मंगल ग्रह का कन्या राशि में गोचर: आपकी राशि पर कैसा प्रभाव?

वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल एक शक्तिशाली तथा ऊर्जावान ग्रह माना जाता है। मंगल ग्रह करियर, व्यक्तिगत जीवन तथा व्यापारिक जीवन से जुड़े कई लाभ भी लेकर आता है। मंगल मेष तथा वृश्चिक राशि का स्वामी है।
कन्या राशि में मंगल का गोचर आपके जीवन में कई परिवर्तन लेकर आयेगा। कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे तथा आठवें भाव के स्वामी है तथा बारहवें भाव में गोचर कर रहे हैं। कन्या राशि के बारहवें भाव में मंगल की उपस्थिति आपको आत्मविश्वासी बनाता है। आप किसी भी परिस्थिति का सामना करने में सक्षम होंगे।
ग्रहों के सेनापति मंगल 18 अगस्त 2023 को 3 बजकर 14 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। मंगल के इस तरह राशि परिवर्तन करने से सभी जातकों पर इसके अलग-अलग परिणाम देखने को मिलेगी।
उपर्युक्त राशियों पर मंगल का कन्या राशि में गोचर होने का मुख्य रूप से प्रभाव देखा जायेगा जो कि शुभ परिणाम ही होगा किन्तु इसके अलावा बाकी राशियों पर भी इस गोचर का कुछ न कुछ मिलाजुला प्रभाव देखने को मिल सकता है। आइये जानते हैं कि बाकी राशियों पर इसके कैसे प्रभाव होंगे
मेष राशि पर प्रभाव a
मेष राशि वालों के लिए मंगल आपके लग्न और आठवें भाव के स्वामी हैं। मंगल कन्या राशि में गोचर करके इस राशि में छठे भाव में रहेंगे। इस भाव को स्वास्थ्य, प्रतियोगिता का भाव माना जाता है। ऐसी स्थिति में मेष राशि के लिए मंगल का कन्या राशि में गोचर शुभ सिद्ध हो सकता है। मेष राशि के जातक अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
यदि मेष राशि के जातक किसी तरह का कोई कानूनी कार्य इस अवधि के बीच करते हैं तो उनको इन कार्यों में भी सफलता प्राप्त हो सकती है। आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा तथा किसी कार्य के सिलसिले में आप विदेश यात्रा भी कर सकते हैं।
वृषभ राशि पर प्रभाव b
वृषभ राशि वाले जातकों के लिए मंगल आपके बारहवें और सातवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके पांचवें भाव में होगा। वृषभ राशि के जातकों को इस गोचर अवधि में अपने द्वारा किये गए परिश्रम का परिणाम प्राप्त करने में कुछ प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है।
वृषभ राशि के जातको को इस अवधि के दौरान अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा। किसी भी प्रकार के विवाद या बहस से बचने की कोशिश करें।
मिथुन राशि पर प्रभावc
मिथुन राशि वालों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। कन्या राशि में गोचर करके मिथुन राशि में मंगल चौथे भाव में गोचर करेंगे। ऐसी स्थिति में जातक अपने लिए कोई नयी संपत्ति जैसे कि नया घर खरीद सकते हैं।
इसके साथ ही मंगल की सातवें, दसवें तथा ग्यारहवें भाव में दृष्टि होने के कारण व्यापार के क्षेत्र में भी आपको लाभ प्राप्त हो सकता है। अचानक धन की प्राप्ति होने की भी संभावना है। जो लोग नौकरी के क्षेत्र से जुड़े हैं उनको अपने कार्य को पूरी मेहनत तथा लगन से करना होगा तभी उसके उचित परिणाम आपको प्राप्त होंगे।
कर्क राशि पर प्रभाव d
कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें तथा दसवें भाव के स्वामी होंगे। मंगल कर्क राशि के तीसरे भाव में गोचर करेंगे। कर्क राशि में इस गोचर के परिणामस्वरूप आपके भाई-बहनों के साथ आपके संबंध मजबूत होंगे। आत्मविश्वास तथा ऊर्जा से भरे होने के कारण आप किसी भी कार्य को आसानी से करने में सक्षम होंगे।
आपके जीवन में सुख-समृद्धि तथा सफलता की प्राप्ति होगी। पदोन्नति तथा वेतनवृद्धि की भी संभावना हो सकती है। आपके परिवार का पूरा सहयोग आपको प्राप्त होगा।
सिंह राशि पर प्रभाव e
सिंह राशि वालों के लिए मंगल नौवें तथा चौथे भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके दूसरे भाव में होगा। मंगल का कन्या राशि में गोचर की अवधि में सिंह राशि के जातकों को किसी भी आलोचनात्मक परिस्थिति या मुद्दों से बचने की कोशिश करनी चाहिए।
यदि आप इस तरह की परिस्थिति से स्वयं को बचाने की कोशिश नहीं करते हैं तो आपको प्रत्येक परिस्थिति में संदेह करने की आदत हो सकती है तथा इसका प्रभाव आपके मानसिक स्थिति पर पड़ सकता है। व्यापार से संबंधित लोगों को कुछ कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है तथा काम की प्रगति भी धीमी पड़ सकती है।
कन्या राशि पर प्रभाव f
कन्या राशि वालों के लिए मंगल आपके तीसरे भाव तथा आठवें भाव के स्वामी हैं। इस गोचर का कन्या राशि के जातकों पर शुभ प्रभाव पड़ने की संभावना है। लंबे समय से करते आ रहे परिश्रम का परिणाम आपको प्राप्त हो सकता है।
किन्तु आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा अन्यथा आप किसी परेशानी में फंस सकते हैं। स्वयं को सकारात्मक रखने की कोशिश करें।
तुला राशि पर प्रभाव g
तुला राशि वालों के लिए मंगल दूसरे तथा सातवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके बारहवें भाव में होगा। इस गोचर अवधि के दौरान तुला राशि के जातकों के स्थानांतरण होने की संभावना है।
जैसे यदि आप नौकरी के क्षेत्र से जुड़े हुए है तो आपके ट्रांसफर होने की संभावना होगी। इस अवधि में आप किसी भी अपरिचित व्यक्ति की बातों में आने से बचें तथा कोई भी निर्णय जल्दबाजी में न लें।
वृश्चिक राशि पर प्रभाव h
वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल आपके लग्न और छठे भाव के स्वामी हैं। वृश्चिक राशि में मंगल का गोचर ग्यारहवें भाव में होगा। इस भाव को लाभ तथा इच्छाओं का भाव माना जाता है। इस गोचर अवधि में जातक की प्रत्येक इच्छा पूर्ण होने की संभावना होगी। आपके नए संबंध स्थापित होने की संभावना होगी।
आपके परिवार का पूरा सहयोग आपको प्राप्त होगा तथा प्रतियोगिता परीक्षा में भी आपको सफलता प्राप्त होगी। आर्थिक स्थिति के मजबूत होने की संभावना है, इसके साथ ही यदि आप लंबे समय से किसी बीमारी से ग्रसित है तो आपको इस बीमारी से भी छुट्टी मिलेगी। नौकरी से जुड़े लोगों की पदोन्नति की भी संभावना है।
धनु राशि पर प्रभाव i
धनु राशि वालों के लिए मंगल पांचवें तथा बारहवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके दसवें भाव में होगा। धनु राशि के जातकों के लिए ये अवधि शुभ सिद्ध होगी। उनके परिवार के लोगों से उन्हें सहायता प्राप्त हो सकती है।
यदि आप इस अवधि के बीच यात्रा करने की योजना बना रहें है तो आप थोड़ा सतर्क रहें। यात्रा के दौरान स्वयं की तथा अपने सामान की सुरक्षा करें।
मकर राशि पर प्रभाव j
मकर राशि वालों के लिए मंगल चौथे भाव तथा ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके नौवें भाव में होगा। मकर राशि के जातकों के लिए मंगल का कन्या राशि में गोचर नयी जिम्मेदारियां लेकर आएगा।
कार्यो की जिम्मेदारी मकर राशि के जातकों पर बढ़ेगी। आपको किसी पर आँख बंद करके विश्वास करने से बचना चाहिए अन्यथा आप किसी भी गलतफहमी के शिकार हो सकते हैं। अपने द्वारा किये गए कार्यो में यदि गलती करने से बचना चाहते हैं तो सभी कार्य को सचेत होकर संपन्न करें।
कुंभ राशि पर प्रभाव k
कुंभ राशि वालों के लिए मंगल तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि के गोचर आपके आठवें भाव में होगा। कुंभ राशि के लोगों के स्वास्थ्य में इस अवधि के दौरान कुछ बदलाव हो सकते हैं।
आपके कार्यस्थल पर अचानक कई तरह की जिम्मेदारियों के आने की संभावना है। पैसे खर्च करते समय सावधान रहें तथा फिजूलखर्ची से बचें।
मीन राशि पर प्रभाव l
मीन राशि वालों के लिए मंगल दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। मंगल का कन्या राशि में गोचर आपके सातवें भाव में होगा। मीन राशि के जातकों को इस अवधि के दौरान अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत होना चाहिए। विशेष रूप से पेट से संबंधित बीमारियों से बचने की कोशिश करें।
आपको अपने पैसे खर्च के लिए एक बजट बनाकर चलना चाहिए अन्यथा आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
मंगल का कन्या राशि में गोचर के सकारात्मक प्रभाव
1. इस अवधि के दौरान जातक में ऊर्जा की वृद्धि होगी तथा कार्यो को पूर्ण करने के लिए प्रेरणा भी प्राप्त होगी।
2. इस अवधि के दौरान जातक शारीरिक स्वास्थ्य मजबूत होगा।
3. जातक में नेतृत्व की क्षमता विकसित होगी तथा आत्मविश्वास के साथ कोई भी कार्य पूर्ण करने में सक्षम होंगे।
मंगल का कन्या राशि में गोचर करने के नकारात्मक प्रभाव
- मंगल ग्रह आक्रामकता, आवेग तथा अधीरता से जुड़ा हुआ है। मंगल गोचर के दौरान, जातक ऐसे गुणों में वृद्धि का अनुभव कर सकते हैं, जिससे संघर्ष, तर्क और आवेगपूर्ण कार्य बढ़ सकते हैं।
- इस गोचर के दौरान व्यक्ति बेचैनी, हताशा या चिड़चिड़ापन महसूस कर सकता है, जिससे तनाव बढ़ सकता है।
- इस गोचर के दौरान जातक कभी-कभी आवेगपूर्ण तथा लापरवाह भी हो सकते हैं।
पूजा विधि
चूँकि मंगल ग्रह का कन्या राशि में गोचर अगस्त माह में हो रहा है तथा इस वर्ष अधिक मास भी इसी अवधि में पड़ रहा है और ये श्रावण का महीना भी है तो ऐसी स्थिति में जातक को मंगल ग्रह की पूजा करने के साथ-साथ भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
भगवान शिव को पंचामृत चढ़ाकर उनका अभिषेक करना चाहिए। ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करना भी आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
निष्कर्ष #
मंगल के कठोर प्रभाव को टालने के लिए आप तीन मुखी रुद्राक्ष या मूंगा रत्न किसी विशिष्ट ज्योतिष की सलाह से धारण कर सकते हैं। इसका आपके जीवन में शुभ प्रभाव पड़ेगा।
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