क्या आपकी कुंडली में है कालसर्प दोष? इसके प्रभाव से बचने के सरल व सटीक उपाय

हम सभी को अपने जीवन में समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, और कई बार हम अनुभव करते हैं कि हमारे जीवन में विभिन्न तरह की समस्याएं होती हैं जो हमें परेशान करती हैं। ज्योतिष विज्ञान में, जन्मकुंडली का महत्वपूर्ण स्थान है जो हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रकट करता है और हमें उनसे मुक्ति के लिए मार्गदर्शन करता है। इसमें से एक ऐसी ग्रह दोष है, जिसे 'कालसर्प दोष' कहा जाता है। हमारे इस लेख में, हम आपको इस दोष के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे जिससे आप इससे संबंधित सभी पहलुओं को समझ पाएंगे।
कालसर्प दोष क्या है ?
ज्योतिषशास्त्र में हमारे जीवन से सम्बंधित हर दोष व समस्या का उपाय मिलता है।ऐसे ही दोषों की सूची में कालसर्प दोष का वर्णन भी देखने को मिलता है जिसके होने पर जातकों के जीवन समस्याएं लगी रहती हैं।अतः हमें इन दोषों का निवारण समय पर करना चाहिए।
कालसर्प दोष का निर्माण कुंडली में स्थित राहु और केतु की स्थिति करती है। कुंडली में राहु और केतु 180 डिग्री पर रहते हैं और जब बाकी के सातों ग्रह राहु तथा केतु की के मध्य आ जाएँ, तो ऐसी स्थिति में कालसर्प योग बनता है; जिसे कालसर्प दोष भी कहा जाता है।
राहु के अधिदेवता काल है और केतु के प्रत्यधि देवता है सर्प है, एक कारण ये भी है जो इसे कालसर्प दोष कहा जाता है। यदि कालसर्प का अर्थ जानने की कोशिश करें तो काल शब्द का अर्थ होता है समय और सर्प का अर्थ होता है विषैला अर्थात जिस व्यक्ति की कुंडली में ये कालसर्प दोष होगा उसके जीवन में परेशानी हमेशा लगी ही रहेगी।
कालसर्प दोष के प्रकार
कालसर्प दोष के 12 प्रकार के योग होते हैं। जो कि निम्न है
1. अनंत
2. शंखपाल
3. कुलिक
4. कर्कोटक
5. वासुकी
6. पदम् कालसर्प योग
7. महापद्म
8. तक्षक
9. शंखचूर्ण
10. पातक
11. शेषनाग
12. विषाक्त कालसर्प दोष
कालसर्प दोष के प्रभाव
कालसर्प दोष के प्रभाव हमारे जीवन के हर पक्ष पर पड़ता है। जातक को निरंतर समस्याएं होती हैं जैसे कि आर्थिक समस्या, स्वास्थ्य समस्या, परिवारिक विवाद आदि। इसके अलावा भी इसका विभिन्न प्रभाव पड़ता है जैसे कि
कालसर्प दोष के इन प्रभावों को दूर करने के लिए विभिन्न उपाय और शांति विधान किए जाते हैं जो व्यक्ति की समस्याओं को कम कर सकते हैं।
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कालसर्प दोष निवारण के उपाय
कालसर्प दोष को शांत करने के आसान और प्रभावी उपाय हैं जिन्हें करके आप इस दोष के प्रभाव से बच सकते हैं। कुछ प्रमुख उपाय:
यह कुछ प्रमुख कालसर्प दोष निवारण के उपाय हैं जिनका अनुसरण करके आप अपने जीवन की समस्याओं से मुक्त हो सकते हैं। इसके अलावा, समय के अभाव व व्यस्त जीवन शैली के कारण बहुत से जातक के लिए यह सब करना संभवतः कठिन हो। अतः कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाना सबसे सरल उपाय होगा जो कि बहुत ही प्रभावी भी होता है।
कालसर्प दोष निवारण पूजा की विधि
1 - उपवास रखें।
काल सर्प दोष निवारण पूजा एक दिन तक चलती है। इस दिन आप व्रत रखें तो बेहतर होगा। यदि आपको लगता है कि व्रत रखना संभव नहीं है तो यथासंभव सात्विक भोजन करने का प्रयास करें।
राहु के अधिदेवता काल है और केतु के प्रत्यधि देवता है सर्प है, एक कारण ये भी है जो इसे कालसर्प दोष कहा जाता है। यदि कालसर्प का अर्थ जानने की कोशिश करें तो काल शब्द का अर्थ होता है समय और सर्प का अर्थ होता है विषैला अर्थात जिस व्यक्ति की कुंडली में ये कालसर्प दोष होगा उसके जीवन में परेशानी हमेशा लगी ही रहेगी।
अपने पूजा के दिन नशीले पदार्थों के सेवन से पूर्णतया बचें। यदि आप उस विशेष दिन के लिए ब्रह्मचर्य बनाए रखते हैं तो पूजा आपको उत्कृष्ट परिणाम देगी।
2 - शुद्धता व स्वछता का ध्यान रखें।
पूजा के दिन प्रातः जल्दी जागें, यदि सम्भव हो तो ब्रह्म मुहूर्त में उठें । अपने दैनिक दिनचर्या करने के बाद, पूजा हेतु उपयुक्त और स्वच्छ कपड़े पहनें।
कालसर्प दोष की पूजा, तेल लगे बालों के साथ नहीं की जा सकती। इसलिए, यह आवश्यक है कि आप पूजा के दिन अपने बालों को अच्छे से धोयें।
3 - सही दिन चुनें
काल सर्प दोष के लिए सही दिन का चयन करना महत्वपूर्ण है। हम जो पूजा करते हैं वह सही दिन और सही समय पर करने पर सफल व अत्यंत लाभदायी होता है।
काल सर्प दोष पूजा के लिए सबसे अच्छे दिन अमावस्या, नाग पंचमी, मंगलवार और रविवार हैं। आप सूर्य या चंद्र ग्रहण पर भी पूजा कर सकते हैं।
4 - भगवान शिव की पूजा करें और रुद्राभिषेक करें
इस पूजा के होने के बाद, यदि आप भगवान शिव के मंदिर में जाकर उनकी पूजा और रुद्राभिषेक करें तो यह आपके लिए अत्यंत हितकारी होगा।
रुद्राभिषेक करने से प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और आपको व्यक्तिगत और व्यावसायिक स्थिरता मिलेगी।
गर्भवती महिलाओं को पूजा में बैठने से बचना चाहिए।
5 - काल सर्प दोष निवारण पूजा के दौरान जपने योग्य मंत्र
महा मृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
नाग गायंत्री मंत्र
ॐ नवकुलाय विदमहे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात ॥
श्री विष्णु मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥
कालसर्प दोष निवारण पूजा के लाभ
आर्थिक स्थिरता: कालसर्प दोष निवारण पूजा से आपको आर्थिक स्थिरता मिलती है और आर्थिक समस्याएं कम होती हैं।
स्वास्थ्य लाभ: यह पूजा व्यक्ति के स्वास्थ्य और ऊर्जा की वृद्धि करती है, जिससे रोगों का सामना करने की क्षमता बढ़ती है।
प्रेम और पारिवारिक सुख: कालसर्प दोष निवारण पूजा से संबंधों में सौहार्द व प्रेम की वृद्धि होती है और पारिवारिक संबंध मधुर होते हैं।
करियर में सफलता: यह पूजा करियर में उन्नति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और आपके पेशेवर जीवन में सफलता प्राप्त करने में सहायक होती है।
मानसिक शांति: कालसर्प दोष निवारण पूजा से मानसिक समस्याओं का समाधान होता है और मानसिक शांति मिलती है।
सुखी व समृद्ध वैवाहिक जीवन: विवाह में देरी से बचाव होता है। जो लोग पहले से विवाहित हैं, उनके लिए यह वैवाहिक शांति और सद्भाव को बढ़ावा देता है।
सामर्थ्य और सफलता: इस पूजा से व्यक्ति को सामर्थ्य और सफलता मिलती है जो उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में उच्च स्तर तक पहुंचने में सहायता करती है।
निम्न मंत्रों के जाप से भी कालसर्प दोष से निवारण में मदद मिलेगी
1. महामृत्युंजय मंत्र का जाप भगवान शिव की पूजा करते समय करें।
2. 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप सुबह और शाम करें।
3. 108 बार 'गायत्री मंत्र' का जाप भी आपको इस दोष से मुक्ति दिलाने में मदद करेगा।
काल सर्प दोष के निवारण के लिए 'ॐ नागद्वाजाय विद्महे वासुकिराजाय धीमहि। तन्नो नाग: प्रचोदयात्॥' मंत्र जो कि सबसे प्रसिद्ध मंत्र है, इसके नियमित जाप करने से काल सर्प दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
उपर्युक्त उपाय करके आप इस कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव को अपने जीवन से दूर कर सकते हैं
काल सर्प दोष के कारण होने वाले लाभ तथा हानि
लाभ: काल सर्प दोष से मुक्ति प्राप्त करने से व्यक्ति को नए उत्थान तथा सफलता की प्राप्ति होती है। यह भय, विपत्ति, और संकटों से आपकी रक्षा करता है इसके साथ ही धन, स्वास्थ्य, और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है।
हानि: काल सर्प दोष के असामान्य योग के कारण व्यक्ति को अनिष्ट घटनाओं, निराशा, और अस्थिरता का सामना कर सकता है। यह विवाद, संबंधों में समस्याएं, संघर्ष, तथा स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा कर सकता है।
काल सर्प दोष की पूजा
यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में काल सर्प दोष हो, तो वे इसके निवारण के लिए विशेष पूजा-अर्चना कर सकते हैं। काल सर्प दोष के निवारण के लिए कुछ सामान्य पूजा विधियां निम्नलिखित हैं
1. नाग पंचमी पूजा: नाग पंचमी को काल सर्प दोष निवारण के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने से व्यक्ति को इस दोष से मुक्ति मिल सकती है।
2. मंत्र जाप: 'ॐ नागद्वाजाय विद्महे वासुकिराजाय धीमहि। तन्नो नाग: प्रचोदयात्॥' इस मंत्र का जाप काल सर्प दोष निवारण के लिए किया जा सकता है।
3. शिव-पार्वती पूजा: भगवान शिव तथा पार्वती की पूजा से भी काल सर्प दोष का निवारण किया जा सकता है।
4. रुद्राभिषेक: सर्प भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है अतः रुद्राभिषेक करने से भी काल सर्प दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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