सूर्य राशि के अनुसार 12 आदित्य का महत्व
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सूर्य आत्मा को दर्शाता है- परम शक्ति जो देखी और अनदेखी दुनिया पर शासन करती है। यह सूर्य है जो न केवल सौर मंडल का केंद्र है बल्कि हमारे शारीरिक तंत्र का भी केंद्र है। हमारे शारीरिक तंत्र की ध्वनि कार्य सूर्य की शक्ति पर निर्भर करती है।
सूर्य राशियां न केवल हमारे शारीरिक तंत्र को नियंत्रित करते है बल्कि हमारे मानसिक क्षमता को भी प्रभावित करते हैं। हर महीने सूर्य एक अलग राशि में विचरण करता है। जिस राशि में यह विचरण करता है उसी आधार पर हमारे व्यवहार को स्वभाव को प्रेरित करता है तथा उन्हें नियंत्रित है।
प्रत्येक सूर्य राशि आदित्य के साथ जुड़ी हुई है। आदित्य सूर्य की ऊर्जा है और सभी 12 राशियों का अपना विशिष्ट आदित्य हैं। जिस राशि में सूर्य गोचर करता है, उसी विशेष राशि से संबंधित ऊर्जा को सक्रिय करता है।सीधे शब्दों में कहे तो ये और कुछ नहीं सूर्य के ऊर्जावान अंश हैं।
आईये इन आदित्यों और उसके संबंधित सूर्य राशियों पर उसके प्रभावों के बारे में जाने:
12 आदित्य | राशि |
---|---|
धाता | मेष |
आर्यमन | वृष |
मित्र | मिथुन |
वरुण | कर्क |
इंद्र | सिंह |
विवस्वान | कन्या |
तवष्ठ | तुला |
विष्णु | वृश्चिक |
अंशुमान | धनु |
भग | मकर |
पुष्य | कुंभ |
परजन्या | मीन |
मेष राशि
सूर्य का मेष राशि में गोचर करने से ऊर्जा का संचार हो सकता है। इस राशि में सूर्य धाता आदित्य को सक्रिय करेंगे। जब सूर्य इस भाव में उपस्थित रहता है तो आप सबसे अधिक ऊर्जावान महसूस करेंगे।
अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आपको सूर्य से प्राप्त ये ऊर्जा मददगार साबित होगा।
मेष राशि में सूर्य अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में होता है जिससे प्रभावित हो कर आप अपने नेतृत्व गुणों प्रकट कर सकते हैं। निम्न मंत्रों का जाप करके आप सूर्य की पूजा कर सकते हैं: 'ॐ घृनिः धातादित्य'।
वृष राशि
वृष राशि में सूर्य का गोचर आर्यमन आदित्य को करता है। आर्यमन नाम का अर्थ है ''साथी'' तथा ये आतिथ्य का देवता है। इस राशि में सूर्य आपके गुणों को बढ़ाने में आपकी मदद करेगा और आपके लक्ष्य को प्राप्त करने में आपकी मदद करेगा। आप खुद में पहले से अधिक ऊर्जावान महसूस करेंगे।
वृष राशि में सूर्य का गोचर आपको खाने बनाने, बागवानी, फोटोग्राफी, जैसी रचनात्मक कार्यो में रूचि बढ़ाएगा। आपको अपने पारिवारिक मुद्दों को सुलझाने तथा अपने संसाधनों पर कार्य करने का सबसे उचित समय होगा।
निम्न मंत्र का जाप कर के आप सूर्य की पूजा कर सकते हैं: 'ॐ घृनि आर्यमनादित्य'।
मिथुन राशि
इस राशि में सूर्य मित्र आदित्य को सक्रिय करते हैं। मित्र शब्द का अर्थ है "दोस्त", इसका अर्थ है कि आप किसी भी व्यक्ति को अपना मित्र बना सकता है। सूर्य जब इस राशि में विचरण करता है तो आपकी संवाद की क्षमता अच्छी होती है तथा आप व्यक्तित्व भी आकर्षक होता है। यदि आप कोई नयी भाषा सीखना चाहते हैं या कोई पुस्तक पढ़ कर खत्म करना हो, तो ये समय आपके लिए सबसे उपयुक्त है। आपकी विभिन्न क्षेत्रों में जानकारी प्राप्त करने की रूचि बढ़ेगी।
निम्न मंत्र के जाप से आप सूर्य देव की पूजा कर सकते हैं: 'ॐ घृनि मित्रादित्य'।
कर्क राशि
कर्क राशि में सूर्य वरुण आदित्य को सक्रिय करता है। वरुण का अर्थ है ''जल देवता'' और सभी जल निकायों पर शासन करता है। कनेर भी कल तत्व है, इस इस राशि में सूर्य की उपस्थिति उपचार क्षमता को बढ़ाएगा।
इन अवधि के दौरान आपको झील, झड़नों तथा पहाड़ों के पानी में स्नान करने का मन कर सकता है। सूर्य की यह स्थिति आपके प्रेम और अंतर्ज्ञान को भी बढ़ाएगी, अतः अपने परिवार के साथ अधिक से अधिक समय व्यतीत करें और आपसे जितना संभव को पाए उतना अधिक लोगों की मदद करने की कोशिश करें।
निम्न मंत्र के जाप से आप सूर्य देव की उपासना कर सकते हैं; 'ॐ घृनि मित्रादित्य'।
सिंह राशि
सिंह राशि में सूर्य इंद्र आदित्य को गति प्रदान करता है। इंद्र चार लोकपालों में से एक हैं और उन्हें ऋग्वेद में सबसे शक्तिशाली भगवान के रूप में जाना जाता है।
जब सिंह राशि में इंद्र की ऊर्जा सक्रिय होती है, तो आप स्वभाव से अधिक उदार हो जाएंगे और लोगों की मदद भी करेंगे। आपकी रचनात्मक क्षमता भी बढ़ेगी, इस अवधि में आप नए दोस्त भी बना सकते हैं और आपको रोजगार में प्रमोशन मिलने की संभावना है।
निम्न मंत्र के माध्यम से आप सूर्य की उपासना कर सकते हैं: 'ॐ घृनि इंद्रादित्य'।
कन्या राशि
कन्या राशि में सूर्य विवस्वान आदित्य को गति प्रदान करता है। इस अवधि में आप खुद को अधिक सक्रिय महसूस करेंगे तथा आपकी शारीरिक गतिविधियां भी अधिक होगी जैसे दौड़ना, चलना या तैरना कुछ भी हो।
कन्या राशि का स्वामी ग्रह पृथ्वी है। इस राशि में सूर्य नयी इच्छाओं, यात्रा के प्रति आपके मन में रूचि पैदा करने के आपकी मदद करता है।
निम्न मंत्र का जाप करके आप सूर्य की उपासना कर सकते हैं: 'ॐ घृनि विवस्वानादित्य'।
तुला राशि
सूर्य का तुला राशि में विचरण करने से तवष्ठ आदित्य सक्रिय होता है तथा उसे गति मिलती है। सूर्य इस राशि में कमजोर होगा इसलिए आपको अपने शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
तवष्ठ आदित्य आपके बुद्धि और आपके व्यक्तित्व के आकर्षण की बढ़ोतरी में आपकी मदद करेगा। आप शांतिप्रिय व्यक्ति है और लोगों के बीच में मतभेद को आसानी से खत्म कर सकते हैं। हालाँकि ऐसी परिस्थिति आपको अधिक सोचने पर मजबूर कर सकती है, किन्तु आप अधिक सोचने से बचें।
''ॐ घृनि तवष्टादित्य'' मंत्र का जाप कर के सूर्य की उपासना कर सकते हैं।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि में सूर्य विष्णु आदित्य को सक्रिय करता है। इस राशि में गोचर करते हुए सूर्य आपको अपार शक्ति प्रदान करेगा और आपकी महत्वाकांक्षाओं को भी पूरा करेगा।
ये अवधि आपके लिए समय परिवर्तन और आत्म-खोज की अवधि है। ऐसी संभावना है कि आप खुद की कमियों की तलाश कर उसमें सुधार करने की कोशिश करेंगे।
स्वभाव से ईर्ष्यालु होने से बचें तथा ''ॐ घृनि विष्णुादित्य'' मंत्र का जाप कर के सूर्य की उपासना कर सकते हैं।
धनु राशि
धनु राशि में सूर्य का गोचर अंशुमान आदित्य को सक्रिय करता है। इस अवधि के दौरान आप नए जगहों की तलाश करेंगे तथा आपकी यात्रा करने की क्षमता में भी बढ़ोत्तरी होगी।
आप जिज्ञासु स्वभाव के व्यक्ति है अवधि के दौरान आप पर्याप्त किताबों का अध्ययन करेंगे। जिसकी वजह से आपका ज्ञान बढ़ेगा और आप एक आकर्षक व्यक्तित्व वाले व्यक्ति होंगे।
''ॐ घृनि अंशुमनादित्य'' मंत्र का जाप कर के आप सूर्य की उपासना कर सकते हैं।
मकर राशि
मकर राशि में सूर्य का गोचर भग आदित्य को सक्रिय करता है। भग का विवाह सिद्धि से हुआ है, सिद्धि का अर्थ है आत्मज्ञान, पूर्ति या पूर्ण समझ। जब सूर्य इस राशि में गोचर कर रहा होता है तो उस समय यदि आप अपनी ऊर्जाओं का प्रयोग सही प्रयोग करते है तो आप अपनी सभी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं।
सूर्य के भंग अंश की पूजा करने से आप दृढ निश्चयी, मजबूत और केंद्रित रहेंगे। आपकी सामाजिक स्थिति तथा काम करने करने प्रवृत्ति बढ़ सकती हैं।
''ॐ घृनि भगदित्य'' मंत्र का जाप कर आप सूर्य की उपासना कर सकते हैं।
कुंभ राशि
कुंभ का संबंध पुष्य आदित्य से होता है। कुम्भ राशि में सूर्य का पुष्य अंश आपको दृष्टि और महत्वाकांक्षा दोनों प्रदान करेगा। इस अवधि के दौरान आपकी रचनात्मक क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी।
पुष्य आदित्य आपकी बुद्धि के विकास में मदद करेगा और आपकी ऊर्जा को सही दिशा देने में मदद करेगा। आप इस अवधि के दौरान मानसिक रूप से उत्तेजित, थोड़े अधिक मौलिक हो जाएंगे। आप अपनी छिपी हुई प्रतिभा को बाहर निकालने की कोशिश करते रहें।
मंत्र: ॐ घृनि पुष्यादित्य
मीन राशि
मीन राशि में सूर्य का गोचर परजन्या आदित्य को सक्रिय करता है। परजन्या आदित्य की इस राशि में मौजूदगी आपके अंतर्ज्ञान को बढ़ाने में आपकी मदद करेगा। इस समय के दौरान आपकी शक्तियों में भी बढ़ोत्तरी होगी।
आपकी कल्पना शक्ति मजबूत होगी तथा आपके मन में लोगों के प्रति सहानुभूति जागृत होगी। आपके लिए बीमार लोगों की तथा जानवरों की सेवा करने से लाभ प्राप्त हो सकता है।
मंत्र: ॐ घृनि परजन्यादित्य
निष्कर्ष #
सूर्य राशि और आदित्य की ऊर्जा निकटता से जुड़ी हुई है। सूर्य राशियों और उनकी ऊर्जाओं की पूजा करने से आपको लाभ प्राप्त होगा। सूर्य राशियों की प्रकृति और उनके संबंधित आदित्य को समझने से हमें उस महीने की स्थिति को समझने में मदद मिल सकती है।
एक बार जब हम इस संबंध को समझ लेते है तो शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक आयामों को भी अच्छे से समझ सकते हैं और प्रत्येक सूर्य पारगमन का सर्वोत्तम लाभ उठाया जा सके।
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