करने के पश्चात काले तिल का दान करें। काले तिल का दान करने से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या के प्रभाव कम होते हैं। इसके साथ ही राहु और केतु के दुष्प्रभाव भी कम हो जाते हैं।
शनि जयंती पर काले या नीले वस्त्र या किसी भी वस्तु जो काला या नीला हो उसका दान करने से शारीरिक कष्ट तथा रोग दूर होते है।
शनि जयंती के विशेष दिन पर सवा किलो काली उड़द का दान करें। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा तथा घर में धन-वैभव, सुख-समृद्धि की वृद्धि होगी।
सरसों या तिल के तेल का दान करें। इससे शनि दोष से मुक्ति प्राप्त होगी।
शनि जयंती पर किसी गरीब तथा जरूरतमंद को लोहा, छाता, स्टील के बर्तन आदि का दान करें। इस तरह के दान से आपको शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
निष्कर्ष #
इस तरह शनि जयंती के दिन विभिन्न नियमों तथा पूजा की विधि से आप शनि देव को प्रसन्न कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
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