गुरु बृहस्पति गोचर 2025: आपकी राशि पर क्या होगा असर? जानें शुभ-अशुभ प्रभाव और उपाय

वैदिक ज्योतिष में ज्ञान, सौभाग्य और सर्वाधिक शुभता प्रदान करने वाले बृहस्पति ग्रह को देवगुरु तथा गुरु ग्रह के नाम से भी जाना जाता है।
गुरु ग्रह एक राशि में सामान्यतः 13 महीनों तक गोचर करते हैं तथा यह धनु और मीन राशि के स्वामी ग्रह भी हैं।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व 12 भाव करते हैं तथा ग्रहों की चाल और स्थिति को गोचर के रूप में जाना जाता है।
ज्योतिषीय मतानुसार बृहस्पति अपने पांचवें, सातवें और नौवें भाव के समय जिस घर की ओर देखते है उन पर अमृत तुल्य दृष्टि प्रदान करते है जिससे जातक के जीवन में सुख, समृद्धि तथा शुभता का आगमन होता है।
देवगुरु बृहस्पति शुक्र के आधिपत्य वाले वृषभ राशि में पिछले वर्ष से गोचर कर रहे हैं और अब 14 मई 2025 को वृषभ राशि से निकलकर प्रातः 2:30 बजे बुध के स्वामित्व वाली मिथुन राशि में गोचर करेंगे।
गुरु गोचर 2025: तिथि
14 मई, 2025 गुरु ग्रह वृषभ राशि से मिथुन राशि में गोचर करेगा।
18 अक्टूबर, 2025 को गुरु ग्रह मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर करेगा।
11 नवंबर 2025 को गुरु कर्क राशि में वक्री हो जाएंगे, और 5 दिसंबर 2025 को मिथुन राशि में वापस गोचर करने से पहले अपनी वक्री गति जारी रखेंगे।
सरल शब्दों में, वर्ष 2025 में गुरु वृषभ राशि से मिथुन राशि में गोचर करेंगे, फिर मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर करेंगे, और अंत में, वक्री होने के बाद, कर्क राशि से मिथुन राशि में वापस आ जाएंगे।
मेष राशि
मेष राशि में गुरु भाग्य स्थान यानी नवम भाव जो भाग्य और सौभाग्य का प्रतिनिधित्व करता है,और 12वें भाव जो व्यय तथा हानि का प्रतिनिधित्व करता है के स्वामी है। मिथुन राशि में बृहस्पति का गोचर होने से यह आपकी राशि से तीसरे भाव में गोचर करेंगे। अतः मेष राशि पर गुरु गोचर का सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव इस प्रकार है।
सकारात्मक प्रभाव - गुरु गोचर के प्रभाव से इस राशि के जातक के जीवन में अक्टूबर महीने में सुख, शांति तथा समृद्धि में वृद्धि होगी इसके साथ ही परिवार में विवाह आदि जैसे शुभ कार्यक्रम होंगे। इनके प्रभाव से पारिवारिक संबंध मजबूत होगा तथा आपसी संबंधों में चली आ रही समस्याएं दूर होगी। यह समय आपके व्यवसाय में उन्नति तथा आपके मान सम्मान को बढ़ाएगा।
नकारात्मक प्रभाव - गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपके अंदर आलस की बढ़ोतरी होगी जिससे आप अपने कामों को टालते रहेंगे और इससे आपको कार्यक्षेत्र में और जीवन के अन्य क्षेत्रों में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है, अतः आपको इन समस्याओं को दूर करने के लिए आलस्य त्याग कर कड़ी मेहनत करने पर जोर देना होगा।
उपाय: गुरुवार के दिन उत्तम गुणवत्ता वाला पीला पुखराज अथवा सुनहला रत्न सोने की अंगूठी में जड़वा का अपनी तर्जनी अंगुली में धारण करें।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए देव गुरु बृहस्पति को, अष्टम भाव और एकादश भाव का स्वामी माना जाता है और मिथुन राशि में गुरु का गोचर होने से यह आपकी राशि से दूसरे भाव में प्रवेश करेंगे।
सकारात्मक प्रभाव - बृहस्पति के इस गोचर के प्रभाव से आपकी वाणी में गंभीरता रहेगी जिससे लोग आपकी ओर आकर्षित होंगे तथा आपसे सलाह मांगेंगे। बृहस्पति की दृष्टि छठे भाव, आठवें भाव और दसवें भाव पर रहेगी जिससे पैतृक व्यवसाय में उन्नति होगी। आप अपने परिवार के साथ व्यवसाय करते हैं तो विशेष उन्नति प्राप्त होने के योग बनेंगे। नौकरी करने वाले जातकों को भी उत्तम लाभ के योग बनेंगे।
आप धर्म - कर्म तो करेंगे ही इसके साथ ही आपके ससुराल पक्ष से संबंध भी मजबूत होंगे और उनसे धन लाभ और अनेक प्रकार की मदद मिल सकती है। विरोधियों से आपको कोई कष्ट नहीं होगा। अक्टूबर के महीने में जब बृहस्पति महाराज कर्क राशि में जाएंगे तो आपके तीसरे भाव को प्रभावित करेंगे जिससे धार्मिक यात्राओं के योग बनेंगे और परिवार के सदस्यों का सहयोग और प्रेम मिलेगा। कार्यक्षेत्र में स्थिति अच्छी होगी।
नकारात्मक प्रभाव - पारिवारिक जीवन में सुख संतुष्टि रहेगी लेकिन धन संचय करने में कुछ समस्याएं आ सकती हैं। हालांकि आप अपनी आमदनी का कुछ हिस्सा बचत योजनाओं में निवेश कर सकते हैं। दिसंबर के महीने में जब गुरु वक्री अवस्था में 4 तारीख को दोबारा मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे जो आपकी वाणी की परेशानी तथा आपको कार्यों में असफलता दिला सकती है।
उपाय: आपको गुरुवार के दिन पीपल वृक्ष को छुए बिना जल अर्पित करना चाहिए।
यदि आप जानना चाहते हैं कि गुरु गोचर 14 मई 2025 को आपकी कुंडली पर क्या प्रभाव डाल सकता है, तो आप हमारे प्रमुख ज्योतिषाचार्य से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लिए गुरु ग्रह सप्तम भाव और दशम भाव के स्वामी ग्रह हैं। मिथुन राशि में गुरु का गोचर आपके लिए विशेष रूप से प्रभावशाली रहेगा क्योंकि यह आपकी ही राशि में गोचर करेंगे। यहां उपस्थित देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि आपके पंचम भाव, सप्तम भाव और नवम भाव पर होगी जिससे संतान से संबंधित सुखद समाचारों के प्राप्ति होगी।
सकारात्मक प्रभाव - यदि आप संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं तो संतान प्राप्ति का सपना पूरा हो सकता है। विद्या अध्ययन करने में सफलता मिलेगी। विद्यार्थियों को शिक्षा में मनचाहे परिणाम मिलेंगे और उनका मन पढ़ने में लगेगा। यदि आप अविवाहित हैं तो आपका विवाह हो सकता है।
विवाहित जातकों के वैवाहिक जीवन की समस्याओं में कमी आएगी और आपसी सामंजस्य बेहतर बनेगा जिससे वैवाहिक जीवन का सुख मिलेगा। व्यापार में उत्तम उन्नति के योग बनेंगे। समाज के रसूखदार और इज्जतदार लोगों से आपकी मेल मुलाकात होगी जिससे आपको व्यापार में अच्छा लाभ और सामाजिक उन्नति मिलेगी।
धार्मिक कामों में आपको सफलता मिलेगी। आपका भाग्य उन्नति करेगा और आपकी परेशानियों में कमी आएगी। अक्टूबर के महीने में बृहस्पति महाराज दूसरे भाव में जाकर धन संबंधित समस्याओं को दूर करेंगे, तथा संचित धन में लाभ प्राप्त होगा और आपके कार्यों में और अधिक सफलता के योग बनेंगे।
नकारात्मक प्रभाव - दिसंबर के महीने में वक्री अवस्था में आपकी राशि में बृहस्पति का आना स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है तथा वैवाहिक संबंधों व व्यापार में उतार-चढ़ाव की स्थिति का योग बना सकता है।
उपाय: गुरुवार के दिन किसी मंदिर में चने की दाल का दान करें।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु महाराज छठे भाव और नवम भाव के स्वामी हैं। गुरु गोचर 2025 के अनुसार यह आपकी राशि से द्वादश भाव में प्रवेश करेंगे। जो आपके लिए अत्यंत लाभकारी योग बनाएगा।
सकारात्मक प्रभाव - इस प्रकार बृहस्पति का द्वादश भाव में जाना आपके अच्छे कार्यों में धन खर्च करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देगा । आप पूजा - पाठ, धर्म, आध्यात्मिक तीर्थ यात्राओं और अच्छे कार्यों पर तथा समाज के हित में अनेक अच्छे कार्य करेंगे और उन पर धन खर्च करेंगे। इससे न केवल आपको मानसिक संतुष्टि मिलेगी बल्कि समाज में भी आपको सम्मानित दृष्टि से देखा जाएगा।
धार्मिक यात्राओं और लंबी यात्राओं के प्रबल योग बनेंगे। आप यदि दिल से कोशिश कर रहे हैं तो आपको विदेश जाने में भी सफलता मिलेगी और आप विदेश गमन कर सकते हैं। परिवार के सुख संसाधनों में बढ़ोतरी होगी। पारिवारिक सामंजस्य बढ़ेगा और आप घरेलू मामलों में प्रसन्नता महसूस करेंगे।
ससुराल पक्ष से भी अच्छी खबरें मिलेंगी। अक्टूबर में जब बृहस्पति महाराज आपकी राशि में प्रवेश करेंगे तो यह समय आपके लिए अत्यंत लाभकारी होगा। आपको उत्तम शिक्षा, उत्तम धन, संतान, वैवाहिक जीवन, व्यापार और भाग्य, सभी में अच्छे परिणाम मिलेंगे तथा भाग्य आपको राजयोग सामान परिणाम प्रदान करेगा।
नकारात्मक प्रभाव - इस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान देना होगा। वसा जनित समस्याएं परेशान कर सकती हैं या उदर रोग भी पीड़ित कर सकते हैं। बृहस्पति महाराज की दृष्टि आपके चतुर्थ भाव, छठे भाव और अष्टम भाव पर होगी जिससे कुछ खर्च बढ़ेंगे। दिसंबर में वक्री अवस्था में बृहस्पति द्वादश भाव में आने से स्वास्थ्य समस्याओं और खर्चों को बढ़ा सकते हैं।
उपाय: गुरुवार के दिन भगवान श्री हरि विष्णु जी की उपासना करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए गुरु बृहस्पति आपके पंचम भाव और अष्टम भाव के स्वामी हैं। गुरु गोचर 2025 के अनुसार बृहस्पति महाराज आपकी राशि से एकादश भाव में प्रवेश करेंगे।
सकारात्मक प्रभाव - यह आपके जीवन में सफलता और समृद्धि प्रदान करेगा। आर्थिक चुनौतियां समाप्त होने लगेंगी और धन प्राप्ति का रास्ता सुगम होगा। आपके पास अच्छी आमदनी आने लगेगी। धन से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी।
बृहस्पति की दृष्टि आपके तीसरे भाव, पंचम भाव और सप्तम भाव पर होगी जिससे अविवाहित जातकों के विवाह के योग बनेंगे। प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। संतान की प्रगति होगी। जो जातक संतान प्राप्ति की इच्छा करते हैं उनको संतान की प्राप्ति भी हो सकती है।
शिक्षा में आपको उत्तम सफलता मिलेगी। अचानक से धन लाभ होने का योग बनेगा। किसी तरह की संपत्ति, जो किसी विरासत में मिले, आपको प्राप्त हो सकती है। गुप्त धन प्राप्त हो सकता है। भाई - बहनों के लिए भी यह समय अनुकूल रहेगा और उनसे आपके संबंध मधुर बनेंगे।
नकारात्मक प्रभाव - अक्टूबर में जब बृहस्पति महाराज द्वादश भाव में कर्क राशि में गोचर करेंगे जो शारीरिक समस्याओं को बढ़ाएंगे। आपके खर्चों में बढ़ोतरी करेंगे और दिसंबर में जब वक्री अवस्था में एकादश भाव में आएंगे तो धन प्राप्ति के लिए आपको कठोर परिश्रम करना पड़ेगा। मनोवांछित इच्छा पूर्ति में कुछ विलंब हो सकता है।
उपाय: गुरुवार के दिन अपने मस्तक पर हल्दी अथवा केसर का तिलक लगाएं।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए गुरु बृहस्पति चतुर्थ भाव और सप्तम भाव के स्वामी हैं। मिथुन राशि में गुरु गोचर 2025 के दौरान बृहस्पति ग्रह आपकी राशि से दशम भाव में प्रवेश करेंगे।
सकारात्मक प्रभाव - बृहस्पति महाराज आपके दूसरे भाव, चतुर्थ भाव और छठे भाव को देखेंगे जिससे आपमें धन संचय का प्रयास बढ़ेगा। आप कोशिश करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा धन का संचय कर सकें। पारिवारिक संबंधों को मधुर बनाने के लिए भी आप अपनी ओर से कोई कमी बाकी नहीं रखेंगे।
माता-पिता के स्वास्थ्य में अच्छे सुधार देखने को मिलेंगे। परिवार के लोगों में आपसी प्रेम और स्नेह की भावना रहेगी। विरोधी पक्ष से आपको कोई समस्या नहीं होगी। अक्टूबर के महीने में बृहस्पति महाराज आपके एकादश भाव में प्रवेश करेंगे तो आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। वैवाहिक संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी और प्रेम संबंध मधुर बनेंगे। संतान का सुख प्राप्त होगा।
नकारात्मक प्रभाव - इस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आप अति आत्मविश्वासी हो सकते हैं जिससे बनते हुए काम अटक सकते हैं। आपको कार्य क्षेत्र में समझदारी और चतुराई से काम लेना चाहिए। जो कार्य आपको ना आता हो, उसकी जिम्मेदारी लेना सीखें और उस काम को सीख कर आगे बढ़ें।
पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए आपको आगे आना होगा क्योंकि यह समय आपकी जिम्मेदारी निभाने का समय होगा। यहां से वक्री अवस्था में दिसंबर में बृहस्पति महाराज एक बार फिर से दशम भाव में आएंगे तो उस दौरान आपको कार्यक्षेत्र में बहुत सावधानी से काम करने की आवश्यकता है।
उपाय: आपको गुरुवार के दिन देसी घी किसी मंदिर में ज्योत के लिए देना चाहिए।
तुला राशि
गुरु गोचर 2025 की बात करें तो तुला राशि के जातकों के लिए गुरु आपके लिए तीसरे भाव और छठे भाव के स्वामी हैं और वर्तमान गोचर काल में आपके नवम भाव में प्रवेश करेंगे।
सकारात्मक प्रभाव - नवम भाव में बृहस्पति का गोचर आपकी धार्मिक मान्यताओं को बढ़ावा देगा । आप धर्म-कर्म के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। धार्मिक यात्राएं और तीर्थ यात्राएं करेंगे। आपको संघर्ष करने के बाद और ज्यादा प्रयास करने के बाद ही सफलता मिलेगी और तभी आपके काम बनेंगे।
जितना ज्यादा आपका प्रयास होगा, उतने अधिक आपको परिणाम प्राप्त होंगे। भाई - बहनों से सहयोग के बाद आपके काम में तेजी आएगी। यहां उपस्थित गुरु आपकी राशि पर यानी आपके प्रथम भाव, आपके तृतीय भाव और आपके पंचम भाव पर दृष्टि डालेंगे जिससे आपको शिक्षा और उच्च शिक्षा में उत्तम परिणामों की प्राप्ति होगी।
संतान का सुख मिल सकता है। संतान प्राप्ति के योग बन सकते हैं। धर्म - कर्म में सफलता मिलेगी और परिवार के लोगों से अच्छा सामंजस्य बढ़ेगा।
नकारात्मक प्रभाव - अक्टूबर में बृहस्पति के दशम भाव में जाने से कार्यक्षेत्र में कुछ असमंजस की स्थिति रहेगी। अति आत्मविश्वासी होने से बचें। वक्री अवस्था में बृहस्पति दिसंबर में आपके नवम भाव में प्रवेश करेंगे, तब कार्यों में रुकावटें आ सकती है और आपके पिताजी को स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
उपाय: आपको बृहस्पतिवार का व्रत रखना चाहिए।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु बृहस्पति दूसरे और पंचम भाव के स्वामी हैं। गुरु गोचर 2025 आपके लिए अष्टम भाव में होने जा रहा है।
सकारात्मक प्रभाव - गुरु गोचर के प्रभाव से विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं। अचानक से कभी-कभी धन प्राप्ति हो सकते हैं। अक्टूबर में बृहस्पति के नवम भाव में गोचर होने से सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। भाग्य मजबूत होगा और आप जीवन में सफलता प्राप्त करेंगे। नौकरी में बदलाव हो सकता है और दूसरी नौकरी अच्छी पदोन्नति के अवसर प्राप्त होगा।
नकारात्मक प्रभाव - आपकी राशि के लिए यह गोचर ज्यादा अनुकूल नहीं है इसलिए आपको अपने कार्यों को सावधानीपूर्वक तथा समझदारी से करना चाहिए। आपको कार्यक्षेत्र में कुछ अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। बनते हुए कामों में बाधा आ सकती है।
आपको धार्मिक कामों में रूचि होगी जिससे आपको अच्छे आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होंगे लेकिन धन संबंधी मामलों में आपको परेशानी उठानी पड़ सकती है। धन हानि हो सकती है। स्वास्थ्य में गिरावट आपको परेशानी दे सकती है। यहां उपस्थित बृहस्पति महाराज आपके द्वादश भाव, द्वितीय भाव और चतुर्थ भाव पर पूर्ण दृष्टि डालेंगे जिससे आपके खर्चों में बढ़ोतरी होगी।
इसके अतिरिक्त परिवार में ससुराल के लोगों का हस्तक्षेप बढ़ सकता है। वक्री अवस्था में बृहस्पति दिसंबर में एक बार फिर अष्टम भाव में प्रवेश करेंगे, उस समय आपको अपने धन और स्वास्थ्य संबंधी क्षेत्र में विशेष ध्यान रखना चाहिए।
उपाय: गुरुवार के दिन श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ अवश्य करें।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए गुरु बहुत ही महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह आपकी राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके चतुर्थ भाव यानी कि आपके सुख भाव के स्वामी भी हैं और बृहस्पति का गोचर आपकी राशि से सप्तम भाव में होगा।
सकारात्मक प्रभाव - यह गोचर आपके वैवाहिक संबंधों के लिए मधुरता लाएगा। आप और आपके जीवनसाथी के संबंध मजबूत होंगे और आपसी प्रेम बढ़ेगा। एक - दूसरे के प्रति जिम्मेदारी निभाने का भाव और समर्पण की भावना बढ़ेगी।
आप यदि कोई व्यवसाय करते हैं तो उसमें भी आपको अच्छी सफलता प्राप्त हो सकती है। जमीन से जुड़ी कोई पुरानी समस्या दूर हो सकती है। आप संपत्ति अर्जित कर सकते हैं। यहां से बृहस्पति महाराज आपके एकादश भाव, प्रथम भाव और तृतीय भाव को देखेंगे जिससे यात्राओं से लाभ होगा, आपकी आमदनी में बढ़ोतरी और तेजी देखने को मिल सकती है, आपकी निर्णय लेने की क्षमता अच्छी होगी जिससे आपको लाभ प्राप्त होगा।
अक्टूबर में जब बृहस्पति अष्टम भाव में जाएंगे तो आपको गहन आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होगा। ससुराल से कोई सुखद समाचार मिल सकता है।
नकारात्मक प्रभाव - गुरु गोचर के नकारात्मक प्रभाव से आपके स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। वक्री अवस्था में बृहस्पति दिसंबर माह में सप्तम भाव में फिर से आ जाएंगे तब वैवाहिक संबंधों में आपसी सामंजस्य की कमी हो सकती है और आपको अपने व्यवसाय पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
उपाय: गुरुवार के दिन से शुरू करके बृहस्पति महाराज के बीज मंत्र का जाप करें।
मकर राशिफल
मकर राशि के जातकों के लिए बृहस्पति महाराज तीसरे भाव और द्वादश भाव के स्वामी हैं और गुरु गोचर 2025 आपकी राशि से छठे भाव में होगा।
सकारात्मक प्रभाव - अक्टूबर में जैसे ही बृहस्पति महाराज सप्तम भाव में प्रवेश करेंगे, जिससे आपके जीवन में आर्थिक समृद्धि होने के साथ ही आपको अपने जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा जिससे वैवाहिक संबंधों में प्रगति आएगी। अविवाहित जातकों का विवाह के योग बनेंगे। आपकी निर्णय लेने की क्षमता भी प्रबल होगी और आप अपने व्यवसाय में भी उन्नति करेंगे । इस समय आपको नौकरी में भी पदोन्नति के प्रबल योग बनेंगे।
नकारात्मक प्रभाव - इस गोचर के समय आपको विशेष रूप से सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि इस गोचर के दौरान जहां एक तरफ आपको अपनी नौकरी में अच्छे परिणाम मिलेंगे, वहीं आपको स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे एसिडिटी, अपच, पाचन तंत्र और वसा जनित समस्याएं या कोलेस्ट्रोल का बढ़ना आपके स्वास्थ्य परेशानी का कारण बन सकता है।
इस दौरान खर्चों में भी बढ़ोतरी होगी। आप अपने आलस्य को छोड़ेंगे, तभी आपको सफलता मिलेगी। इस समय आपके विरोधी प्रबल हो सकते है । वक्री अवस्था में बृहस्पति के दिसंबर के महीने में फिर से छठे भाव में आने से आपको अपने स्वास्थ्य समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत होगी।
उपाय: गुरुवार के दिन गुड़ और चने की दाल से केले के वृक्ष की पूजा करें।
कुंभ राशि
कुम्भ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति महाराज दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। गुरु गोचर 2025 आपकी राशि से पंचम भाव में होने जा रहा है।
सकारात्मक प्रभाव - यह गोचर आपको धन लाभ तथा आर्थिक समृद्धि के प्रबल योग प्रदान करता है। आपको योजनाओं में सफलता मिलेगी। मनचाही इच्छापूर्ति होगी। आपकी आमदनी में जबरदस्त लाभ होने के योग बनेंगे। यदि आप नौकरी में बदलाव चाहते हैं तो यह समय आपके लिए उपयुक्त अवसर प्रदान करेगा और आपको अपने मनचाहे क्षेत्र में एक अच्छी नौकरी मिलेगी।
यहां से बृहस्पति आपके नवम भाव, एकादश भाव और प्रथम भाव को देखेंगे और आपके अंदर उत्तम संस्कारों में वृद्धि होगी तथा आपकी संतान भी संस्कारी बनेगी। शिक्षा में आपको उत्तम सफलता प्राप्त होगी। आप धन कमाने के लिए लालायित रहेंगे। संतान से जुड़ी शुभ सूचनाऐं आपको प्राप्त होंगी। आपकी स्वास्थ्य समस्याओं में कमी आएगी। निर्णय लेने की क्षमता प्रबल होगी।
नकारात्मक प्रभाव - अक्टूबर के महीने में जब बृहस्पति छठे भाव में आएंगे तो स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकते हैं और आपके खर्चों में भी वृद्धि होगी। उसके बाद जब बृहस्पति वक्री अवस्था में पंचम भाव में दिसंबर के महीने में आएँगे, तब आपको प्रेम संबंधों में आने वाली समस्याओं के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है इसके साथ ही आपको आर्थिक चुनौतियों तथा स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति ध्यान देना चाहिए। इस दौरान आपको नौकरी में भी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय: गुरुवार के दिन श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।
मीन राशि
गुरु गोचर 2025 आपके लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि गुरु महाराज आपकी राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आपके कर्म भाव यानी की दशम भाव के स्वामी भी हैं और गुरु का यह गोचर आपकी राशि से चतुर्थ भाव में होने जा रहा है।
सकारात्मक प्रभाव - आप अपने कार्यक्षेत्र में अच्छी सफलता अर्जित कर पाएंगे। आप खूब मेहनत करेंगे। पूरे ध्यान से अपने काम को करेंगे जिससे आपके प्रदर्शन में सुधार आने के योग बनेंगे। आप अपने जीवन में वृद्धि करेंगे और आपके ससुराल पक्ष के लिए भी यह अच्छा समय रहेगा, उन्हें इस समय कुछ अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
आपकी यात्रा को योग बनेगा जिससे आप काम के सिलसिले में एक शहर से दूसरे शहर जा सकते हैं। अक्टूबर के महीने में बृहस्पति जब पंचम भाव में गोचर करेंगे तो वह समय आपके संतान और आर्थिक समृद्धि के लिए अच्छा रहेगा। प्रेम संबंधों में भी सफलता प्राप्त होगी।
नकारात्मक प्रभाव - बृहस्पति के इस गोचर के प्रभाव से आपके पारिवारिक जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा और आपसी सामंजस्य की कमी रहेगी। वहीं बृहस्पति आपके अष्टम भाव, दशम भाव और द्वादश भाव को देखेंगे जिससे खर्चों में बढ़ोतरी होगी।
हालांकि खर्च अच्छे कार्यों पर होंगे। उसके बाद वक्री होकर जब बृहस्पति एक बार फिर से चतुर्थ भाव में दिसंबर में प्रवेश करेंगे जिसके परिणामस्वरूप पारिवारिक समस्याओं वृद्धि हो सकती है। परिवार के लोगों के बीच पारस्परिक सामंजस्य की कमी समस्या का बड़ा कारण बन सकता है। आपको कार्यक्षेत्र में भी कड़ी मेहनत करनी होगी, तभी जाकर आपको सफलता प्राप्त होगी।
उपाय: आपको गुरुवार के दिन बृहस्पति महाराज के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।
निष्कर्ष
इस वर्ष गुरु गोचर उनके लिए बहुत लाभकारी होगा जिनके कुंडली में बृहस्पति मजबूत स्थिति में हैं तथा यह अन्य जातकों के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव डालेंगे। चुनौतियां जीवन का एक अभिन्न अंग है जो हमें सकारात्मक और दृढ़ निश्चयी बनाते है। अतः विपरीत परिस्थितियों में भी सकारात्मकता अपनाते हुए सही दिशा में प्रयास करते रहने चाहिए जो सफलता अवश्य दिलाएगा।
निष्कर्ष #
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