श्रावण माह के पवित्र अवसर पर रुद्राभिषेक का लाभ उठायें , शिव की कृपा पाएं

वैदिक ऋषि के साथ श्रावण के पवित्र महीने में भगवान शिव के प्रति अपना समर्पण दिखाएं और अपने जीवन से सभी बाधाओं को दूर करें ।

श्रावण माह में हर दिन हम, वैदिक ऋषि में, भगवान शंकर के प्रति प्रेम, भक्ति और कृतज्ञता का प्रदर्शन करने के लिए रुद्राभिषेक का आयोजन करते हैं।

जुड़ें हमारे साथ और सुनिश्चित करें

check

अपना व अपने परिवार का समग्र कल्याण

check

अभीष्ट इच्छाओं की पूर्ति

check

आध्यात्मिक विकास और अपार आनंद का अनुभव

रुद्राभिषेक आपके गोत्र के आधार पर और पूर्ण वैदिक रीति-रिवाज़ों के साथ संपन्न होंगे, इसलिए आपको किसी चीज़ की चिंता करने की आवश्यकता नहीं, आप केवल पूर्ण आस्था के साथ पवित्र मन से इसमें सम्मिलित हों।

हमारे पास विशिष्ट रुद्राभिषेक व सामूहिक रुद्राभिषेक का विकल्प उपलब्ध है।

क्यों हैं श्रावण माह में रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व ?

रुद्राभिषेक में भगवान शिव के रुद्र स्वरूप की पूजा की जाती है और श्रावण मास में भगवान शिव की विशेष कृपा बरसती है। साथ ही, इस समय आध्यात्मिक व ब्रह्मांडीय ऊर्जा उच्चतर होती है जिसके कारण रुद्राभिषेक का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है, इसलिए यह मास रुद्राभिषेक करने का सबसे उत्तम समय माना जाता है

साथ ही श्रावण माह में रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव की प्रसन्नता, आशीर्वाद और अभीष्ट सिद्धि की प्राप्ति अतिशीघ्र होती है ।

इस मास में रुद्राभिषेक करने से शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है। यह स्वास्थ्य को सुधारने और रोगों से मुक्ति पाने में सहायता करता है।

रुद्राभिषेक आपके जीवन में समग्र कल्याण, समृद्धि तथा खुशहाली की प्राप्ति का मार्ग दर्शाता है। यह आपके व्यापार, करियर, परिवार और व्यक्तिगत जीवन में सफलता प्रदान करता है।

जानें वैदिक ऋषि में कैसे होगी रुद्राभिषेक की पूजा पद्धति

  • 1
    संकल्प
    पूजा के आरंभ में सर्वप्रथम आपके नाम व गोत्र के साथ आपके अभीष्ट इच्छा पूर्ति के लिए संकल्प लिया जायेगा।
  • 2
    शिवलिंग स्नान व पंचामृत अभिषेक
    शिव लिंग को पंचामृत से वैदिक मंत्रोच्चार के द्वारा स्नान कराया जाता है, इसके पश्चात जल से शुद्धिकरण किया जाता है।
  • 3
    लघुन्यास का पाठ
    उपस्थित पंडित जी लघुन्यास का पाठ करेंगे। जिसमें आप अपनी माला के साथ जुड़ सकते हैं या केवल मंत्रों पर ध्यान दे सकते हैं।
  • 4
    शिवोपासना मंत्र जप
    लघुन्यास पाठ के पश्चात शिवोपासना मंत्र का उच्चारण होगा जो हर प्रकार के अनिष्ट से सुरक्षा प्रदान करेगा।
  • 5
    शिव अष्टोत्तर शतनामावली पाठ
    इसके पश्चात भगवान शिव के 108 नामों का जाप होगा, जिन्हें अष्टोत्तर शतनामावली भी कहा जाता है।
  • 6
    श्री रुद्रम का पाठ
    यजुर्वेद के अध्याय 16 और अध्याय 18 से श्री रुद्रम का पाठ किया जायेगा। इस दौरान आप मंत्र और श्लोकों पर ध्यान देकर पूजा में सम्मिलित रहें।

देखिए वैदिक ऋषि के साथ रुद्राभिषेक के कुछ अंश

इस वर्ष रुद्राभिषेक आपके लिए वैदिक ऋषि के कुंडली एप्प व वेबसाइट पर लाइव-स्ट्रीम किया जाएगा। इसका अधिक से अधिक लाभ लेकर जीवन को धन्य करें।

यह पवित्र रुद्राभिषेक करें

check

आपके गोत्र के आधार पर

वैदिक रीति के साथ

देखें कि हमारे पिछले प्रतिभागियों का हमारे साथ रुद्राभिषेक के अनुभव के बारे में क्या कहना है

देखें कि हमारे पिछले प्रतिभागियों का हमारे साथ रुद्राभिषेक के अनुभव के बारे में क्या कहना है

मेरे जीवन में महादेव व रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है। मैं लगभग 3-4 वर्षों से वैदिक ऋषि के साथ रुद्राभिषेक कर रहा हूँ,जिसका मेरे जीवन में आत्मविश्वास और सकारात्मकता को बढ़ाने में विशेष योगदान है। मेरा इन पर पूर्ण विश्वास है क्योंकि यहाँ पर पूरी तरह से वैदिक रीती के साथ आयोजन होता है।

– सूरज राठौर

5 out of 5

" मेरे अनुभव के आधार पर, वैदिक ऋषि द्वारा आयोजित रुद्राभिषेक पूजा एक अद्वितीय और आनंददायक अनुभव है। कई वर्षों से यह पूजा चल रही है और इसमें भाग लेने वाले लोगों के लिए अत्यंत लाभदायक है। मेरे जीवन में यह पूजा सकारात्मकता, आत्मविश्वास और आंतरिक शांति का एक महत्वपूर्ण स्रोत साबित हुआ है। मैं वैदिक ऋषि के प्रति आभारी हूँ क्योंकि वे अपने यूज़र्स को इतना महत्वपूर्ण अनुभव प्रदान करते हैं।"

– साक्षी सावंत

5 out of 5

"वैदिक ऋषि के साथ रुद्राभिषेक करके मुझे इसके प्रभावशाली परिणामों का अनुभव हुआ है। मेरे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का अद्भुत अनुभव मुझे मिला है। मेरे जीवन में सकारात्मक बदलाव हुआ है। मैं इनके आयोजकों को इस उत्कृष्ट पूजा के लिए धन्यवाद देती हूँ।"

– मन्वित त्रिपाठी

5 out of 5

वैदिक ऋषि के रुद्राभिषेक आयोजन के बारे में सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न