नौ ग्रहों के असंतुलन से उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याएं और उनके ज्योतिषीय समाधान
ग्रहों के विषय में जब बात होती है, तो ये तो हम सभी जानते हैं कि ग्रह हमारे दैनिक जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं। जीवन का कोई भी क्षेत्र हो चाहे करियर हो, नौकरी हो, स्वास्थ्य हो, ग्रह हमेशा यह तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं कि हमें किस प्रकार के परिणाम प्राप्त होंगे। इसी संदर्भ में जब स्वास्थ्य को देखा जाए तो ये नौ ग्रह हमारे स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक तथा नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
ज्योतिष तथा स्वास्थ्य का संबंध:
वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक ग्रह का संबंध व्यक्ति के किसी न किसी ग्रह से अवश्य होता है तथा इन ग्रहों का प्रभाव व्यक्ति के स्वास्थ्य पर पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार जब कोई पीड़ित ग्रह लग्न, लग्नेश, षष्टम भाव तथा अष्टम भाव से संबंध बनाता है तो ग्रह से संबंधित अंग रोग से प्रभावित हो सकता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार षष्टम भाव के स्वामी का संबंध लग्न भाव लग्नेश से होना स्वास्थ्य के पक्ष से शुभ नहीं माना जाता है। षष्टम भाव का स्वामी एकादश भाव में हो तो रोग अधिक होने की संभावना बढ़ जाती है।
आज हम इस ब्लॉग की मदद से जानेंगे कि कौन-सा ग्रह किन स्वास्थ्य समस्याओं के लिए जिम्मेदार होता हतथा हम इसके क्या उपाय कर सकते हैं।
सूर्य
सूर्य ग्रह व्यक्ति के सिर, पेट, हृदय, पुरुष की दायी आँख, स्त्री की बायीं आँख, साइनस, माइग्रेन तथा तेज बुखार के लिए जिम्मेदार होता है।
संतुलित करने के ज्योतिषीय उपाय:
अपने घर के आसपास के जरूरतमंद लोगों की मदद करके, उनकी बीमारी के उचित उपचार के लिए दवा दान करें।
मंत्र: 'ॐ सूर्याय नम:' का जाप करें तथा सूर्य देव को अर्घ्य दें।
चन्द्रमा
चन्द्रमा को मन का प्रतीक माना जाता है। अतः सबसे पहले तो चन्द्रमा मनःस्थिति को प्रभावित करने वाला ग्रह माना जाता है। इसके अलावा यह फेफड़ा, रक्त, अनिद्रा इत्यादि रोगों के लिए जिम्मेदार होता है। शनि के साथ इसकी युति होने पर यह सुखी खांसी, मधुमेह, उल्टी आदि का कारण बन जाता है।
संतुलित करने के ज्योतिषीय उपाय:
प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव की पूजा करें, शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं। प्रतिदिन शिव का स्मरण करके उनका ध्यान करें।
मंत्र: 'ॐ सोम सोमाय नम:' मंत्र का 27 या 108 बार जाप करें।
मंगल
मंगल ग्रह छाती, दांत, नाक, लाल रक्त कोशिकाओं आदि से संबंधित रोग के लिए जिम्मेदार होता है। यदि कुंडली में मंगल दोष हो तो उससे व्यक्ति को मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
संतुलित करने के ज्योतिषीय उपाय:
मंदिरों में मिठाई दान करें, अपने घर में नीम का पेड़ लगाएं। नियमित रूप से गाय की सेवा करें। भगवान हनुमान की पूजा करना भी शुभ सिद्ध होगा।
मंत्र: 'ॐ भौं भौमाय नम:' मंत्र का 27 या 108 बार जाप करें।
बुध
बुध ग्रह तंत्रिका तंत्र, त्वचा, चेहरे, थायराइड आदि रोगों के लिए जिम्मेदार होता है। साथ ही मानसिक परेशानियों, कान की समस्या के लिए भी जिम्मेदार होता है।
संतुलित करने के ज्योतिषीय उपाय:
आप हरे रंग के वस्त्र का दान करें। अपने से बड़े लोगों का सम्मान करें तथा छोटों को प्रेम दें। किसी पर भी बिना कारण क्रोधित न हों। बुध ग्रह के स्वामी भगवान विष्णु की पूजा करें।
मंत्र: 'ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नम:' मंत्र का 27 या 108 बार जाप करें।
बृहस्पति
बृहस्पति ग्रह के कारण लीवर, किडनी, अग्नाशय, मोटापा, फैटी लीवर, हृदय, ट्यूमर इत्यादि जैसी समस्या हो सकती है।
संतुलित करने के ज्योतिषीय उपाय:
बृहस्पतिवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करें। पीले रंग का वस्त्र धारण करें। बृहस्पतिवार के दिन व्रत रखें तथा बृहस्पति देव को चने की दाल और गुड़ का भोग चढ़ायें।
मंत्र: 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नम:' मंत्र का 27 या 108 बार जाप करें।
शुक्र
शुक्र के नकारात्मक प्रभाव से गले की समस्या, गले की ग्रंथियों, चेहरे, गाल, मूत्र संबंधी समस्या हो सकती है।
संतुलित करने के ज्योतिषीय उपाय:
शुक्रवार के दिन माता वैभव लक्ष्मी की पूजा करें। अपने जीवनसाथी का सम्मान करें, महिलाओं को भोजन करवायें। शुक्रवार के दिन का व्रत रखना लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
मंत्र: 'ॐ शुं शुक्राय नम:' मंत्र का 27 या 108 बार जाप करें।
शनि
शनि के कारण पैर, हड्डी, मांसपेशी, दांत, बाल, शारीरिक कमजोरी, जोड़ों में दर्द जैसी समस्या हो सकती है।
संतुलित करने के ज्योतिषीय उपाय:
शनिवार के दिन शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं तथा सरसों तेल का दीया घर के दक्षिण दिशा में जलाएं। अपने कर्म को करते जाएं, फल की चिंता न करें। शनिदेव आपको आपके कर्म के अनुसार ही फल प्रदान करेंगे।
मंत्र: 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' मंत्र का 27 या 108 बार जाप करें।
राहु
राहु ग्रह के कारण कैंसर, सांस लेने में तकलीफ, मोतियाबिंद या हकलाने जैसी समस्या हो सकती है।
संतुलित करने के ज्योतिषीय उपाय:
रविवार के दिन तांबे के बर्तन में गेंहू, गुड़ डालकर दान करें। चाँदी धारण करना आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। नारियल को किसी नदी में प्रवाहित करें।
मंत्र: 'ॐ रां राहवे नम:' मंत्र का 27 या 108 बार जाप करें।
केतु
केतु ग्रह के कारण अल्सर, मोतियाबिंद, कीड़े काटने के कारण घाव होने जैसी समस्या हो सकती है। केतु ग्रह के कारण कोई रहस्यमय स्वास्थ्य संबंधी समस्या भी आपको हो सकती है।
संतुलित करने के ज्योतिषीय उपाय:
छोटे बच्चों के साथ प्रेम से पेश आएं। केतु के दुष्प्रभाव को अपने जीवन से कम करने के लिए भगवान गणेश की पूजा करें।
मंत्र: 'ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नम:' मंत्र का 28 या 108 बार जाप करें।
ग्रहों के असंतुलित होने के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्या उत्पन्न होती है, किन्तु ग्रहों की स्थिति को संतुलित करके आप इन सभी समस्याओं पर काबू पा सकते हैं। कुछ उपाय करके आप ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को अपने जीवन से दूर कर सकते हैं।
इन उपायों के अलावा, सभी व्यक्ति को प्रतिदिन ध्यान करना चाहिए। इससे आपके मन को शांति मिलेगी तथा ध्यान एकाग्र रहेगा।
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